हमारे देश भारत में ढेरों ऐतिहासिक जगहें (historical places in India) हैं जिनकी लोकप्रियता दुनिया भर में फैली हुई है और इस वजह से विदेशों से भारी संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं।
भारत वर्ष की भूमि पर अनगिनत इतिहास दफ़न हैं जो यहाँ की संपन्न संस्कृति और गौरवमयी इतिहास को दिखाता है |
देश के हर कोने में आपको ऐसी ऐसी ऐतिहासिक संरचनाएं देखने को मिल जाएँगी जिनको देख का आप कुछ समय के लिए अतीत में चले जायेंगे |
इन ऐतिहासिक स्थलों के अंतर्गत आप देख सकते हैं अनोखे मंदिर, मस्जिद, किले, महल और स्मारक जिनके बारे में हम लोग इस लेख में विस्तार से बात करने वाले हैं |
तो इस लेख में आप पाएंगे 25 ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी और इमारतों के नाम जहाँ आपको अपने जीवन में एक बार अवश्य जाना चाहिए |
पर्यटन की दृष्टि से और घूमने की योजना बनाने के लिए यह लेख आपके लिए काफी उपयोगी साबित होने वाला है |
भारत के 25 प्रमुख ऐतिहासिक स्थल | 25 Historical Places in India
संख्या | 25 ऐतिहासिक स्थलों के नाम/ Historical Places in India | कहाँ स्थित है / Location |
1. | ताज महल | आगरा, उत्तर प्रदेश |
2. | क़ुतुब मीनार | दिल्ली |
3. | लाल किला | दिल्ली |
4. | अजंता एलोरा की गुफाएं | औरंगाबाद,महाराष्ट्र |
5. | कोणार्क मंदिर | पुरी, ओडिशा |
6. | हुमायूँ का मकबरा | दिल्ली |
7. | खजुराहो के मंदिर | खजुराहो, मध्य प्रदेश |
8. | साँची के स्तूप | साँची, मध्य प्रदेश |
9. | हवा महल | जयपुर, राजस्थान |
10. | फतेहपुर सीकरी | आगरा, उत्तर प्रदेश |
11. | आमेर का किला | जयपुर, राजस्थान |
12. | मैसूर महल | मैसूर, कर्नाटक |
13. | छत्रपति शिवाजी टर्मिनस | मुंबई, महाराष्ट्र |
14. | इंडिया गेट | दिल्ली |
15. | चार मीनार | हैदराबाद, तेलंगाना |
16. | विक्टोरिया मेमोरियल | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
17. | आगरे का किला | आगरा, उत्तर प्रदेश |
18. | ग्वालियर का किला | ग्वालियर, राजस्थान |
19. | रणथम्भौर का किला | सवाई माधोपुर, राजस्थान |
20. | हम्पी | होसपेट, कर्नाटक |
21. | गेटवे ऑफ़ इंडिया | मुंबई, महाराष्ट्र |
22. | जामा मस्जिद | दिल्ली |
23. | नालंदा विश्वविधालय | नालंदा, बिहार |
24. | कुम्भलगढ़ | उदयपुर, राजस्थान |
25. | जलियांवाला बाग | अमृतसर, पंजाब |
1. भारत के ऐतिहासिक स्थल – ताजमहल, आगरा
भारत ही नहीं बल्कि विश्व में स्थित जो भी ऐतिहासिक जगहें हैं उनमें ताजमहल का नाम काफी प्रसिद्द है।
दुनिया के सात अजूबे में से एक, भारत के आगरा में स्थित ताजमहल, वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है जो पूरी तरह से संगमरमर का बना हुआ है |
इस ऐतिहासिक ईमारत की बनावट मुख्यतः फ़ारसी, मध्य एशियाई और इस्लामी वास्तुकला का एक मिश्रण है|
ताजमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ (1628-1658) ने अपनी रानी अर्जुमंद बानो बेगम यानि मुमताज़ महल की याद में कराया था|
मुमताज़ महल के नाम पर ही इस ईमारत का नाम ताज महल रखा गया और इसे बनाने में लगभग 22 साल लगे थे |
ताजमहल के निर्माण का कार्य 1631 में शुरू हुआ और इसकी निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए 22,000 मजदूरों और 1,000 हाथियों का उपयोग किया गया था |
ताजमहल की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | आगरा कैंट ( 6 किलोमीटर) |
निकटतम हवाई अड्डा | नई दिल्ली (230 किलोमीटर) |
जाने का बेहतरीन मौसम | नवम्बर से फरवरी |
ताजमहल देखने का बेहतरीन समय | सुबह सुबह |
ताजमहल देखने का समय | सूर्योदय से 30 मिनट पहले खुलता है और सामान्य परिचालन दिनों के दौरान सूर्यास्त से 30 मिनट पहले बंद होता है |
अवकाश का दिन | शुक्रवार |
ताजमहल के टिकट का प्राइस | 50 रु – भारतीय 1100 रु – विदेशी नागरिक ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रु और विदेशी पर्यटकों को 50 रु प्रति टिकट की छूट मिलेगी | 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं (घरेलू और विदेशी दोनों)| यदि कोई मुख्य मकबरे पर जाना चाहता है तो अतिरिक्त 200 रुपये का शुल्क देना होगा | |
ताजमहल देखने के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएँ | पार्किंग से मुख्य द्वार तक जाने के लिए इलेक्ट्रिक बस और गोल्फ कार्ट की सुविधा | |
देखना न भूलें | ताज संग्रहालय जो परिसर के भीतर है और मुफ्त प्रवेश है |
2. Historical Places in India – क़ुतुब मीनार, दिल्ली
भारत में स्थित जो भी ऐतिहासिक जगहें हैं उनमें क़ुतुब मीनार का नाम बहुत प्रमुख है।
भारत की राजधानी दिल्ली के महरौली में यह इमारत स्थित है।
यह पूरी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है जो लाल पत्थर और मार्बल से बनी हुई है।
क़ुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है और इसका व्यास 14.32 मीटर है। इसके अंदर सीढ़ियों की संख्यां 379 है।
इस ऐतिहासिक ईमारत का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने सन् 1199 में करवाया था लेकिन सबसे पहले इसका ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर ही बना था।
बाद में इल्तुतमिश ने सन 1211 से लेकर 1236 के बीच इसकी 3 मंजिलें और बनवाई थीं।
कुतुब मीनार की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | नई दिल्ली रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा |
जाने का बेहतरीन मौसम | साल भर कभी भी जाया जा सकता है |
कुतुब मीनार देखने का बेहतरीन समय | शाम का समय |
कुतुब मीनार देखने का समय | सुबह 6:30 बजे से लेकर शाम को 6:30 बजे तक |
अवकाश का दिन | शुक्रवार |
टिकट का प्राइस | 40 रुपए- भारतीय पर्यटकों के लिए। 500 रुपए- विदेशी पर्यटकों के लिए। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटको को 5 रुपए प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट पर छूट मिलेगी। |
कुतुब मीनार देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, क्लॉक रूम, कैफेटेरिया |
देखना ना भूलें | दिल्ली का लौह स्तंभ, अलाउद्दीन का मदरसा और कब्र, कुवत उल इस्लाम मस्जिद। |
3. इंडिया में ऐतिहासिक जगहें – लाल किला, दिल्ली
लाल किले को भारत की आन बान और शान का प्रतीक माना जाता है जहाँ हर साल देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
भारत की दिल्ली में स्थित यह ऐतिहासिक ईमारत लाल बलुआ पत्थरों से बनी है और यहां से यमुना नदी का दिलकश नजारा भी दिखाई देता है।
इसकी बनावट में फारसी, इस्लामी, तैमूरी और हिंदू शैलियों की मिली जुली झलक देखने को मिलती है।
लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी राजधानी शाहजहांनाबाद के महल के तौर पर बनवाया था।
इस हिस्टोरिकल मोन्यूमेंट को बनने में लगभग 10 साल का समय लगा था और इसका निर्माण कार्य 1638 से लेकर 1648 तक के बीच तक चला था।
लाल किला की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा |
लाल किला जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च तक |
लाल किला देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह या फिर शाम के समय |
लाल किला देखने का समय | सुबह 9:30 बजे से खुलता है और शाम को 4:30 बजे तक खुला रहता है। |
अवकाश का दिन | सोमवार |
टिकट का प्राइस | 10 रूपए- भारतीय पर्यटकों के लिए। 250 रूपए – विदेशी नागरिकों के लिए। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रुपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
लाल किला देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, खाने-पीने के स्टाल और दुकानें |
देखना ना भूलें | रंग महल ,दीवान-ए-आम, नक्करखाना, नहर-ए-बहिष्त, जनाना, खास महल, दीवान-ए-खास, मोती मस्जिद, हयात बख्श बाग इत्यादि। |
4. भारत के ऐतिहासिक स्मारक – अजंता एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र
अजंता एलोरा गुफाएं बौद्ध स्मारक गुफाएं हैं और यह बौद्ध धर्म शिल्पकारी का एक बेहद उत्कृष्ट नमूना हैं।
यह ऐतिहासिक स्थल भारत के महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में स्थित हैं।
इनकी बनावट में बौद्धिक वास्तुकला की झलक देखने को मिलती हैं।
इन गुफाओं का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया था। अजंता में 29 गुफाएं हैं और एलोरा में 34 गुफाएं हैं।
अजंता एलोरा गुफाएं राष्ट्रकूट वंश के राजाओं ने बनवाई थीं।
इन गुफाओं का निर्माण दो चरणों में पूरा हुआ है सातवाहन काल में और वाकाक काल में। यह गुफाएं हिंदू, जैन और बौद्ध गुफाओं का मिश्रण हैं।
ध्यान दें अजंता और एलोरा की गुफाएं एक दूसरे से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर हैं पर आप इन्हें अलग अलग ही दिन इत्मीनान से देखें |
अजंता एलोरा गुफाओं की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | जलगांव औरंगाबाद |
निकटतम हवाई अड्डा | औरंगाबाद हवाई अड्डा |
अजंता/एलोरा गुफाएं जाने का बेहतरीन मौसम | किसी भी मौसम में जा सकते हैं। |
अजंता/एलोरा गुफाएं देखने का बेहतरीन समय | साल भर |
अजंता/एलोरा गुफाएं देखने का समय | सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक के बीच |
अवकाश का दिन | अजंता गुफाएं -सोमवार। एलोरा गुफाएं- मंगलवार |
टिकट का प्राइस | 40 रूपए- भारतीय पर्यटकों के लिए। 600 रूपए – विदेशी नागरिकों के लिए। 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क है। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रुपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
अजंता/एलोरा गुफाएं देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | रेस्टोरेंट्स, पार्किंग, दुकाने, सभागार इत्यादि। |
देखना ना भूलें | कैलासा मंदिर, ग्रिगनेश्वर मंदिर, जैन गुफाएं, बौद्ध गुफाएं |
5. भारत की ऐतिहासिक जगहें – सूर्य मंदिर कोणार्क
सूर्य मंदिर कोणार्क दुनिया भर में बहुत ज्यादा लोकप्रिय ऐतिहासिक जगह है।
भारत के उड़ीसा राज्य में स्थित यह मंदिर अपनी विचित्र निर्माण शैली के साथ-साथ सुंदर वास्तुकला की वजह से काफी प्रसिद्ध है।
इस मंदिर का निर्माण गंगा वंश के राजा नरसिंह देव ने करवाया था। यह मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है।
सूर्य कोणार्क मंदिर 1250 ईस्वी में बनवाया गया था।
यह मंदिर एक बड़े से रथ के आकार का बना हुआ है और इसके 12 पहिए हैं।
इस मंदिर की ऊंचाई 229 फीट है और कलिंग शैली का प्रयोग करके बनाए गए इस मंदिर में बहुत ही सुंदर सुंदर कलाकृतियां बनी हुई हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर को तीन तरह के पत्थरों से बनाया गया है।
इसके अलावा इसकी जो चोटी है उसका निर्माण करने के लिए 52 टन चुंबकीय लोहे का इस्तेमाल किया गया था।
इसे बनाने में 12 साल लग गए थे और 12000 मजदूरों ने दिन-रात काफी ज्यादा परिश्रम किया था।
सूर्य कोणार्क मंदिर की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | पुरी रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | बीजू पटनायक |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर फरवरी तक |
सूर्य कोणार्क मंदिर देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह |
सूर्य कोणार्क मंदिर देखने का समय | सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सातों दिन खुलता है |
टिकट का प्राइस | 50 रुपए -भारतीय पर्यटकों के लिए। 200 रुपए- विदेशी नागरिकों के लिए। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रुपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। 15 साल से कम आयु वाले बच्चे के लिए प्रवेश शुल्क नहीं है। |
सूर्य कोणार्क मंदिर देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड |
देखना ना भूलें | मंदिर का आकर्षक रथ वाला डिजाइन, कलाकृतियां, पुरातत्विक संग्रहाल |
6. भारत के ऐतिहासिक जगहें – हुमायूं का मकबरा, दिल्ली
भारत के दिल्ली में स्थित हुमायूं का मकबरा एक काफी लोकप्रिय ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है।
यह अपने जमाने का एक काफी अलीशान मकबरा था जिसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया था।
हुमायूं के मकबरे की बनावट में पारसी वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे मीरक मिर्जा ग्यास नामक एक पारसी आर्किटेक्ट ने बनाया था।
उनकी मृत्यु होने के बाद उनके बेटे सैयद मुहम्मद इब्न मिराक ग्यास ने इस मकबरे के काम को अंजाम दिया था।
हुमायूं के मकबरे को बेगम हमीदा बानो ने, अकबर से कह कर बनवाया था जो कि हुमायूं की बेगम थी।
उन्होंने यह मकबरा हुमायूं की याद में तामीर करवाया था इसीलिए इसका नाम हुमायूं का मकबरा रखा गया था।
हुमायूं के मकबरे को बनने में तकरीबन 8 साल का समय लगा था। इसका निर्माण कार्य 1565 से लेकर 1572 तक चला था।
हुमायूं के मकबरे की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | हजरत निजामुद्दीन |
निकटतम हवाई अड्डा | इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च |
हुमायूं का मकबरा देखने का बेहतरीन समय | सुबह या फिर शाम का समय |
हुमायूं का मकबरा देखने का समय | सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुलता है |
टिकट का प्राइस | 35 रुपए – भारतीयों के लिए। 550 रूपए – विदेशी नागरिकों के लिए। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटक को को प्रति टिकट 5 रूपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
हुमायूं का मकबरा देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग |
देखना ना भूलें | मुगल उद्यान, नीला गुंबद, उद्यान |
7. भारत के ऐतिहासिक दर्शनीय मंदिर – खजुराहो के मंदिर
खजुराहो के मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में बना हुआ है जो मशहूर हिस्टोरिकल प्लेसेस में से एक है ।
खजुराहो शहर में स्थित यह सारा स्थान मध्यकालीन मंदिरों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
यहां बनें मंदिरों में भारतीय संस्कृति के साथ-साथ भारतीय जीवन प्रणाली को दर्शाया गया है।
खजुराहो के मंदिरों की वास्तुकला में कई शैलियों का मिश्रित उल्लेख है जैसे कि उत्तरी शैली, दक्षिणी शैली, वेसरा शैली इत्यादि।
इन सुशोभनीय मंदिरों का निर्माण चंदेला शासकों ने करवाया था और इसे 900 ईसवी से लेकर 1130 ईसवी के मध्य बनवाया गया था।
इन मंदिरों में जो नक्काशी की गई है वह हिंदू देवी देवताओं के साथ- साथ पौराणिक कथाओ से संबंधित हैं।
इस प्रसिद्द ऐतिहासिक मंदिर में जब भी जाएँ तब गाइड की सुविधा जरूर लें और 2-3 घंटों का समय अवश्य दें |
खजुराहों के मंदिर की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | खजुराहो |
निकटतम हवाई अड्डा | खजुराहो |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से मार्च |
खजुराहों के मंदिर देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह |
खजुराहो के मंदिर देखने का समय | सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | कोई नहीं |
टिकट का प्राइस | 40 रूपए – भारतीय नागरिकों के लिए। 600 रूपए – विदेशी नागरिकों के लिए। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को प्रति टिकट 50 रुपए तक छूट मिलेगी। 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है। |
खजुराहो के मंदिर देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड |
देखना ना भूलें | लक्ष्मी मंदिर, वराह मन्दिर, कंदरिया महादेव मंदिर, सिंह मंदिर, देवी जगदंबा मंदिर, सूर्य मंदिर, विश्वनाथ मंदिर , नंदी मंदिर, पार्वती मंदिर, वामन मंदिर, जावरी मंदिर, जैन मंदिर इत्यादि। |
8. भारत में ऐतिहासिक जगहें – सांची का स्तूप, साँची
दुनिया भर में प्रसिद्ध सांची का स्तूप भारत के मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है जहां पर काफी शांति है।
सांची के स्तूप की बनावट बौद्ध वास्तु कला और संस्कृति का एक मिलाजुला नमूना है।
यह एक काफी जाना माना बौद्ध स्मारक है।
सांची के स्तूप की नींव सम्राट अशोक ने रखी थी।
उन्होंने यह स्तूप तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया था और यह 12वीं शताब्दी तक बनकर संपन्न हुआ था।
सांची का स्तूप एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है।
इसका व्यास 36.5 मीटर है और इसकी ऊंचाई 16.46 किलोमीटर है।
सांची का स्तूप की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | सांची रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | राजा भोज एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च |
सांची का स्तूप देखने का बेहतरीन समय | सुबह सुबह-सुबह या शाम के समय |
सांची का स्तूप देखने का समय | सुबह 7:30 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | पूरे सप्ताह खुलता है |
टिकट का प्राइस | 40 रुपए- भारतीय नागरिकों के लिए। 600 रुपए – विदेशी नागरिकों के लिए। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटक ओं को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। (घरेलू और विदेशी दोनों) |
सांची का स्तूप देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग , गाइड की सुविधा |
देखना ना भूलें | प्राचीन बौद्ध मंदिर, गुप्त कालीन मंदिर, सांची स्तूप परिसर, दीवारों पर खुदे हुए अभिलेख, |
9. इंडिया की ऐतिहासिक इमारतें – हवा महल, जयपुर
भारत के जयपुर राज्य में स्थित हवा महल एक ऐसी शाही ऐतिहासिक विरासत है जहां पर वास्तुकला और संस्कृति का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है।
हवा महल की बनावट श्री कृष्ण के मुकुट के जैसी बनी हुई है।
इस इमारत में पांच मंजिलें हैं और 953 झरोखे और खिड़कियां बने हुए हैं। इसमें मुगल और राजपूत शैली का मिश्रण देखने को मिलता है।
हवा महल महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने सन 1799 में बनवाया था।
इसको बनाने के लिए लाल और गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर और चूने का प्रयोग किया गया था।
हवा महल की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | जयपुर जंक्शन |
निकटतम हवाई अड्डा | जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | नवंबर से लेकर फरवरी |
हवा महल देखने का बेहतरीन समय | सुबह के समय भीड़ कम होती है इसलिए सुबह का समय बेहतरीन है। |
हवा महल देखने का समय | सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे |
अवकाश का दिन | पूरे सप्ताह खुलता है |
टिकट का प्राइस | 10 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 20 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। कैमरा साथ ले जाने के लिए 10 रूपए भारतीय नागरिकों को देने होते हैं। विदेशी नागरिकों को 30 रूपए। |
हवा महल देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड |
देखना ना भूलें | हवा महल के आसपास जंतर मंतर, राम निवास गार्डन और गोविंद जी मंदिर देखना ना भूलें। |
10. भारत के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल- फतेहपुर सीकरी, आगरा
फतेहपुर सीकरी एक ऐतिहासिक शहर है जो कि भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित है।
यह एक काफी खूबसूरत और भव्य नगर है।
फतेहपुर सीकरी की बनावट में मुस्लिम वास्तुकला की छवि देखने को मिलती है।
वहीं इस के डिजाइन में हिंदू और पारसी वास्तुशिल्प का मिश्रण है।
फतेहपुर सीकरी 1571 में मुगल सम्राट अकबर के द्वारा बसाया गया था जो 1571 से लेकर 1585 तक मुगलों की राजधानी रही थी।
फतेहपुर सीकरी की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | फतेहपुर सीकरी रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | खेरिया एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च |
फतेहपुर सीकरी देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह |
फतेहपुर सीकरी देखने का समय | सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | 40 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 550 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। |
फतेहपुर सीकरी देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, रेस्टोरेंट्स |
देखना ना भूलें | दीवाने खास, बुलंद दरवाजा, आंख में मिचौली, पांच महल, जोधा बाई का महल, शेख सलीम चिश्ती के पुत्र की दरगाह, शाही मस्जिद, अनूप तालाब। |
11. भारत का ऐतिहासिक किला : आमेर का किला, जयपुर
भारत के जयपुर राज्य में स्थित आमेर का किला काफी प्रसिद्ध है।
यह किला एक पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है जिसे बनाने के लिए संगमरमर और लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।
आमेर का भव्य किला सन 1592 में राजा मान सिंह के द्वारा बनवाया गया था जहाँ मुस्लिम और हिंदू वास्तुकलाओं का मिश्रण देखने को मिलता है।
आमेर के किले की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | जयपुर जंक्शन रेलवे |
निकटतम हवाई अड्डा | जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च तक |
आमेर का किला देखने का बेहतरीन समय | सुबह का समय शाम का समय |
आमेर का किला देखने का समय | सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | 100 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए। 10 रुपए भारतीय छात्रों के लिए। 500 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए 100 रूपए विदेशी छात्रों के लिए। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
आमेर का किला देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | गाइड, पार्किंग |
देखना ना भूलें | आमेर किला घूमने के अलावा आप हाथी की सवारी जरूर करें, शाम में होने वाला लाइट और साउंड शो का मजा भी जरूर लें, शीला देवी के मंदिर के दर्शन भी जरूर करें। |
12. Historical Places in India : मैसूर महल, मैसूर
मैसूर महल भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग साल भर आते जाते रहते हैं।
इसका दूसरा नाम अंबा विलास महल भी है।
मैसूर महल में रोमन, पूर्वी और द्रविड़ वस्तु कला का मिश्रण देखने को मिलता है।
मैसूर के महल का निर्माण कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ ने 1897 में चंदन की लकड़ियों से करवाया था लेकिन यह महल दुर्घटना की वजह से खराब हो गया था।
उसके बाद कृष्णराजा वाडियार और उनकी मां ने इसे बनवाया था।
इस प्रकार यह 1912 में बनकर तैयार हुआ।
मैसूर महल की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | मैसूर जंक्शन रेलवे |
निकटतम हवाई अड्डा | मैसूर एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर फरवरी |
मैसूर महल देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह जब सूरज की रोशनी सोने से बनी गुंबद के ऊपर पड़ती है वह नजारा काफी सुंदर लगता है। |
मैसूर महल देखने का समय | सुबह 6:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक दोपहर 3:30 बजे से लेकर शाम 6:30 बजे तक |
अवकाश का दिन | रविवार |
टिकट का प्राइस | 70 रूपए वयस्कों के लिए 30 रूपए बच्चों के लिए 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। (विदेशी और घरेलू) |
मैसूर महल देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | www.mysorepalace.gov |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड |
देखना ना भूलें | मुख्य प्रवेश द्वार, पुराना मैसूर महल, गज द्वार, राज सिंहासन, देवी चामुंडी, कल्याण मंडप, कुश्ती का मैदान, महल के अंदर का आकर्षक फर्नीचर |
13. India’s Famous Historical Monument : छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भारत के मुंबई शहर में स्थित है जिसे विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से भी जाना जाता है।
इस ऐतिहासिक जगह की बनावट में वास्तु शैलियों के साथ-साथ गोथिक कला का भी मिश्रण देखने को मिलता है।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस का निर्माण भारतीय सरकार ने करवाया था और इसे बनने में लगभग 10 साल का समय लगा।
इसे 1889 में शुरू किया गया था और 1897 में यह बनकर तैयार हुआ था।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे |
निकटतम हवाई अड्डा | छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर फरवरी तक |
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस देखने का बेहतरीन समय | रात के समय |
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस देखने का समय | सुबह 12:00 बजे से लेकर रात के 12:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | प्रवेश निशुल्क है |
अन्य सुविधाएं | दिव्यांग यात्रियों के लिए और वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे कंप्यूटर फ्रेंडली बनाया गया है, पार्किंग, स्टेशन के आसपास पार्क बने हुए हैं। |
देखना ना भूलें | रात के समय इसका नजारा |
14. भारत में ऐतिहासिक जगहें : इंडिया गेट, दिल्ली
इंडिया गेट दिल्ली में स्थित एक राष्ट्रीय स्मारक है जो उन सभी शहीदों की याद में बनाया गया था जिन्होंने देश के लिए अपनी जान गंवा दी |
इंडिया गेट को बनने में 10 साल लगे थे, 1921 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था और यह 1931 में बनकर तैयार हो गया था।
इसकी ऊंचाई 42 मीटर है और इसे बनाने के लिए लाल और पीले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।
यह लोगों का एक मन पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बन चुका है जहां पर शाम शुरू होते ही लोगों की भीड़ जमा होने लगती है।
इंडिया गेट की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | नई दिल्ली रेलवे |
निकटतम हवाई अड्डा | इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | साल भर |
इंडिया गेट देखने का बेहतरीन समय | रात 8:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक |
इंडिया गेट देखने का समय | 24 घंटे |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | भारतीय और विदेशी नागरिकों के लिए पूरी तरह से फ्री है। |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, खाने पीने की दुकानें |
देखना ना भूलें | फव्वारे, इंडिया गेट से सटे हुए पार्क |
15. भारत के ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल : चार मीनार, हैदराबाद
चारमीनार भारत के हैदराबाद में स्थित है और यह एक मशहूर ऐतिहासिक स्मारक है।
इसको ग्रेनाइट, चूना पत्थर और संगमरमर का इस्तेमाल करके बनाया गया था।
चारमीनार की ऊंचाई 48.7 मीटर, संरचना चौकोर है और इसमें इंडो इस्लामिक वास्तुकला देखने को मिलती है।
इस ऐतिहासिक ईमारत का निर्माण मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1591 में करवाया था।
लोगों का ऐसा कहना है कि उन्होंने अपनी रानी भागमती की याद में चार मीनार का निर्माण करवाया था।
चार मीनार की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | मालकपेट रेलवे , याकितपुरा |
निकटतम हवाई अड्डा | हैदराबाद एयरपोर्ट राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से मार्च |
चार मीनार देखने का बेहतरीन समय | सुबह सुबह |
चार मीनार देखने का समय | सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | 20 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 250 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। अगर कैमरा साथ ले जाना हो तो तब उसके लिए अलग से चार्ज लगते हैं। |
चार मीनार देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग |
देखना ना भूलें | लाड बाजार जोकि हीरे जवाहरात और मोतियों के शोरूमों के लिए प्रसिद्ध है , चारमीनार से सटा श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर |
16. भारत के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल : विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता
विक्टोरिया मेमोरियल भारत के कोलकाता में स्थित है और यह ईमारत पूरी तरह से सफेद संगमरमर की बनी हुई है।
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता बनावट में इंडो-सरसेनिक रिवाइवलिस्ट टेम्पलेट का प्रदर्शन देखने को मिलता है।
इसके अलावा इसमें मुगल और ब्रिटिश शैलियों का मिश्रण भी देखने को मिलता है।
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता का निर्माण 1906 से लेकर 1921 में किया गया था।
यह इमारत महारानी विक्टोरिया की याद में बनाई गई थी।
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | हावड़ा जंक्शन रेलवे |
निकटतम हवाई अड्डा | कोलकाता एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | साल भर |
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता देखने का बेहतरीन समय | शाम |
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता देखने का समय | सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सोमवार |
टिकट का प्राइस | 20 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए म्यूजियम के लिए और 20 रु गार्डन के लिए 500 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए 12 वर्ष से कम आयु वाले छात्रों के लिए प्रवेश निशुल्क है। |
विक्टोरिया मेमोरियल देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | victoriamemorial-cal.org |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग,कैफ़े, रीडिंग रूम, व्हील चेयर, वाईफाई, क्लॉक रूम |
देखना ना भूलें | विक्टोरिया मेमोरियल उद्यान, मेहराब, लेज़र शो, म्यूजियम |
17. Historical Places of India : आगरा का किला, आगरा
भारत के आगरा में स्थित आगरा किला काफी शानदार ऐतिहासिक स्थल है।
यह लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ एक काफी विशाल किला है जिसकी बनावट बंगाली और गुजराती शैली का मिश्रण है।
यह ऐतिहासिक विरासत 70 फीट ऊंचाई वाली दीवारों से चारों तरफ से घिरी हुई है।
आगरा किला को बनने में 8 साल का समय लगा था और इसे बनाने के लिए 4,000 कारीगरों की मदद ली गई थी।
आगरा का किला की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | आगरा एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च |
आगरा का किला देखने का बेहतरीन समय | सारा दिन |
आगरा का किला देखने का समय | सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | 35 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 550 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क है (घरेलू और विदेशी दोनों) ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
आगरा का किला देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड |
देखना ना भूलें | जहांगीर का हौज, शाहजहानी महल, बाबर की बावली, नगीना मस्जिद दीवान-ए-आम, |
18. भारत का ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल : ग्वालियर का किला, ग्वालियर
यह historical place भारत के मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है और इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है।
इस किले को एक पथरीली पहाड़ी के ऊपर बनाया गया था और इसकी बनावट में हिंदू वास्तुकला की झलक साफ़ दिखती है।
ग्वालियर किले का निर्माण सिंघेनिया नाम के गांव के निवासी सरदार सूर्य सेन ने 700 ईसवी में करवाया था।
यह ऐतिहासिक किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जहाँ से आपको शहर और उससे आगे का पूरा पूरा 360 व्यू मिलता है।
अगर आप एक साथ सास-बहू मंदिर और तेली मंदिर देखते हैं तब पूरे किले को घूमने में लगभग 3-4 घंटे लग जायेंगे |
ग्वालियर किले की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | ग्वालियर रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | राजमाता एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से नवंबर तक |
ग्वालियर का किला देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह |
ग्वालियर का किला देखने का समय | सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | 30 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 250 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को प्रवेश निशुल्क (घरेलू और विदेशी दोनों) ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
ग्वालियर का किला देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | https://asi.payumoney.com/quick/gwf |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड |
देखना ना भूलें | मानसिंघ पैलेस ग्वालियर, मान मंदिर, गुजराती महल, म्यूजियम, जौहर कुंड, विक्रम महल इत्यादि। |
19. भारत में ऐतिहासिक इमारतें : रणथंभौर, राजस्थान

रणथंभौर किला सवाई माधोपुर के पास स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।
यह ऐतिहासिक किला काफी शानदार है और यह जंगलों के बीच में है।
इस किले की बनावट अंडाकार है जिसके चारों तरफ पेड़ पौधे हैं।
रणथंभौर किले के बारे में यह कहा जाता है कि इसका निर्माण चौहान शासकों ने आठवीं शताब्दी में किया था।
इस परिसर के अंदर बहुत सारे मंदिर हैं।
आपको यात्रा करने के लिए 2-3 घंटे की आवश्यकता होगी और सुनिश्चित करें कि आप शाम 4 बजे से पहले पहुंचें क्योंकि उसके बाद प्रवेश बंद हो जाता है।
रणथंभौर की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | सवाई माधोपुर जंक्शन |
निकटतम हवाई अड्डा | जयपुर |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च तक |
रणथंभौर देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह या फिर सूर्यास्त के समय |
रणथंभौर देखने का समय | सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | कोई चार्ज नहीं पर रणथम्भौर नेशनल पार्क का एंट्री चार्ज देना होगा | |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड |
देखना ना भूलें | जोगी महल, जैतसिंह की छतरी, गणेश मंदिर, शिव मंदिर, पदमला तालाब, हम्मीर महल, |
20. भारत की ऐतिहासिक जगहें : हम्पी, कर्नाटक
ऐतिहासिक स्थल हम्पी, जिसे “पम्पक्षेत्र” (किष्किंधा) के नाम से जाना जाता है, तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है|
हम्पी सिटी भारत के कर्नाटक में स्थित है जहाँ काफी सुंदर नक्काशी वाले मंदिर हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
ये शहर प्राचीन काल में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था और इसमें बहुत से मंदिर बने हुए थे।
हम्पी में भारतीय इतिहास के प्राचीन अवशेषों के मंदिरों की झलक देखने को मिलती है।
इस ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल की यात्रा के लिए गाइड का होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि इससे आप छोटी से छोटी जानकारियों से भी अवगत हो सकते हैं |
यहाँ से कोटि लिंग की यात्रा के लिए सुबह सुबह तुंगभद्रा नदी पर नाव की सवारी करना न भूलें |
हम्पी सिटी की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | होसपेट रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | जिंदल विजयनगर एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर फरवरी तक |
हम्पी सिटी देखने का बेहतरीन समय | सुबह सुबह |
हम्पी सिटी देखने का समय | सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | 35 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 550 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
हम्पी सिटी देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड, टॉयलेट्स, व्हीलचेयर, खाने पीने की सुविधा |
देखना ना भूलें | विट्ठल स्वामी का मंदिर, विरुपाक्ष मंदिर, बडाव लिंग, लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर, हजारा राम मंदिर, रानी का स्नानागार, हाथी घर इत्यादि |
21. भारत में मशहूर ऐतिहासिक पर्यटन स्थल: गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई
भारत के मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया स्थित है जो कि एक बेहद लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थल है।
इसकी ऊंचाई तकरीबन आठ मंजिलों के बराबर है।
गेटवे ऑफ इंडिया पीले बेसाल्ट और कंक्रीट को मिलाकर बनाया गया है और इसकी बनावट में हिंदू और मुस्लिम शैली का संयोजन दिखाई देता है।
इस मशहूर ऐतिहासिक स्थल का निर्माण बीसवीं शताब्दी में हुआ था।
यह ऐतिहासिक स्मारक पंचम किंग जॉर्ज और महारानी मैरी के मुंबई आने के मौके पर बनवाया गया था।
अगर आप इस जगह पर घूमने आ रहें हैं तब समुद्री यात्रा कर के निकट के एलिफैंटा गुफाएं देखना न भूलें |
गेटवे ऑफ इंडिया की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से मार्च तक |
गेटवे ऑफ इंडिया देखने का बेहतरीन समय | सुबह और शाम का समय |
गेटवे ऑफ इंडिया देखने का समय | सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | यहां पर एंट्री पूरी तरह से फ्री है। |
गेटवे ऑफ इंडिया देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | एंट्री फ्री है इसलिए कोई बुकिंग नहीं। |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, खान पान की दुकानें |
देखना ना भूलें | समुद्र का नजारा, कबूतर, एलिफेंटा की गुफाएं, ताज होटल |
22. भारत की ऐतिहासिक जगहें : जामा मस्जिद, दिल्ली
भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित, जामा मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर से बनी हुई है।
यह मस्जिद पर्यटको के बीच में काफी प्रसिद्ध है।
जामा मस्जिद इस्लामिक शैली के अनुरूप बनाई गई है जिसका निर्माण शाहजहां ने 1656 में करवाया था।
यह एक शाही मस्जिद थी जिसमें शाही परिवार और अन्य लोग नमाज अदा करने आते थे।
जामा मस्जिद निर्माण कार्य 1650 में शुरू हुआ था और यह 1656 में बन कर तैयार हुई थी।
जामा मस्जिद की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च तक |
जामा मस्जिद देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह |
जामा मस्जिद देखने का समय | सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुली रहती है |
टिकट का प्राइस | जामा मस्जिद में प्रवेश के लिए टिकट नहीं है। यहां पर प्रवेश पूरी तरह से फ्री है। लेकिन फोटोग्राफी के लिए 200 रूपए से लेकर 300 रूपए तक का शुल्क देना पड़ता है। मीनार पर चढ़ने के लिए 100 रूपए का शुल्क देना पड़ता है। |
देखना ना भूलें | संपूर्ण जामा मस्जिद और मीना बाजार |
23. इंडिया की ऐतिहासिक जगहें – नालंदा यूनिवर्सिटी, नालंदा
भारत के बिहार राज्य में स्थित नालंदा यूनिवर्सिटी प्राचीन समय में विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी थी।
इस ऐतिहासिक जगह पर देश-विदेश से काफी छात्र बौद्ध शिक्षा हासिल करने के लिए आते थे।
इस विश्वविद्यालय का निर्माण गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम ने 450 ईस्वी में करवाया था।
इसमें उन्होंने तीन सौ कमरे बनवाने के साथ साथ 7 बड़े कक्ष और पढ़ाई करने के लिए एक काफी बड़ा पुस्तकालय भी बनवाया था।
नालंदा विश्वविद्यालय की बनावट में कुषाण शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है। लेकिन आज यह खंडहर की तरह दिखती है।
नालंदा यूनिवर्सिटी की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | नालंदा रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च |
नालंदा यूनिवर्सिटी देखने का बेहतरीन समय | सुबह और शाम |
नालंदा यूनिवर्सिटी देखने का समय | सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | सप्ताह भर खुला रहता है |
टिकट का प्राइस | 25 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 300 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रूपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लिए प्रवेश शुल्क नहीं है। (घरेलू और विदेशी दोनों ही) |
नालंदा यूनिवर्सिटी देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | पुरातत्व विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन (asi.payumoney.com) |
अन्य सुविधाएं | टॉयलेट्स, पानी की व्यवस्था, गाइड |
देखना ना भूलें | स्तूप, बौद्ध मंदिर, पाली इंस्टीट्यूट, म्यूजियम, सूर्य मंदिर |
24. Indian Historical Places – कुंभलगढ़ किला, राजस्थान
भारत के राजस्थान राज्य में कुंभलगढ़ किला स्थित है जो बेहद शानदार नक्काशी वाला एक ऐतिहासिक स्थल है।
कुंभलगढ़ किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा ने करवाया था।
इसकी दीवारें काफी ऊंची ऊंची हैं जो कि अरावली पहाड़ियों तक फैली हुई हैं।
इस किले की खासियत यह है कि इसे आप दूर से देख नहीं पाएंगे क्योंकि इस गुप्त किले का निर्माण दुश्मन के हमले से बचने के लिए किया गया था |
आप अगर इस स्थान की यात्रा करते हैं तो एक लोकल गाइड जरूर साथ ले जाएँ जिससे आपको इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में पूरी जानकारी और कहानियां पता चल सके |
कुम्भलगढ़ किला काफी विशालकाय है और आपको 2-3 घंटे लगातार यहाँ पैदल ही घूमना होगा |
अगर आप वरिष्ठ नागरिकों या बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो बस सावधान रहें क्योंकि अंदर पानी या टॉयलेट्स की व्यस्था नहीं है।
बंदरों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है |
कुंभलगढ़ की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | फलना रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | उदयपुर एयरपोर्ट |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च |
कुंभलगढ़ देखने का बेहतरीन समय | सुबह-सुबह या शाम को |
कुंभलगढ़ देखने का समय | सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक |
अवकाश का दिन | रविवार |
टिकट का प्राइस | 40 रूपए भारतीय नागरिकों के लिए 600 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले भारतीय पर्यटकों को को प्रति टिकट 5 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रुपए प्रति टिकट छूट मिलेगी। |
कुंभलगढ़ देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग | https://asi.payumoney.com/quick/Kum |
अन्य सुविधाएं | पार्किंग, गाइड, छोटा रेस्टोरेंट |
देखना ना भूलें | कुंभ पैलेस, बादल महल, लाखोला टैंक, प्राचीन गणेश मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, बादशाही बावड़ी, जैन मंदिर इत्यादि। |
25. भारत में ऐतिहासिक जगहें – जलियांवाला बाग, पंजाब

अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास ही इस स्मारक के पास ही जलियांवाला बाग नाम की ऐतिहासिक जगह हैं जहाँ कुख्यात जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।
लगभग 6.5 एकड़ में फैले इस स्थान पर जनरल डायर ने बैसाखी के दिन 13 अप्रैल, 1919 में सामूहिक गोलीबारी का आदेश दिया था।
इस दुखद घटना में हजारों बेगुनाहों की मौत हो गई थी और यह उन घटनाओं में से एक थी जिसने स्वतंत्रता क्रांति की आग को प्रज्वलित किया।
13 अप्रैल 1961 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा यहां एक स्मारक बनाया गया था जिसका पुनः जीर्णोधार अभी 2021 में तत्कालीन सरकार ने करवाया |
इस ऐतिहासिक स्थल की दीवारों पर गोलियों के निशान और छेद आज भी मौजूद हैं जो आपको उस दिन हुई त्रासदी की कहानी बताते हैं।
पार्क में हर एक जगह पर ऐतिहासिक महत्व को बताने के लिए के लिए सूचना पट्टिकाएँ लगवाई गयी हैं।
शाम को आप जलियांवाला बाग में लाइट एंड साउंड शो में शरीक हो सकते हैं जो पूरे एक घंटे का सूचनात्मक कार्यक्रम है |
इस लाइट एंड साउंड शो में अभिनेता अमिताभ बच्चन की आवाज़ है और यह शो हर दिन गर्मियों में शाम 7 बजे और सर्दियों के दौरान शाम 5 बजे शुरू होता है।
जलियांवाला बाग की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी
निकटतम रेलवे स्टेशन | अमृतसर |
निकटतम हवाई अड्डा | अमृतसर |
जाने का बेहतरीन मौसम | अक्टूबर से लेकर मार्च |
जलियांवाला बाग देखने का बेहतरीन समय | शाम को |
जलियांवाला बाग देखने का समय | सुबह 6:30 बजे से लेकर शाम 7:30 बजे तक |
अवकाश का दिन | कोई नहीं |
टिकट का प्राइस | मुफ्त |
ध्यान दें | जलियांवाला बाग और स्वर्ण मंदिर आस पास ही हैं इसलिए अगर आप दोनों एक साथ देखना चाहते हैं तब शालीन कपड़े पहनें | गाइड की जरूरत नहीं है क्योंकि काफी जानकारी यहाँ मौजूद है | काम्प्लेक्स के भीतर कुछ खाने पीने की व्यस्था नहीं है | |
देखना ना भूलें | गैलरी, शहीदों का कुआँ, लाइट एंड साउंड शो |
और अंत में…
आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि भारत में प्रमुख ऐतिहासिक जगहें (historical places in india) क्या हैं और कैसे आप इनकी यात्रा कर सकते हैं ।
हमें पूरी उम्मीद है कि जब भी आपको मौका मिलेगा तो आप किसी ना किसी aitihasik sthal पर घूमने जरूर जाएंगे।
अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े रहना बहुत अच्छी बात है और इनके लिए हमें समय निकालकर इन Historical Places को जरूर देखना चाहिए |
उम्मीद है आपके लिए हमारे द्वारा बताई गई सारी जानकारी लाभदायक रही होगी।
अगर आपको इससे संबंधित कोई सवाल पूछना हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं।