दुनिया के सात अजूबे के नाम और फोटो [यात्रा गाइड सहित]

Last Updated on March 22, 2022 by अनुपम श्रीवास्तव

दुनिया के सात अजूबे (duniya ke saat ajoobe) अपने समृद्ध इतिहास, बेहतरीन वास्तुकला और समय की कसौटी पर लगातार खरा उतरने की वजह से अजूबों की सूची में शामिल होते रहें हैं |

वैसे विश्व के अजूबों की यह लिस्ट भी कई प्रकार की है जैसे प्राचीन और आधुनिक दुनिया के सात आश्चर्य या फिर प्राकृतिक दुनिया के आश्चर्य इत्यादि|

अंग्रेजी में इन्हें Seven Wonders of the World भी कहा जाता है |

विश्व के सबसे प्राचीन सात आश्चर्यों में से अभी सिर्फ एक ही बचा है जो है मिस्त्र में स्थित गीज़ा का विशाल पिरामिड |

इसीलिए पुराने अजूबों के नष्ट होने के बाद आज की दुनिया के लिए नए अजूबो की तलाश की गयी और वोटिंग के बाद अब यह लिस्ट दुनिया के सामने है |

आज इस बातचीत में हम जानेंगे कि –

  • दुनिया के सात अजूबे कौन कौन से हैं और इनका नाम क्या है?
  • इनके चुनाव की क्या प्रक्रिया है?
  • 7 अजूबे की यात्रा के लिए आवश्यक जानकारी क्या है?

तो फिर चलिए हमारे साथ इस अनोखे सफ़र पर |

विषय-सूची छिपाएं

दुनिया के सात अजूबे कौन कौन से हैं?

आपकी जानकारी के लिए हमने 7 अजूबों को आधुनिक और प्राचीन में बाँट दिया है जिसके बारे में नीचे बताया गया है |

आधुनिक दुनिया के सात अजूबे के नाम |  7 Wonders of the Modern World Names in Hindi

विस्तृत नक़्शे के लिए क्लिक करे

विश्व के सात आश्चर्य (आधुनिक)कहाँ स्थित हैं 
ताजमहलआगरा, भारत 
क्राइस्ट द रिडीमर रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील
माचू पिच्चूकुज़्को, पेरू 
चिचेन इत्जायुकाटन प्रायद्वीप, मैक्सिको
रोमन कोलोसियम रोम, इटली 
पेट्रा वाडी मूसा, जॉर्डन
ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना (चीन की दीवार)चीन 

प्राचीन दुनिया के सात अजूबे के नाम |  7 Wonders of the Ancient World Names in Hindi

विश्व के सात आश्चर्य (प्राचीन)कहाँ स्थित हैं/थे 
गीज़ा का विशाल पिरामिडमिस्त्र
सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भमिस्त्र
बेबीलोन के झूलते बागीचेइराक
ओलम्पिया में जियस की मूर्तियूनान
हैलिकारनेसस का मकबरातुर्की
आर्तिमिस का मंदिर तुर्की
रोड्‌स के कोलोसस की मूर्तियूनान
देखना न भूलें!

विश्व के सात आश्चर्य कैसे चुने जाते हैं?

आज हम जिन सात अजूबों के बारे में जानते हैं वह नए हैं पर क्या आप जानते हैं कि प्राचीन 7 अजूबों में से केवल गीजा के पिरामिड को छोड़कर बाकी सब नष्ट हो चुके हैं |

इसलिए इन शानदार प्राचीन कलाकृतियों के नष्ट होने के बाद नए अजूबों के बारे में सोचा जाने लगा |

सन 2000 में ‘न्यू सेवेन वंडर्स ऑफ़ द वर्ल्ड‘  के नाम से एक अभियान शुरू किया गया  जिसमें 200 मौजूदा स्मारकों में से सात का चयन करना था |

इस अभियान का नेतृत्व श्रीमान बर्नार्ड वेबर द्वारा किया गया जिसे स्विटज़रलैंड के ज्यूरिख में स्थित न्यू 7 वंडर्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था |

इस संगठन ने इंटरनेट पर एक वैश्विक पोल आयोजित किया जिसमें दस करोड़ से अधिक लोगो ने हिस्सा लिया और अपने कीमती वोट दिए |

7 जुलाई 2007 को लिस्बन में विजेता का परिणाम घोषित किया गया जो अब नई दुनिया के सात अजूबे के नाम से जाने जाते हैं |

हो सकता है आने वाले समय में यह लिस्ट बदलती रहे पर आपको यहाँ पर बिलकुल अपडेटेड जानकारी मिलती रहेगी |

दुनिया के सात अजूबे | नाम और फोटो सहित पूरी यात्रा जानकारी 

आइये जानते हैं कि वर्तमान में दुनिया के 7 अजूबे (7 wonders of the world) कौन से हैं, इनका क्या इतिहास रहा है और इनकी यात्रा कैसे कर सकते हैं?

1. ताजमहल | Tajmahal

ताजमहल, दुनिया के सात अजूबे

दुनिया के सात अजूबे में से एक, भारत के आगरा में स्थित ताजमहल, वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है जो पूरी तरह से संगमरमर का बना हुआ है |

ताजमहल  की बनावट मुख्यतः फ़ारसी, मध्य एशियाई और इस्लामी वास्तुकला का एक मिश्रण है|

ताजमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ (1628-1658) ने अपनी रानी अर्जुमंद बानो बेगम यानि मुमताज़ महल की याद में कराया था|

मुमताज़ महल के नाम पर ही इस ईमारत का नाम ताज महल रखा गया और इसे बनाने में लगभग 22 साल लगे थे |

ताजमहल के निर्माण का कार्य 1631 में शुरू हुआ और इसकी निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए 22,000 मजदूरों और 1,000 हाथियों का उपयोग किया गया था |

ताजमहल की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी 

निकटतम रेलवे स्टेशन आगरा कैंट ( 6 किलोमीटर)
निकटतम हवाई अड्डा नई दिल्ली (230 किलोमीटर)
जाने का बेहतरीन मौसम नवम्बर से फरवरी 
ताजमहल देखने का बेहतरीन समय सुबह सुबह 
ताजमहल देखने का समय सूर्योदय से 30 मिनट पहले खुलता है और सामान्य परिचालन दिनों के दौरान सूर्यास्त से 30 मिनट पहले बंद होता है
अवकाश का दिन शुक्रवार 
ताजमहल के टिकट का प्राइस 50 रु – भारतीय 

1100 रु – विदेशी नागरिक 

ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले  भारतीय पर्यटकों को प्रति टिकट 5  रु और विदेशी पर्यटकों को 50 रु प्रति टिकट की छूट मिलेगी |

15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं (घरेलू और विदेशी दोनों)|

यदि कोई मुख्य मकबरे पर जाना चाहता है तो अतिरिक्त 200 रुपये का शुल्क देना होगा |

ताजमहल देखने के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग ऑनलाइन टिकट बुक करें 
अन्य सुविधाएँ पार्किंग से मुख्य द्वार तक जाने के लिए इलेक्ट्रिक बस और गोल्फ कार्ट की सुविधा | 
देखना न भूलें ताज संग्रहालय जो परिसर के भीतर है और मुफ्त प्रवेश है 

2.  क्राइस्ट द रिडीमर | Christ The Redeemer

seven wonders of world Christ the Redeemer

ब्राजील के रियो डि जनेरियो में कोरकोवाडो पर्वत के ऊपर बनी हुई 130 फुट ऊंची  क्राइस्ट द रिडीमर (उद्धार करने वाले ईसा मसीह) की मूर्ति दुनिया की सबसे बड़ी  मूर्तियों में से एक है |

सन 1922 और 1931 के बीच रेनफोर्स्ड कंक्रीट और पत्थर से बनाई गई इस प्रतिमा की ऊँचाई 30 मीटर है  (8 मीटर पेडस्टल को छोड़कर) और इनकी बाहें 28 मीटर तक फैली हुई हैं |

क्राइस्ट द रिडीमर प्रतिमा को फ्रांसीसी मूर्तिकार पॉल लैंडोव्स्की और ब्राज़ील के ही हेइटर दा सिल्वा कोस्टा द्वारा डिजाईन किया गया था  |

यदि आप ब्राज़ील की यात्रा पर जाते हैं तब क्राइस्ट द रिडीमर आपकी बकेट लिस्ट में ज़रूर होना चाहिए जिसे रियो डि जनेरियो का आइकॉन माना जाता है |

विश्व के सात आश्चर्यों में आने वाली यह मूर्ती अपने आप में असाधारण तो है ही साथ ही साथ आप यहाँ से रिओ शहर और इसके असाधारण समुद्र तटों के मनोरम दृश्य भी देख सकते हैं |

इस मूर्ती तक पहुचने के लिए एक बेहद ही खूबसूरत रेल रूट है जहाँ रेलगाड़ी धीरे-धीरे अटलांटिक जंगल बे बीच से गुजरती हुई कोरकोवाडो पर्वत तक पहुंचती है |

क्राइस्ट द रिडीमर की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी 

 
रियो डि जनेरियो कैसे जाएँ भारत से रियो डि जनेरियो की सीधी उड़ान नहीं है | आपको पेरिस, लन्दन, अबू धाबी या एम्स्टर्डम में स्टॉप ओवर लेना होगा |
भारत से रियो डि जनेरियो का किराया 45000 – 70000 रु प्रतिव्यक्ति 
जाने का बेहतरीन मौसम दिसम्बर से मार्च (नए साल और फरवरी-मार्च कार्निवाल के समय बहुत भीड़ हो जाती है)
मूर्ती देखने का बेहतरीन समय सप्ताह के दौरान सुबह 8:30 बजे से पहले या दोपहर बाद 3:30 बजे के बाद
क्राइस्ट द रिडीमर प्रतिमा तक जाने का बेहतरीन आप्शन यहाँ तक पहुचने के लिए बेहतरीन कोरकोवाडो ट्रेन चुने जो हर दिन सुबह 8:00 से शाम 7:00 बजे तक चलती है |

ट्रेन के किराये में ही मूर्ती का प्रवेश शुल्क जुड़ा हुआ है और यह 20 मिनट का सफ़र तयं करती है |

टिकट का प्राइस (ट्रेन + प्रवेश)व्यस्क – लगभग 1100 रु 

बच्चे (5-11 वर्ष) – लगभग 335 रु 

ऑनलाइन टिकट बुकिंग ऑनलाइन टिकट बुक करें 
देखने का समय 2 – 3 घंटे 
क्राइस्ट द रिडीमर प्रतिमा तक पहुचने के अन्य तरीके शहर से वैन द्वारा 

अटलांटिक जंगलों से होते हुए पैदल यात्रा 

देखना न भूलें कोरकोवाडो पर्वत 

पेडस्टल में बना चर्च 

3.  माचू पिच्चू | Machu Picchu

Machu Picchu

माचू पिच्चू का शाब्दिक अर्थ है ‘पुराना शिखर’ जो पेरू (दक्षिण अमेरिका) के कुज़्को शहर के उत्तर-पश्चिम में लगभग 80 कि.मी. की दूरी पर स्थित है |

कहा जाता है कि समुद्र तल से 2430 मीटर ऊपर बसे इस शहर में 15 वीं शताब्दी के समय इंका सभ्यता रहा करती थी |

पुरातत्वविदों के हिसाब से इस क्षेत्र का निर्माण सन 1450 के आसपास इंका सम्राट पचाकुती ने कराया था पर इसे स्पेनिश हमले के बाद सदियों तक छोड़ दिया गया था |

सन  1911 में हीरम बिंघम नमक अमरीकी इतिहासकार ने इसे खोजा और सन 1983 में यूनेस्को ने  माचू पिच्चू  को विश्व की धरोहर के रूप में घोषित किया |

माचू पिच्चू की वास्तुकला बिलकुल प्राकृतिक और चढ़ाई जैसी है जिसे पत्थरों और चट्टानों को काट काट कर बनाया गया था और यह दुनिया के सात अजूबे में से बेहतरीन है |

माचू पिच्चू को कृषि और शहरी क्षेत्र में विभाजित किया गया था जहाँ  मंदिर, महल, गोदाम, कार्यशालाएं, सीढ़ी, केबल और पानी के फव्वारे हैं जो आज भी देखे जा सकते हैं |

इनका निर्माण इसके प्राकृतिक परिवेश के अनुसार ही किया गया था और इसीलिए इनमें चढ़ाई और ढलान का उपयोग किया गया है |

इस स्थान तक आने के लिए केवल पैदल, ट्रेन या हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा सकता है पर अधिकतर पर्यटक पास के कुज़्को से ट्रेन से आते हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि यहाँ प्रति दिन केवल 2,500 लोगों को जाने की अनुमति है|

माचू पिच्चू की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी 

A Voyage to the Heart of the Inca Empire | Hiram Bingham | Belmond
 
भारत से माचू पिच्चू कैसे जाएँ भारत से माचू पिचू के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है।

आपको लीमा स्टॉपओवर देकर स्थानीय एयरलाइन में लीमा से कुज़्को तक की यात्रा करनी होगी |

एयर फ्रांस और ब्रिटिश एयर बढ़िया है पर लागत कम रखने के लिए, सीधे के बजाय स्टॉपओवर वाली उड़ानें चुनें|

भारत से कुज़्को का किराया 125000 – 150000 रु प्रतिव्यक्ति 
जाने का बेहतरीन मौसम मई से अक्टूबर 
खुलने का समय सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 5:30 तक
माचू पिच्चू साईट तक जाने का बेहतरीन आप्शन कुज़्को से माचू पिच्चू साईट तक पहुचने के लिए बेस्ट आप्शन है रेल जो 3.5 घंटे की बेहद खूबसूरत नज़ारे वाली यात्रा है |

आप इंका रेल, पेरू रेल और बेलमंड हीरम बिंघम ट्रेन कंपनियों में से किसी एक को चुन सकते हैं |

हीरम बिंघम एक आलिशान रेल है जो पीतल और पॉलिश की गई लकड़ी से चमचमाती सी लगती है | इसमें यात्रा के दौरान आपको भोजन भी परोसा जाता है |

हांलाकि यह इंका या पेरू रेल की तुलना में बहुत अधिक महंगा है पर अन्य दोनों ही ट्रेनों में आपको आरामदायक यात्रा का आनंद मिलेगा |

टिकट का प्राइस ट्रेन : लगभग 7500 -8500 रु राउंड ट्रिप 

साईट एंट्री : लगभग 2200 रु 

ऑनलाइन टिकट बुकिंग इंका रेल

पेरू रेल

बेलमंड हीरम बिंघम रेल 

माचू पिच्चू साईट

साईट देखने का समय 3 – 4 घंटे
ध्यान दें एडवांस बुकिंग करना भूलें 
देखना न भूलें हुयना पिच्चू जो निकट ही है 
देखना न भूलें!

4. चिचेन इत्जा | Chichen Itza

Chichen Itza

दुनिया के सात अजूबे में से एक चिचेन इत्जा माया सभ्यता के द्वारा बसाया हुआ शहर था और जहाँ इत्ज़ा एक माया जनजाति थी |

चिचेन इत्जा मेक्सिको के युकाटन राज्य में स्थित है और यह पुरातात्विक स्थल माया संस्कृति के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है जो लगभग छह वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है |

शहर के बीचोबीच आप कुकुलकन का मंदिर देख सकते हैं जो एक पिरामिड के आकार है जिसकी ऊँचाई 79 फीट है |

इस पिरामिड के चारों ओर यानि चार दिशाओं में कुल 91 सीढ़ियां है जहाँ हर सीढ़ी साल के एक दिन का प्रतीक है |

365 वें दिन को दिखाने के लिए एक चबूतरा है जो सबसे ऊपर बनाया गया  है|

यहाँ पर तरह तरह के कुएं भी हैं और इसीलिए चिचेन इत्जा को “इत्जा के कुएं का मुंह” भी कहते हैं |

नगरीय खंडहर दो भाग में विभाजित हैं, जिसमें पहले को  7 वीं और 10 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बीच बनाया गया था और उस समय यह शहर एक प्रमुख केंद्र था|

दूसरा भाग 10 वीं शताब्दी से लेकर 13 वीं शताब्दी में बनाया गया जिसमें पवित्र कुआं और कई बेहतरीन कृतियाँ शामिल हैं|

चिचेन इत्जा की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी 

Chichen Itza, Mexico in 4K
 
भारत से चिचेन इत्जा कैसे जाएँ भारत से चिचेन इत्जा के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है।

आपको लन्दन या नेवार्क स्टॉपओवर देकर कैनकन तक की यात्रा करनी होगी |

कैनकन से चिचेन इत्जा बस से जा सकते हैं |

भारत से कैनकन का किराया 65000 – 85000 रु प्रतिव्यक्ति 
जाने का बेहतरीन मौसम नवम्बर से अप्रैल 
खुलने का समय सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 5:00 तक
कैनकन से चिचेन इत्जा साईट तक जाने का बेहतरीन आप्शन कैनकन से चिचेन इत्जा साईट तक जाने के लिए ए.डी.ओ. बस एक बेहतरीन आप्शन है |

यह बस कैनकन से हर रोज़ सुबह 8:45 बजे रवाना होती है और  लगभग 3 घंटे का सफ़र तयं करती है |

चिचेन इत्जा साईट से कैनकन की ओर वापस जाने के लिए आपको यही बस लेनी होगी जो शाम 4.30 बजे रवाना होती है |

आप रेंट ए कार का आप्शन भी चुन सकते हैं क्योंकि यहाँ की सड़कें बहुत अच्छी हैं |

टिकट का प्राइस ए.डी.ओ. बस : लगभग 1800 रु राउंड ट्रिप 

साईट एंट्री : लगभग 1750 रु 

ऑनलाइन टिकट बुकिंग ए.डी.ओ. बस

चिचेन इत्जा साईट

साईट देखने का समय 3 – 4 घंटे
ध्यान दें एडवांस बुकिंग करना भूलें 

गाइड की सुविधा लें 

देखना न भूलें ग्रेट बाल कोर्ट, टेम्पल ऑफ़ वारियर्स, सेनोट (कुएं), लाइट और साउंड शो 

5.  रोमन कोलोसियम | Roman Colosseum

Roman Colosseum

इटली में रोम शहर के बीचों बीच बना कोलोसियम एक अंडे के आकार का एम्फीथिएटर (अखाड़ा) है जो दुनियां में सबसे बड़ा है |

रेत और कंक्रीट से बने इस अखाड़े का काम सन 72 ईस्वी में सम्राट वेस्पासियन ने शुरू करवाया जिसे उनके बेटे टाइटस ने 80 ईस्वी में पूरा किया था|

यहाँ 50 से 80 हजार लोग एक साथ बैठ कर ग्लैडिएटर प्रतियोगिता, जंगली जानवरों के साथ लड़ाईयों के अलावा भी ढेरों अन्य खूनी प्रतियोगिताएं देख सकते थे | 

आज भी यह अपनी कला और भव्यता के कारण ही  एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के साथ साथ विश्व के सात अजूबे में से एक है |

चूँकि यह स्थान बहुत लोकप्रिय है इसीलिए आपको यहाँ आने से पहले ऑनलाइन बुकिंग करने की सलाह दी जाती है |

कोलोसियम की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी 

COLOSSEUM, 7 wonders of the world

भारत से रोम कैसे जाएँ भारत से रोम के लिए सीधी उड़ान है जिसमें करीब 9 घंटे का समय लगता है ।

रोम में कहीं से भी कोलोसियम तक आने के ढेरों साधन हैं जैसे बस, टैक्सी या मेट्रो |

भारत से रोम का किराया 25000 – 35000 रु प्रतिव्यक्ति 
जाने का बेहतरीन मौसम  अप्रैल से मई, सितम्बर से नवम्बर 
खुलने का समय सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम 7:00 तक
कोलोसियम तक जाने का बेहतरीन आप्शन कोलोसियम तक जाने के लिए मेट्रो या सिटी बस बेहतरीन आप्शन है |

इसके लिए आप 24 घंटे का पास ले सकते हैं जो केवल 600 रु में मिल जायेगा और इसकी मदद से आप 24 घंटों तक मेट्रो या बस में यात्रा कर सकते हैं |

टिकट का प्राइस साईट एंट्री : लगभग 1500 – 3500 रु (साधारण से फुल एक्सपीरियंस टिकट)
ऑनलाइन टिकट बुकिंग कोलोसियम
साईट देखने का समय 3 – 4 घंटे
ध्यान दें एडवांस बुकिंग करना भूलें

गाइड की सुविधा लें 

रोम में कई प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने के लिए रोमा पास किफायती दर पर उपलब्ध हैं |

देखना न भूलें रोमन फोरम, पैलेटाइन पहाड़ी, ग्लैडिएटर अरीना और अंडरग्राउंड चैम्बर 

6. पेट्रा | Petra

 

पेट्रा एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब है चट्टान  और वाकई यह एक ऐसा अविश्वसनीय शहर है जहाँ चट्टानों को काट कर बेहतरीन वास्तुकला का निर्माण किया गया था |

पेट्रा साउथ जॉर्डन में स्थित है  और माना जाता है कि इसका निर्माण नवपाषाण काल के समय ही हो गया था जिसपर लगभग 1200 ईसा पूर्व एडोमाइट्स  ने कब्ज़ा कर लिया था |

सदियों बाद, नाबाटियंस (जो एक अरब जनजाति के मुखिया थे) ने इस पर कब्जा कर के अपने राज्य की राजधानी बनाया और इसे एक व्यापार केंद्र की तरह बढ़ावा दिया |

इस समय पेट्रा शहर की आबादी करीब 10,000 से 30,000 के बीच मानी जाती थी |

106 ईसापूर्व के आसपास रोमनों रोमन साम्राज्य ने इस शहर पर अपना अधिकार कर लिया पर सन  551 में एक भूकंप के बाद इस शहर को काफी नुकसान हुआ जिससे यहाँ लोगों ने रहना छोड़ दिया |

सन 1812 में जोहान लुडविग बर्कहार्ट ने इसे फिर से खोजा जब तक यह दुनिया के लिए बिलकुल ही अज्ञात था |

आज यह शहर अपनी अनोंखी नक्काशीदार कलाकृतियों की वजह से दुनिया के सात अजूबों में शामिल है और अपने अपने रंग की वजह से ही इसे  रोज सिटी के रूप में भी जाना जाता है |

पेट्रा में 800 से अधिक स्मारक हैं जिनमें ऊँचे ऊँचे मंदिर तो आकर्षण का केंद्र है ही साथ ही साथ आप यहाँ तालाब, नहरें, भवन, कब्र, स्टेडियम, सड़कें इत्यादि भी देख सकते हैं |

सुबह के शुरुआती घंटों और शाम के अंतिम घंटों में इसका नज़ारा शानदार हो जाता है जब सूर्य का प्रकाश इन पत्थरों पर पड़ता है |

पेट्रा की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

पेट्रा जॉर्डन

भारत से पेट्रा कैसे जाएँ भारत से पेट्रा जाने के लिए आपको अम्मान जाना होगा पर यहाँ के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है।

आपको सऊदी या दुबई स्टॉपओवर देकर अम्मान तक की यात्रा करनी होगी |

अम्मान से पेट्रा करीब 235 किलोमीटर है जहाँ आप बस या टैक्सी से जा सकते हैं |

भारत से अम्मान का किराया 18000 – 35000 रु प्रतिव्यक्ति 
जाने का बेहतरीन मौसम  मार्च से मई, सितम्बर से नवम्बर 
खुलने का समय गर्मियों के दौरान सुबह 6 से शाम 6 बजे और सर्दियों में सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक
अम्मान से पेट्रा तक जाने का बेहतरीन आप्शन JETT बस अम्मान  के अब्दाली स्टेशन से सुबह 6.30 बजे रवाना होती है और 10.30 के आसपास पेट्रा पहुंचती है। वापसी में उसी दिन शाम 05:00 (गर्मियों में) और शाम 04:00 (सर्दियों में) वापस जाती है |

अम्मान के दक्षिणी स्टेशन से सार्वजनिक मिनी बसें पेट्रा के लिए  सुबह  9.00 से शाम 04:00  बजे तक और पेट्रा से अम्मान के लिए सुबह 6.00 से दोपहर 01:00  बजे तक चलती हैं |

यदि आप सीधे एअरपोर्ट से पेट्रा आना चाहें तब टैक्सी का भी चुनाव कर सकते हैं जिसमें लगभग तीन घंटा लगेगा |

टिकट का प्राइस साईट एंट्री : लगभग 5500 – 11000 रु (दिनभर का टूर), नाईट टूर का 1800 रु अतिरिक्त 
ऑनलाइन टिकट बुकिंग JTT बस 

पेट्रा साईट 

साईट देखने का समय 1 – 2 दिन 
ध्यान दें पेट्रा नाईट टूर का आनंद लें जो सोमवार, बुधवार और गुरुवार को चलती है |

गाइड की सुविधा लें 

सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के समय बढ़िया नज़ारा मिलता है |

पेट्रा साईट के निकट ही वाड़ी मूसा नाम की जगह है जहाँ आप रुक सकते हैं |

देखना न भूलें सिक, महल, मकबरा, थिएटर, खजाना, डैम 

7. ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना | Great Wall Of China

दुनिया के सात अजूबे

 

जैसा की नाम से ही आपको समझ आ रहा होगा कि उत्तरी चीन में स्थित महान दीवार दुनिया की सबसे लंबी दीवार है और इसीलिए यह दुनिया के 7 अजूबों में से एक है|

द ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना वास्तव में कई दीवारों की एक श्रंखला है जिसका निर्माण 7 वीं शताब्दी ईसा पूर्व  से लेकर 16 वीं शताब्दी के बीच किया गया था |

चीन की महान दीवार के बारे में यह प्रचलित है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है पर यह गलत है, इसके बारे में अधिक जानकारी आप यहाँ से ले सकते हैं |

यह विशालकाय दीवार लगभग 8,850 कि.मी. (चीन के हिसाब से 21,200 किमी) लम्बी है और इसका निर्माण मंगोल आक्रमणकारियों से बचाव के लिए किया गया था |

20-35 फीट ऊंची और 4-5 मीटर चौड़ी इस दीवार को नागरिकों, किसानों और कैदियों द्वारा बनाया गया  था जिसमें मुख्य रूप से तीन राजवंश शामिल थे : किन, हान और मिंग |

चीन की महान दीवार उत्तर-पश्चिम से लेकर उत्तर-पूर्व तक फैली हुई है और इसे देखने के लिए बीजिंग पहली पसंद होती है क्योंकि सबसे प्रसिद्ध खंड आपको यहीं देखने को मिलेंगे |

पहली बार देखने के लिए सबसे लोकप्रिय खंड – बादलिंग, मटियानु, जिंसलिंग और जियानकोउ हैं जो बीजिंग से सड़क द्वारा 1.5 से 3 घंटे की दूरी पर हैं |

ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना की यात्रा के लिए जरूरी जानकारी

चीन की महान दीवार

भारत से बीजिंग कैसे जाएँ भारत से बीजिंग जाने के लिए सीधी उड़ान सेवा उपलब्ध है |

सस्ती हवाई टिकट के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट ले सकते हैं |

भारत से बीजिंग का किराया 20000 – 50000 रु प्रतिव्यक्ति 
जाने का बेहतरीन मौसम  मार्च से अक्टूबर
खुलने का समय गर्मियों के दौरान सुबह 6.30 से शाम 7 बजे और सर्दियों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक
बीजिंग से चीन की दीवार तक जाने का बेहतरीन आप्शन बादलिंग, मटियानु, जिंसलिंग देखने के लिए प्रसिद्द स्थान हैं जो बीजिंग से 70, 95 और 140 किलोमीटर दूर हैं |

बच्चों और बड़े उम्र की लोगों के लिए मटियानु सेक्शन बढ़िया है |

बीजिंग से यहाँ तक आने के लिए आप बस, ट्रेन या प्राइवेट टैक्सी बुक कर सकते हैं |

टिकट का प्राइस साईट एंट्री : लगभग 675रु जिसमें बस टूर भी शामिल है |

यदि आप राउंड ट्रिप केबल कार की सुविधा लेना चाहते हैं तब अतिरिक्त 1200 रु और देने होंगे | 

ऑनलाइन टिकट बुकिंग ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना ऑनलाइन बुकिंग 
साईट देखने का समय 6 – 12 घंटे  
ध्यान दें यहाँ बहुत से सेक्शन में पूरा जंगली वातावरण है इसलिए गाइड की सुविधा लें 

सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के समय बढ़िया नज़ारा मिलता है |

दीवार के कई खंड टूटे हुए हैं और उनकी मरम्मत चलती रहती है इसलिए सजग रहें |

यहाँ कुछ मिलता नहीं है इसलिए अपने बैग पैक में भोजन, पानी, कैमरा, फोन, बैटरी बैंक, नैपकिन, और अन्य व्यक्तिगत आवश्यकताएं साथ लेकर चलें 

देखना न भूलें मिंग का मकबरा, बर्ड्स नेस्ट 

और अंत में…

आपने जाना कि वर्तमान दुनिया के सात अजूबे या ७ वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड हैं :-

  • ताजमहल
  • कोलोसियम
  • चिचेन इट्ज़ा
  • माचू पिच्चू
  • क्राइस्ट द रिडीमर
  • पेट्रा
  • और द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना

यह विश्व के कुछ ऐसे अनोखे आश्चर्य हैं जो अपनी स्थापत्य कला, विशिष्ट निर्माण शैली और लोकप्रियता के कारण duniya ke saat ajoobe की लिस्ट में शामिल है |

वैसे देखा जाये तो 7 अजूबों की यह लिस्ट समय समय पर बदलती रहती हैं और यहाँ आपको हर समय अपडेटेड जानकारी ही मिलेगी |

यदि आप इन विशिष्ट  स्थानों की यात्रा करना चाते हैं तब भी हमारी यह क्विक गाइड आपके बड़े काम आयेगी क्योंकि यहाँ वह सब जरूरी जानकारी दी गयी है जो आपकी यात्रा को सफल बनाएगी | 

हमें कमेंट कर के बताएं कि आपने इन सात अजूबों में से किसकी यात्रा की है या भविष्य में कहाँ की प्लानिंग है |

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3 thoughts on “दुनिया के सात अजूबे के नाम और फोटो [यात्रा गाइड सहित]”

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