Optical Image Stabilization (OIS) क्या होता है?

Last Updated on April 30, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव

OIS यानि optical image stabilization एक ऐसी तकनीक है जो पहले हाई एंड डिजिटल कैमरा या लेंसो में आती थी वह आजकल अधिकतर कैमरा फोन में आ रही है।

यह एक ऐसी बेहतरीन तकनीक है जिसकी मदद से आप अपने स्मार्टफोन से बहुत ही शार्प फोटो खींच सकते हैं भले ही फोटो लेते वक्त आपका हाथ थोड़ा बहुत हिल ही क्यों न गया हो।

अगर आप फोटोग्राफी में रूचि रखते हैं और कोई नया फोन खरीदने जा रहे हैं तो फिर इस फीचर को देखना ना भूलें।

तो आज के इस लेख में हम बातचीत करने वाले हैं कि ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन क्या होता है, कैसे काम करता है, उसके उपयोग क्या है और उसके फायदे और नुकसान क्या क्या है?

Optical image stabilization (OIS) क्या होता है?

Optical image stabilization  का Hindi Meaning होता है ऑप्टिकल (प्रकाश संबंधी) छवि स्थिरीकरण।

सरल भाषा में –

ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन एक ऐसी तकनीक होती है जिसकी मदद से कैमरा के हिलने डुलने (movement) से फोटो या वीडियो में उत्पन्न होने वाले हैं धुंधलेपन या blur को कम किया जा सकता है।

आपने महसूस किया होगा कि जब भी हम कैमरा फोन को हाथ से पकड़ कर फोटोग्राफी करते हैं और कोई ट्राइपॉड का उपयोग नहीं करते हैं तब हाथ हिलने की वजह से तस्वीर में blur आ जाता है जो दिखने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता।

अधिकतर बार यह परेशानी रात में अधिक आती है क्योंकि उस समय अधिक रौशनी के लिए कैमरा शटर ज्यादा देर तक खुला रहता है जिसके कारण जरा सा हिलने से भी आपकी फोटो साफ़ नहीं आती है।

उदाहरण के लिए आप यह फोटो देख सकते हैं जो मैंने OIS और बिना OIS वाले कैमरा फोन से ली है |

इसमें आप देख सकते हैं कि जब ओआईएस ऑफ हो जाता है तब जरा सा हाथ हिलने पर भी फोटो के कोने पर धुंधलापन आ जाता है।

optical image stabilization use on flower

ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन आजकल के हाई एंड स्मार्टफोन में आता है और इसके लिए उसके लेंस के आस पास छोटे-छोटे gyroscope और सेंसर लगे रहते हैं जोकि मोशन (हिलने डुलने) को पकड़ते हैं और फिर उसकी उल्टी दिशा में काम करके हिलने डुलने की प्रवृत्ति को कम कर देते हैं।

अब आइए डिटेल में समझते हैं कि किसी स्मार्टफोन में Optical image stabilization काम कैसे करता है?

Optical image stabilization काम कैसे करता है?

ओआईएस कैसे काम करता है यह समझने से पहले आपको उसके पार्ट्स या कंपोनेंट्स पर ध्यान देना होगा जो आपके स्मार्टफोन कैमरा के अंदर रहते हैं।

Gyroscope – जायरोस्कोप एक तरह के छोटे-छोटे सेंसर होते हैं जोकि किसी भी दिशा में होने वाले बहुत ही महीन हरकतों को भी पकड़ सकते हैं।

यह कैमरा की rotation और tilt को नापते हैं।

Accelerometer – यह भी एक प्रकार के सेंसर होते हैं जो किसी भी दिशा से होने वाली किसी भी तरह की गति में होने वाले बदलाव को फटाफट पकड़ सकते हैं।

Accelerometer कैमरा की movement को नापता है ।

Actuator – यह बहुत ही छोटे छोटे मोटर होते हैं जो लेंसों को हिलने डुलने वाली दिशा के विपरीत ले जाते हैं।

Optical image stabilization ऐसे करता है काम

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यह तो आप जानते ही होंगे कि जब भी आप अपने कैमरा फोन से फोटो लेते हैं या फिर वीडियो रिकॉर्ड करते हैं तो किसी भी प्रकार के हिलने डुलने (movement) से फोटो या वीडियो में ब्लर की समस्या आ सकती है।

अगर आपके स्मार्टफोन में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन का फीचर दिया हुआ है तब यह बहुत तेजी से एडजस्टमेंट करके कैमरा लेंस को स्थिर यानी stable रखने का प्रयास करेगा जिससे कि फोटो या वीडियो में धुंधलापन ना आए।

OIS फीचर कुछ इस तरह से काम करता है

1. कैमरा के भीतर दिए गए जायरोस्कोप और एक्सीलरोमीटर किसी भी मूवमेंट को पकड़ते हैं।

2. फिर माइक्रोप्रोसेसर चिप इस डाटा को प्रोसेस करती है और यह तय करती है कि किस प्रकार का और कितना मूवमेंट हो रहा है।

3. उसके बाद actuator हरकत मैं आ जाता है और मोटर की मदद से लेंस के एलिमेंट को उस movement की विपरीत दिशा में ले जाया जाता है जिसे की स्थिरता आ सके।

इसी प्रक्रिया को image stabilization कहते हैं और चूंकि यह optically किया जाता है इसलिए इसे ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन कहा जाता है।

इसी कारण से ओआईएस की मदद से जो भी फोटो या वीडियो कैप्चर किया जाता है वह काफी स्टेबल रहता है जिससे की इमेज बहुत शार्प आती है।

एक बार फिर से ऊपर दी हुई दोनों तस्वीरों पर ध्यान दें और आप देख सकते हैं कि बिना OIS ON किए हुए तस्वीर के कोनों पर धुंधलापन साफ दिख रहा है।

Optical image stabilization के उपयोग क्या है?

Optical image stabilization फोटोग्राफी के लिए एक बहुत ही जरूरी फीचर है जिसे तरह-तरह की परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसका उपयोग फोटो और वीडियो दोनों को स्थिर रखने के लिए किया जाता है पर ख़ास तौर पर यह फोटो के लिए बेहतरीन होता है |

जब भी आपको लो लाइट या फिर लॉन्ग एक्सपोजर का उपयोग करके फोटो खींचना हो तो OIS इमेज को अधिक शार्प बनाता है और ब्लर को कम करता है।

इस फीचर की मदद से तेज भागने या दौड़ने वाले सब्जेक्ट जैसे कि खेलकूद इत्यादि को भी कैमरा को स्थिर रखते हुए फोटो खींची जा सकती है।

कुल मिलाकर के यह OIS फीचर मोबाइल फोटोग्राफी के लिए बहुत ही आवश्यक है।

ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन के फायदे क्या क्या है?

अगर आपके स्मार्टफोन कैमरा में ओआईएस की सुविधा दी गई है तो फिर आपको फोटोग्राफी के दौरान यह फायदे मिलेंगे|

कैमरा मूवमेंट को कम करना

यह OIS का सबसे बड़ा फायदा है जिसकी मदद से थोड़ा भी हाथ हिलने के कारण जो धुंधलापन आता था वह खत्म हो जाएगा।

बढ़िया लो लाइट परफारमेंस

कम रोशनी के दौरान हम अपने फोन की फ्लैश लाइट चालू कर देते हैं जिससे उसमें रेड आई आने की संभावना बनी रहती है।

इसके अलावा कम रोशनी होने के कारण जरा सा हिलने पर भी फोटो में ब्लर आने की संभावना अधिक होती है।

तो अगर आपके फोन में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन की सुविधा है तो आप बिना फ्लैश के  ही साफ तस्वीर पा सकते हैं।

बढ़िया वीडियो स्टेबिलिटी

Optical image stabilization का यह फायदा है कि वह फोटो के अलावा वीडियो में भी काम करता है और इसकी मदद से आप स्मूथ वीडियो फुटेज कैप्चर कर सकते हैं।

अगर आप की वीडियो स्मूथ रहेगी तो वह देखने में भी एक प्रोफेशनल लुक देगी क्योंकि हिलती हुई वीडियो किसी को भी पसंद नहीं आती है।

बढ़िया और स्मूथ जूम

फोटोग्राफी – वीडियोग्राफी के दौरान हम अक्सर ही जूम का प्रयोग करते हैं और यह तो तय बात है कि अगर आपके फोन में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन है तब उसमें ऑप्टिकल जूम भी जरूर होगा।

पर यहां यह जरूरी नहीं है कि अगर आपके फोन में ऑप्टिकल जूम की सुविधा है तो उसमें OIS भी हो।

तो ऐसे फोन में जिनमें ओआईएस नहीं है और अगर आप जूम करते हैं तो भी इस दशा में फोटो या वीडियो में ब्लर आने की संभावना रहती है।

Optical image stabilization के क्या नुकसान हैं?

OIS के ढेरों फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी हैं जिसके बारे में बात करेंगे

इमेज प्रोसेस करने में थोड़ी सी देरी

OIS का एक छोटा सा नुकसान यह है कि आपको फोटो कैप्चर करने में थोड़ी सी देरी हो सकती है।

क्योंकि ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन को लागू करने के लिए कैमरा को कुछ एडजस्टमेंट करना पड़ता है जिससे कि फोटो लेने में थोड़ा सा समय लग सकता है पर देखने में यह आपको बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा।

अधिक दाम

जिस फोन में ओआईएस की सुविधा होगी उसका दाम आम फोन से थोड़ा अधिक ही रहेगा इस बात का ध्यान रखें।

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि सभी फोन में ओआईएस की सुविधा नहीं होती है और उसमें स्टेबलाइजेशन के लिए EIS का सहारा लिया जाता है।

कैसे पता करें कि आपके स्मार्टफोन में OIS का फीचर है?

जब भी आप स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हो तो आप सेल्समैन से पूछ करके पता कर सकते हैं कि आपके फोन में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन का फीचर है कि नहीं।

दूसरा यह है कि आप उसमें दिए गए मैनुअल को पढ़कर के भी जान सकते हैं।

तीसरा यह है कि आप इस वेबसाइट पर जाएं और उसमें अपना फोन का मॉडल डालकर चेक करें।

उदाहरण के लिए मैंने सैमसंग गैलेक्सी S22 डाला है और आप यहां पर यह स्क्रीनशॉट देख सकते हैं।

samsung s22 camera specs

यहां पर आप देख सकते हैं कि इसके प्राइमरी और टेलिफोटो कैमरा में OIS का फीचर है जिससे कि यह कैमरा फोन साफ तस्वीरें खींच सकता है।

और अंत में

अगर आप फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं तो फिर आपके फोन में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन का यह फीचर आपके बहुत काम आएगा।

इस लेख में आपने समझा कि OIS क्या है, कैसे काम करता है और इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है।

इस तकनीक के कई सारे फायदे हैं पर इसके लिए आपको महंगी कीमत भी चुकानी पड़ती है ।

आप मुझे कमेंट करके बताएं कि क्या आप को आईएस फीचर के साथ जाना चाहेंगे और क्या आपके पास में अभी जो कैमरा फोन है उसमें यह फीचर मौजूद है कि नहीं।

इस उपयोगी जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अन्य लोग भी इसका फायदा ले सके।

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