ट्रेन में EOG का मतलब क्या होता है | EOG in Train in Hindi?

Last Updated on October 23, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव

क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेल में सफ़र के लिए इंजन और कोच के अलावा भी EOG एक ऐसी आवश्यक चीज है जिसके बिना ट्रेन  में यात्रा करना मुश्किल है?

EOG का मतलब है End on Generation और इस तकनीक का उपयोग पूरी तरह से वातानुकूलित और प्रीमियम ट्रेने जैसे राजधानी, शताब्दी, हमसफर, तेजस, गतिमान और अन्त्योदय इत्यादि में किया जाता है |

इस तकनीक की मदद से ट्रेन के पंखे, लाइट और एसी चलाने के लिए पॉवर सप्लाई किया जाता है |

इस उपयोगी लेख में हम लोग जानेंगे कि ट्रेन में ईओजी का मतलब क्या होता है और इस तकनीक का फायदा क्या है?

EOG Full Form क्या है?

EOG – End on Generation

ईओजी का मतलब क्या होता है | What is EOG in Train?

eog in train
Superfast1111, Kerala Express – LHB coach – EOG, CC BY-SA 4.0

भारतीय रेल में सभी कोच के लिए पॉवर की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्यतः तीन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है –

  • Self Generation (SG)
  • End on Generation (EOG)
  • Head on Generation (HOG)

अगर ट्रेन साधारण या फिर मेल/एक्सप्रेस है जिसमें कुछ वातानुकूलित कोच ही होते हैं उनके लिए Self Generation (SG) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है |

पर अगर वातानुकूलित कोच अधिक हैं या फिर पूरी ट्रेन ही एसी है तब इसके लिए अधिक पॉवर की जरूरत पड़ेगी और इस दशा में ईओजी का इस्तेमाल किया जाता है |

EOG एक ऐसी प्रणाली है जिसका उपयोग ट्रेनों में प्रकाश व्यवस्था, एयर कंडीशनिंग, हीटिंग और चार्जिंग आउटलेट जैसे विभिन्न ऑन-बोर्ड कार्यों के लिए विद्युत शक्ति (Power) उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

EOG Coach जिसे Luggage Brake and Generator Car या power car  के रूप में भी जाना जाता है वह Rake के दोनों सिरों पर जुड़े होते हैं यानि एक इंजन के ठीक बाद और दूसरा सारे डिब्बों के बिलकुल अंत में।

प्रत्येक पावर कार में दो DG Set (Diesel Generator) होते हैं और प्रत्येक डीजी सेट 300 KW का होता है जिसे पावर कार के अंदर ही लगाया जाता है |

ये जनरेटर ट्रेन के सिस्टम को चलाने और यात्रियों को आरामदायक अनुभव प्रदान करने के लिए आवश्यक बिजली का उत्पादन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

Power Cars को End on Generation इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें ट्रेन रेक के दोनों अंतिम छोर पर लगाया जाता है |

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ईओजी काम कैसे करता है | How EOG in Train Work?

LHB Generator Car #shorts

 

ट्रेनों में ईओजी की कार्यप्रणाली काफी सरल है जहाँ पर हर एक EOG coach में आपको एक बिजली का जनरेटर मिलेगा जो अक्सर डीजल इंजन द्वारा संचालित होता है।

इनमें प्रमुख घटक होते हैं :-

डीजल इंजन: यह EOG system का हृदय है जो डीजल ईंधन को यांत्रिक ऊर्जा (mechanical energy) में परिवर्तित करने के लिए जिम्मेदार होता  है |

इसका  उपयोग जनरेटर को चालू करने के लिए किया जाता है।

जनरेटर: जनरेटर डीजल इंजन से जुड़ा होता है और यांत्रिक ऊर्जा (mechanical energy) को विद्युत ऊर्जा (electrical energy) में परिवर्तित करता है।

यह ट्रेन में विभिन्न प्रणालियों को बिजली देने के लिए आवश्यक बिजली का उत्पादन करता है।

विद्युत वितरण: उत्पन्न बिजली को विद्युत सर्किट (electrical circuits) के माध्यम से पूरी ट्रेन में वितरित (distribute) किया जाता है।

यह प्रकाश, एयर कंडीशनिंग, हीटिंग और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को शक्ति प्रदान करता है।

दूसरा बैकअप: निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ईओजी सिस्टम में रेक के दूसरी ओर एक और बैकअप DG सेट होता है ।

दूसरे डीजी सेट को एक प्रकार से  100% बैकअप के लिए उपयोग किया जाता है।

Train में EOG के क्या फायदे है?

ईओजी का उपयोग ट्रेनों में कई जरूरी कारणों से किया जाता है और इसके फायदे है :

आत्मनिर्भरता और लचीलापन: जब बिजली उत्पादन की बात आती है तो EOG तकनीक से लैस कोच बिलकुल आत्मनिर्भर होते हैं।

उनके लिए किसी बाहरी शक्ति स्रोत (power source) जैसे ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन  की आवश्यकता नहीं होती है |

इसे कारण से इन्हें विद्युतीकृत (electrified) और गैर-विद्युतीकृत (non-electrified) रेलवे लाइनों पर सफलतापूर्वक उपयोग किया जा सकता है ।

भारत में अभी भी ऐसे रूट हैं जहाँ ओवरहेड तारों की कमी है और अगर उस ट्रेन में ईओजी कोच है तब वह उस रूट पर चल सकती है |

लागत में कम: पूरे रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण की तुलना में ईओजी सिस्टम को स्थापित करना और बनाए रखना लागत प्रभावी होता है।

इस EOG system के कारण भारतीय रेल प्रति ट्रेन 93 लाख रुपये की बचत कर सकती है |

यह सिस्टम सेल्फ जनरेशन (SG) सिस्टम की अपेक्षा काफी सस्ता पड़ता है |

विश्वसनीयता: ईओजी सिस्टम अपनी विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं क्योंकि ये यात्रियों के आराम और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए लगातार बिजली आपूर्ति प्रदान कर सकते हैं।

कम उपकरण: EOG system में SG की अपेक्षा काफी कम इक्विपमेंट का इस्तेमाल होता है और इसलिए इसमें बैटरी, इनवर्टर, पुली, बेल्ट, रेगुलेटर और बैटरी बॉक्स का इस्तेमाल नहीं होता है |

Train में EOG के क्या नुकसान है?

जहाँ एक ओर ईओजी सिस्टम के कई फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसान भी हैं:

सीमित गति: ईओजी कोच वाली ट्रेनें आमतौर पर हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक ट्रेनों जितनी तेज़ नहीं होती हैं।

इससे उच्च गति की आवश्यकता वाले मार्गों पर उनका सीमित उपयोग किया जा सकता है।

शोर और कंपन: डीजल इंजन काफी शोर और कंपन पैदा करते हैं जो यात्रियों को थोड़ा परेशान कर सकते हैं और इनसे ध्वनि प्रदूषण भी होता है |

ईंधन की खपत: डीजल जनरेटर काफी ईंधन की खपत करते हैं |

पर्यावरणीय प्रभाव: हालांकि EOG system पारंपरिक लोकोमोटिव की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल हो सकते हैं पर इनके उत्सर्जन से वायु प्रदूषण होता है।

Train में HOG क्या होता है?

हमने ऊपर देखा की EOG system काफी बढ़िया है पर यह वायु और ध्वनि प्रदूषण पैदा करता है |

इसके साथ ही इसमें डीजल की खपत भी काफी अधिक होती है |

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रेलवे ने इलेक्ट्रिक इंजनों के लिए Head on Generation (HOG) विकसित किया है जो डीजल जनरेटर का स्थान ले सकता है।

इस सिस्टम को काम करने के लिए लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन होना जरूरी है क्योंकि यह पॉवर के लिए ओवरहेड लाइन का उपयोग करता है और इसके लिए इंजन के पैंटोग्राफ का उपयोग किया जाता है |

HOG system को काम करने के लिए भी एक अलग कोच की आवश्यकता होती है जिसमें एक स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर रहता है जो उच्च वोल्टेज को कम कर के (415V 3-phase / 110V 1-phase) बाकी के  ट्रेन कोच को सप्लाई करता है |

रेल मंत्रालय के मुताबिक HOG सिस्टम से प्रति ट्रेन सालाना 10 लाख लीटर तक के डीजल की बचत होती है।

और अंत में…

इस लेख में आपने जाना की train me eog ka matlab क्या होता है, कैसे काम करता है और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं|

ट्रेनों में एंड ऑन जेनरेशन (ईओजी) आधुनिक रेलवे तकनीक का एक महत्वपूर्ण घटक है जिसमें पूरी बिजली उत्पादन की प्रणाली गाड़ी के दोनों छोर पर स्थित होती है | 

वैसे EOG system की कई कमियां भी हैं जिसे दूर करने लिए अब ट्रेनों में Head on Generation (HOG) system का उपयोग किया जाने लगा है |

आप हमें कमेंट कर के बताएं कि ये लेख आपको कैसा लगा और आप रेलवे सम्बंधित और क्या जानकरी चाहते हैं |

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