Last Updated on March 12, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव
डीएसएलआर (DSLR) यानी Digital Single Lens Reflex आज के समय में बहुत ही मशहूर प्रकार का कैमरा है जो विश्व भर के फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर और शौकिया लोगों के द्वारा उपयोग किया जाता है।
यह कैमरा पुराने रील वाले SLR कैमरे का ही उन्नत रूप है जिसे सन 1991 में बाजार में उतारा गया था।
DSLR कैमरे में लेंस बदलने की सुविधा होती है और इसमें फोटो को कैप्चर करने के लिए एक डिजिटल सेंसर होता है ।
आप ऐसे समझ सकते हैं कि पुराने जमाने वाले एसएलआर कैमरे में जो काम फिल्म रोल का होता था वही आज के डीएसएलआर में यह काम डिजिटल सेंसर का होता है।
हालांकि आज और कल का दौर मोबाइल फोटोग्राफी का है मगर डी.एस.एल.आर. एक ऐसा कैमरा है जिसकी मदद से बेहतरीन फोटोग्राफी की जा सकती है।
आज इस बातचीत में हम जानेंगे कि डीएसएलआर कैमरा क्या होता है, कैसे काम करता है उसके उपयोग, फायदे और नुकसान क्या क्या है?
डीएसएलआर कैमरा क्या है | What is a DSLR Camera [Full Form & Hindi Meaning]
डीएसएलआर कैमरा का फुल फॉर्म होता है Digital Single Lens Reflex और इस का Hindi meaning होता है डिजिटल एकल लेंस प्रतिबिम्ब।
यहां पर Reflex का मतलब होता है Reflection यानी प्रतिबिंब या परावर्तन।
इसे डिजिटल सिंगल लेंस रिफ्लेक्स कैमरा इसलिए कहते हैं क्योंकि यह कैमरा केवल एक ही लेंस का उपयोग करता है इमेज को देखने/कंपोज और कैप्चर करने के लिए।
फिर यही कैमरा रिफ्लेक्स मेकैनिज्म यानी परावर्तन प्रक्रिया का उपयोग करता है रोशनी को लेंस से परावर्तित करके viewfinder की ओर डालने के लिए ।
कैमरे के व्यूफाइंडर के बारे में तो आप जानते ही होंगे जो लेंस से ऊपर की ओर लगा रहता है और जहां से आप उस सीन को देख सकते हैं जिसे आपको शूट करना है।
डीएसएलआर कैमरा के मुख्य घटक क्या है | Parts of a DSLR Camera
आप इस तस्वीर को देखें जिसमें डीएसएलआर के भीतर के मुख्य पार्ट्स को दर्शाया गया है जो इस प्रकार से हैं।
1. लेंस | Lens
यह सीधा कैमरे से जुड़ा होता है और इसकी मदद से बाहर की रोशनी कैमरे के भीतर आती है।
लेंस भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिनके अलग-अलग काम होते हैं और इसके बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं इस लेख से – लेंस कितने प्रकार के होते हैं?
2. अपर्चर | Aperture
यह लेंस में दिया हुआ एक छेद होता है जिससे भीतर आने वाली रोशनी को नियंत्रित किया जा सकता है।
अलग-अलग प्रकार के लेंस में अलग-अलग आकार का अपर्चर होता है जिसके बारे में उस लेंस के ऊपर लिखा रहता है।
3. परावर्ती दर्पण | Reflex Mirror
परावर्ती दर्पण यानि एक ऐसा शीशा जो आने वाली रोशनी को रिफ्लेक्ट करता है और 45 डिग्री कोण पर लगा होता है।
4. शटर | Shutter
कैमरे के सेंसर के आगे एक पर्दा लगा होता है जो आने वाली रोशनी को नियंत्रित करता है उसे शटर कहते हैं।
आमतौर पर यह बंद ही रहता है और जब भी आप कैमरे को क्लिक करते हैं तो यह शटर खुल जाता है और रोशनी सीधा सेंसर के ऊपर पड़ती है और फोटो कैप्चर हो जाती है।
यह क्लिक की आवाज शटर के खुलने और बंद होने की होती है।
5. इमेज सेंसर | Image Sensor
सेंसर कैमरे का दिल है जिसकी मदद से फोटो बनती है।
इसमें लाखों फोटोसेंसेटिव तत्व होते हैं जिन्हें पिक्सेल कहा जाता है।
सेंसर कैसे फोटो बनाता है इसके बारे में हमने काफी विस्तृत लेख लिखा है जिसे आप देख सकते हैं यहां से – कैमरा सेंसर क्या है?
6. फोकसिंग स्क्रीन | Focussing Screen
इसे एक प्रकार का लेंस ही समझें जिसकी मदद से आप व्यूहफाइंडर पर अपने फोटो का साफ प्रिव्यू ले सकते हैं।
Focusing screen आपको वही चीज दिखाएगा जिसकी फोटो आप लेने वाले हैं और इसकी मदद से आप अपनी फोटो को बेहतर ढंग से कंपोज कर सकते हैं।
7. कंडेंसर लेंस | Condenser Lens
यह दो convex lens का जोड़ होता है और इसकी मदद से reflex mirror से परावर्तित होकर आने वाले प्रकाश को सीधा एक लाइन में रखा जाता है।
8. पेंटाप्रिज्म | Pentaprism
यह 5 कोनो वाला एक परावर्ती या reflecting prism होता है जो कंडेनसर लेंस से आने वाली सीधी रोशनी को 90 डिग्री कोण पर मोड़ देता है।
इसके कोने कुछ इस तरह से डिजाइन होते हैं कि यह आने वाली रोशनी को दो बार 90 डिग्री पर मोड करके एक सीधी रेखा में कर देता है जो अंततः viewfinder पर जाती है।
9. व्यूफाइंडर | Viewfinder
व्यूफाइंडर कैमरे का वह भाग होता है जहां से हम फोटो को देख और कंपोज कर सकते हैं जिसे हमे शूट करना है।
यहां पर ध्यान दें कि जब भी आप viewfinder में देखते हैं तो आप उस सीन को नहीं बल्कि उसके प्रतिबिंब को देख रहे होते हैं जो कि लेंस के द्वारा कैप्चर की जा रही है।
यह वही प्रतिबिंब होता है जो फोकसिंग स्क्रीन द्वारा बना करके व्यू फाइंडर पर दिखाया जाता है।
यह तो हो गए DSLR Camera के parts, अब आइए जानते हैं कि डीएसएलआर कैमरा कैसे काम करता है?
डीएसएलआर कैमरा कैसे काम करता है | How DSLR Camera Works?
आप कैमरे के व्यू फाइंडर पर देखते हैं और जैसा सीन आपको शूट करना है वह बिल्कुल वैसा ही आपको व्यू फाइंडर पर दिखता है।
यहां पर लाइट उस सीन या सब्जेक्ट से टकराकर लेंस से होती हुई कैमरे के भीतर आती है और रिफ्लेक्स मिरर पर पड़ती है।
Reflex mirror से रोशनी टकराकर के ऊपर की ओर जाती है और फोकसिंग स्क्रीन और कंडेनसर लेंस से होती हुई pentaprism पर पड़ती है (देखें ऊपर की तस्वीर)।
पेंटाप्रिज्म आने वाली vertical light को दो बार reflect करके horizontal में बदल देता है और सीधा viewfinder की ओर भेज देता है जिससे कि आपको सब्जेक्ट का व्यू दिख सके ।
फोटो को कंपोज करने के बाद जब भी आपको फोटो खींचनी होती है तो आप शटर का बटन दबाते हैं और क्लिक होते ही दो काम होते हैं –
- पहला Reflex mirror ऊपर की ओर उठ जाता है जिससे कि आने वाली रोशनी सीधा शटर पर पड़ती है
- फिर इसके बाद शटर ऊपर की ओर उठता है और आने वाली रोशनी सीधा इमेज सेंसर पर पड़ती है।
यहां पर ध्यान दें कि शटर गिरने और उठने के समय को आप नियंत्रित कर सकते हैं जिसे शटर स्पीड कहा जाता है इसके बारे में हमने काफी विस्तृत लेख लिखा है जिसे आप देख सकते हैं यहां से – शटर स्पीड क्या है?
तो फिर तय समय तक शटर खुलने के बाद में वह अपने आप बंद हो जाता है और इसके बाद रिफ्लक्स मिरर भी अपने स्थान पर वापस आ जाता है और सेंसर पर रोशनी पड़ना बंद हो जाती है।
इमेज सेंसर पर तय समय तक जो रोशनी पड़ी वह उसको कैप्चर और रिकॉर्ड करता है और उसी जानकारी का उपयोग करके फोटो का निर्माण करता है जिसे अंततः कैमरा के मेमोरी कार्ड में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
यह सब पूरा काम सेकेंडों से भी कम समय में हो जाता है ।
डीएसएलआर कैमरा की खूबियाँ | Advantages of DSLR Camera
Photographers, videographers और शौकिया लोगों के बीच में डीएसएलआर कैमरा काफी मशहूर है |
आइये जानते हैं डीएसएलआर कैमरा के कुछ खूबियों के बारे में।
किसी स्मार्टफोन की अपेक्षा डीएसएलआर कैमरे की क्वालिटी काफी बढ़िया होती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक तो स्मार्टफोन की अपेक्षा इनका इमेज सेंसर का आकार काफी बड़ा होता है और इसमें बहुत सारे सेटिंग्स होते हैं जिससे आपकी तस्वीर पर अच्छी पकड़ बनती है।
2. लेंस का उपयोग | Use of Lens in DSLR camera
डीएसएलआर कैमरे में तरह-तरह के लेंसों का प्रयोग किया जा सकता है जो इसकी सबसे बड़ी खूबी है।
इसका मतलब यह है कि आप अपने सब्जेक्ट और सीन के हिसाब से सही लेंसों का चुनाव कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए अगर आपको कोई लैंडस्केप फोटो खींचनी है तो आप वाइड एंगल लेंस चुन सकते हैं, उसी तरह से पोट्रेट्स खींचने के लिए आप क्लोजअप प्राइम लेंस चुन सकते हैं।
बाजार में तरह-तरह की रेंज के लेंस मौजूद है जो आपको बेहतरीन फोटोग्राफी करने में मदद करते हैं।
3. डीएसएलआर कैमरे का बड़ा सेंसर | Large Sensor in DSLR Camera
जैसा मैंने आपको पहले बताया था कि एक मोबाइल फोन के अपेक्षा डीएसएलआर में काफी बड़ा सेंसर होता है जिससे कि वह अधिक रोशनी को कैप्चर कर सकता है।
अधिक रोशनी का मतलब यह है कि कम लाइटिंग में भी बढ़िया क्वालिटी की और डीटेल्ड तस्वीरें आती है।
4. मैन्युअल सेटिंग और कण्ट्रोल | Manual Setting & Controls
डीएसएलआर कैमरे में आप एक्स्पोज़र को मैनुअली कंट्रोल कर सकते हैं शटर स्पीड, अपर्चर और आईएसओ की मदद से।
एक्स्पोजर को कंट्रोल करके और इनकी फाइन ट्यूनिंग करके एक से बढ़कर एक तस्वीरें खींच सकते हैं।
उदाहरण के लिए अगर आपको एक बहुत ही तेज जाने वाले सब्जेक्ट का फोटो खींचना है जैसे की उड़ती हुई चिड़िया तो उसके लिए आप तेज शटर स्पीड को चुनकर के मोशन को फ्रीज कर सकते हैं और तस्वीर धुंधली होने से रोक सकते हैं जो किसी मोबाइल कैमरा में नहीं की जा सकती।
ऐसे फोटोग्राफर जो डीएसएलआर कैमरा की मैनुअल सेटिंग के बारे में थोड़ा बहुत भी जानते हैं वह इसकी मदद से काफी बढ़िया तस्वीरें खींच सकते हैं।
ऐसे मैनुअल कंट्रोल आप मोबाइल कैमरे में भी एप्लीकेशन इंस्टॉल करके पा सकते हैं पर वह एक डीएसएलआर कैमरा की सेटिंग से कहीं पीछे होते हैं।
5. मजबूती | Durability
किसी डीएसएलआर कैमरे की बनावट बाकी अन्य कैमरों से अलग होती है और यह दिखने में काफी मजबूत होता है।
अगर आप थोड़े से mid-range से ऊपर वाले कैमरा लेंगे तो उसमें water और dust resistance की सुविधा भी आपको मिल जाती है।
इसीलिए एक डीएसएलआर कैमरा को सीन की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग शूटिंग कंडीशन में उपयोग किया जा सकता है।
6. तरह-तरह की एक्सेसरीज का प्रयोग | DSLR Camera Accessories
एक डीएसएलआर कैमरा की एक बड़ी खूबी यह भी है कि आप इस में तरह-तरह की एक्सेसरीज का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि फ्लैश, ट्राइपॉड, लेंस, फिल्टर इत्यादि।
इन एक्सेसरीज का उपयोग करके आप का शूटिंग का अनुभव काफी बढ़ जाता है और आप अपनी तस्वीरों पर और भी अधिक क्रिएटिव हो सकते हैं।
डीएसएलआर कैमरा की कमियां | Disadvantages of DSLR Camera
जहां एक और किसी डीएसएलआर कैमरा में ढेरों खूबियां हैं तो वैसे ही इसमें कुछ कमियां ही भी हैं जिनके बारे में अब हम बात करने वाले हैं
1. आकार और वज़न | Size & Weight
जहां पर एक ओर DSLR Camera काफी मजबूत माना जाता है वही इसका अधिक बड़ा आकार और भार होना ही इसकी एक बड़ी कमी भी है।
अगर आप इसे एक आम स्मार्टफोन और किसी डिजिटल या mirrorless camera से तुलना करेंगे तो फिर डीएसएलआर काफी भारी होता है।
इसी कारण से किसी डी.एस.एल.आर. कैमरा को हर जगह ले जाने में काफी मुश्किलें आती हैं खासकर जब आपको बहुत अधिक यात्राएं करनी हो।
2. जटिलता | Complexity
किसी डीएसएलआर का उपयोग आम आदमी के बस की बात नहीं है क्योंकि यह काफी compex यानि जटिल होता है।
आपने देखा होगा कि आम प्वाइंट और शूट कैमरा या फिर एक स्मार्टफोन में रेडीमेड ऑटोमेटिक सेटिंग दी रहती है पर एक DSLR में बढ़िया फोटोग्राफी के लिए आपको मैन्युअल कंट्रोल आना ही चाहिए |
इसलिए जो नए फोटोग्राफर होते हैं उनके लिए शुरूआती समय काफी मुश्किल होता है।
किसी डीएसएलआर को उपयोग करने से पहले उसके सभी फीचर्स और सेटिंग्स को जानना और समझना जरूरी होता है जिसमें काफी समय लग जाता है।
जहां एक ओर किसी डीएसएलआर कैमरा की स्टिल फोटोग्राफी बहुत ही शानदार होती हैं पर वीडियो डिपार्टमेंट में यह मात खा जाते हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन्हें खासतौर से फोटोग्राफी के लिए ही डिजाइन किया गया होता है और इनमें वीडियो से जुड़े हुए एडवांस फीचर नहीं होते जैसे कि स्टेबलाइजेशन या फिर बढ़िया ऑटोफोकस।
हालांकि आजकल मिड और हाई रेंज में काफी ऐसे कैमरे आ रहे हैं जो शानदार वीडियोग्राफी भी कर सकते हैं (Canon EOS 90D) पर उनके लिए आपको अधिक पैसे खर्च करने होंगे।
मेरे अनुभव के हिसाब से बढ़िया लाइट में वीडियोग्राफी करने के लिए एक स्मार्टफोन कैमरा किसी डीएसएलआर से अधिक बेहतर है क्योंकि इसमें काफी एडवांस फीचर्स होते हैं।
4. एक्सेसरीज की आवश्यकता | Accessories Requirement
DSLR Camera में तरह-तरह की एक्सेसरीज का उपयोग किया जा सकता है और यही इसकी एक कमी भी है।
ऐसा इसलिए है कि अगर आपने केवल कैमरे की बॉडी खरीदी है तो आपको कोई फायदा नहीं होगा बल्कि आपको अलग से लेंस भी खरीदने होंगे तब कहीं जाकर आप फोटोग्राफी कर सकते हैं।
इसी तरह से आपको पता चलेगा कि समय के साथ-साथ आपको तरह-तरह के फ्लैश और ट्राइपॉड इत्यादि की भी जरूरत पड़ेगी जिससे कि आपकी कुल लागत बढ़ती जायेगी।
5. अधिक दाम | High Cost
अगर आप एक casual clicker हैं तब आज के समय में आप एक ₹5000 का फोन लेकर के भी फोटो खींच सकते हैं और आपको महंगे डीएसएलआर कैमरे खरीदने की कोई जरूरत नहीं।
पहले जब फोन के कैमरे इतने एडवांस नहीं थे तब आपको एक कैमरा खरीदना ही पड़ता था पर आज के समय में अगर आप साधारण फोटोग्राफी से खुश हैं तो फिर इन महंगे कैमरों की कोई जरूरत नहीं है।
हालांकि आजकल डीएसएलआर कैमरा की प्राइस भी काफी कम हो गई है और यह आपको 25 से 30000 रुपये में भी मिल जाएगा।
और अंत में…
अपने एडवांस फीचर्स के कारण आज के समय में एक DSLR Camera प्रोफेशनल फोटोग्राफर और hobbyists के बीच में काफी लोकप्रिय है।
हमारी इस बातचीत में अपने जाना कि डीएसएलआर कैमरा क्या है, कैसे काम करता है और इसकी खूबियां और नुकसान क्या है।
एक डीएसएलआर कैमरा प्रोफेशनल फोटोग्राफर के लिए काफी बढ़िया है पर हम ऐसा नहीं कह सकते कि यह सभी लोगों के लिए बढ़िया है।
हालांकि इन कैमरों में काफी एडवांस फीचर्स दिए रहते हैं पर सभी को इसकी जरूरत उतनी नहीं होती क्योंकि सभी लोग के पास में इतनी टेक्निकल जानकारी नहीं होती और साथ ही साथ सब लोग इसमें इतना पैसा भी नहीं लगा सकते।
आप हमें कमेंट करके बताएं कि क्या आप फोटोग्राफी के लिए किसी डीएसएलआर कैमरे का उपयोग कर रहे हैं या कोई अन्य कैमरा।
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