Last Updated on August 28, 2021 by अनुपम श्रीवास्तव
फोटोग्राफी में अपर्चर हमेशा से तनिक कंफ्यूज करने वाला भाग रहा है |
जैसा अधिकतर लोग समझते हैं, अपर्चर किसी कैमरे का नहीं बल्कि लेंस का एक पार्ट होता है पर इसे कण्ट्रोल कैमरे से ही किया जाता है |
Exposure Triangle में एपर्चर का बहुत बड़ा रोल है और केवल इसे कण्ट्रोल कर के आप एक से बढ़ कर एक फोटो खींच सकते हैं |
अब चाहे आपको शानदार बैकग्राउंड ब्लर वाला पोर्ट्रेट लेना हो या फिर पूरा फोकस वाला एक लैंडस्केप, एपर्चर की मदद से आप यह सब कर सकते हैं |
पर कैसे ?
Learn Basic Photography in Hindi सीरीज के भाग # 6 में आपका स्वागत है |
आज हम जानेंगे कि अपर्चर क्या होता है और कैसे इसे सेट किया जाता है जिससे आप बेहतरीन फोटो खींच सकें ?
अपर्चर क्या होता है | What is Aperture in Hindi?
बहुत ही आसान शब्दों में कहें तो अपर्चर किसी लेंस के भीतर बना हुआ वह छेद है जिससे होकर रौशनी कैमरे के अन्दर आती है |
Aperture meaning in Hindi – छेद या द्वारक |
आप इसकी तुलना अपनी आँखों की पुतली से कर सकते हैं जिससे होकर प्रकाश भीतर रेटिना तक जाता है |
आपने महसूस किया होगा कि जैसे ही आप ऐसी जगह जाते हैं जहाँ कम लाइट है तो वहां हमारे आँख की पुतलियां फैल जाती हैं जिससे ज्यादा लाइट आंख के भीतर जा सके और हम साफ साफ देख सकें |
इसी तरह आँख की पुतलियां अधिक प्रकाश में सिकुड़ जाती हैं जिससे अधिक रौशनी अन्दर न जाने पाए |
ठीक बिलकुल ऐसे ही किसी लेंस का एपर्चर भी काम करता है |
यदि आपका कैमरा ऑटो मोड पर है तब वह कम लाइट देखते ही अपने छेद (अपर्चर) को बड़ा कर लेगा जिससे अधिक रौशनी सेंसर तक पहुचे और फोटो में बढ़िया एक्सपोज़र मिल सके |
इसी प्रकार अधिक लाइट में फोटो को ओवर एक्सपोज़र से बचाने के लिए लेंस का छेद छोटा होता जायेगा |
नीचे दी गयी फोटो में देखें –
इस लेंस में कुल सात ब्लेड हैं जो इस वक्त बंद हैं और बीच में केवल एक छोटा सा छेद रह गया है जहाँ से लाइट अन्दर जा सकती है |
इन ब्लेड्स को डायाफ्राम कहा जाता है जो रौशनी को अन्दर जाने से रोकता है |
जब यही ब्लेड खुलते हैं तब छेद और बड़ा होता जाता है जिससे अपर्चर बढ़ता जाता है |
एपर्चर को कैसे नापा जाता है?
अभी तक हमने जाना कि लेंस के छेद को खोल/बंद कर हम लाइट को कण्ट्रोल कर सकते हैं |
पर क्या आपने सोचा कि अगर aperture को किसी नंबर में बता सकते तो और भी अच्छा होता |
तो लीजिये आप को बताते चलें कि अपर्चर को जिस letter से जाना जाता है उसे F-Stop या f नंबर कहते हैं |
अपर्चर में F-STOP / F – Number क्या होता है ?
आपने अक्सर देखा होगा कि फलां कैमरा वाला मोबाइल फोन में f नंबर 1.7 है या फिर कोई लेंस का अपर्चर 3.5 है |
अब यह f क्या होता है?
अपर्चर के खुलने या बंद होने की इकाई को ही F -Stop कहा जाता हैं |
इसका मतलब है जब भी आप अपने लेंस के अपर्चर को बदलते हैं तब आपका कैमरा इसे f स्टॉप या f नंबर से दिखाता है |
आप नीचे कैमरे की स्क्रीन पर देख सकते हैं कि अभी F stop है 2.8 |
फोटोग्राफरों के द्वारा F-STOP, F – Number, f Value या अपर्चर जैसे शब्द अदल बदल कर उपयोग किये जाते हैं पर यह सब होते एक ही हैं |
ध्यान दें – स्मार्टफोन कैमरा का अपर्चर फिक्स होता है और आप उसे बदल नहीं सकते, केवल सैमसंग के कुछ फोन छोड़कर जिनमें Dual Aperture दिया गया है | |
F stop को आप कई तरीके से लिख सकते हैं और इसमें छोटा f या बड़ा F प्रयोग कर सकते हैं :-
f/1.4, f/2, f/2.8, /f4, f/5.6, f/8, f/11, f/16, f/22 ………..
f1.4, f2, f2.8, f4, f5.6, f8, f11, f16, f22………..
ये दोनों एक ही हैं |
कैसे पता करें कि लेंस का अपर्चर कितना है?
आपने देख लिया कि फोटोग्राफी करते समय अपर्चर को कैमरे में कहाँ देख सकते हैं |
पर मान लें आपको एक लेंस खरीदना है तो आप उस लेंस में F number कहाँ देखेंगे |
आप लेंस के आगे देखेंगे तो आपको बहुत सारे नंबर दिखेंगे और इन्हीं के बीच लेंस का अपर्चर भी दिया रहेगा |
जैसे ऊपर दी गयी फोटो में आप देख सकते हैं कि इस लेंस का F number है 3.5-5.6 के बीच |
F Stop में “F” क्या है | अपर्चर कैसे कैलकुलेट करते हैं?
F Stop में “F” का meaning होता है “Focal Length” |
इसी तरह अब F Stop बन जाता है :-
F -Stop = Focal Length / Aperture Diameter
अब आपको उदहारण से समझाता हूँ कि अपर्चर को कैसे कैलकुलेट कर सकते हैं |
मान ले आप के पास एक 24 – 70mm का लेंस है, आपने 24 mm फोकल लेंथ और अपर्चर यानि F Stop चुना है f/4 तब ;
F -Stop = 24/4 = 6mm (छेद का diameter)
अब इतने ही फोकल लेंथ पर F Stop लेते है f/8 तब ;
F -Stop = 24/8 = 3mm (छेद का diameter)
इसका मतलब क्या समझे आप ?
1. F Stop एक fraction है और इसमें दिया गया नंबर नीचे होता है | 2. इसीलिए F नंबर और अपर्चर में हमेशा उल्टा रिश्ता होता है। 3. F नंबर जितना छोटा होगा उतना अपर्चर (छेद का diameter) बढ़ता जायेगा और ज्यादा लाइट अन्दर जा पाएगी | 4. F नंबर जितना बड़ा होगा उतना अपर्चर (छेद का diameter) कम होता जायेगा और कम लाइट अन्दर जा पाएगी | 5. f/2.8 अपर्चर हमेशा f/22 से बड़ा होगा | |
फोटोग्राफी में अपर्चर से क्या कण्ट्रोल होता है ?
अपर्चर को कण्ट्रोल कर आप अपनी फोटो में तरह तरह के बैकग्राउंड इफ़ेक्ट पा सकते हैं जैसे पूरी तरह से background blur या फिर सब कुछ फोकस में |
किसी भी फोटोग्राफ के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है लाइट और एक्सपोज़र ट्रायंगल के हिसाब से शटर के अलावा Aperture भी लाइट को कण्ट्रोल कर सकता है |
आइये जानते हैं कि वो क्या है जिसे आप f number बदल कर कण्ट्रोल कर सकते हैं |
1. एक्सपोजर | Exposure
जैसा मैंने पहले बताया, जब भी आप लेंस अपर्चर को खोलते जायेंगे (f number कम करते जायेंगे) तब अधिक से अधिक लाइट लेंस के अन्दर जाकर कैमरा सेंसर पर पड़ेगी और फोटो ब्राइट होती जाएगी |
इसी तरह डार्क फोटो के लिए आपको f number को कम करना होगा |
उदहारण के लिए यदि आप धूप में कोई फोटो खींचते हैं तब ओवर एक्सपोज़र से बचने लिए आप अपर्चर को घटा सकते हैं |
इसी तरह से अगर आप कम रौशनी या घर के अन्दर फोटो लेते हैं तब बड़ा अपर्चर रखने से सही एक्सपोज़र मिलेगा |
तो आपने देखा कि अपर्चर कैसे एक्सपोज़र को कण्ट्रोल करता है |
एक्सपोजर के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप फोटोग्राफी ट्यूटोरियल भाग # 4 देखें |
2. डेप्थ ऑफ़ फील्ड | Depth of Field (DOF)
यह फोटोग्राफी का सबसे जरूरी इफ़ेक्ट है जिसे सभी अपनी फोटो में पाना चाहते हैं |
पर आखिर यह डेप्थ ऑफ फील्ड होता क्या है?
डेप्थ ऑफ़ फील्ड का मतलब है कि आपके सब्जेक्ट के आगे और पीछे तक का कितना हिस्सा पूरे फोकस में है | किसी लेंस के अपर्चर को कण्ट्रोल कर के आप ‘Depth of Field‘ को बदल सकते हैं | |
डेप्थ ऑफ़ फील्ड भी दो प्रकार के होते हैं |
a. शैलो डेप्थ ऑफ़ फील्ड | Shallow Depth of Field
शैलो डेप्थ ऑफ़ फील्ड का मतलब है आपके सब्जेक्ट का बैकग्राउंड पूरा ब्लर या आउट ऑफ़ फोकस है |
अधिकतर Portrait Photography में इसका प्रयोग किया जाता है जिससे आपका ध्यान आपके मेन सब्जेक्ट पर ही जाये और बैकग्राउंड पर नहीं |
Shallow DOF या बढ़िया Bokeh पाने के लिए आपको हमेशा बड़े अपर्चर यानि कम F नंबर का उपयोग करना होगा |
उदहारण के लिए f1.8, f2 या f2.8 |
यह आपके लेंस पर निर्भर करता है कि कि वह कितने कम से कम F number तक जा सकता है |
अब जैसे आप यह फोटो देखें जो मैंने f2.8 पर ली थी और इसमें बैकग्राउंड पूरा ब्लर हो गया है |
b. लार्ज डेप्थ ऑफ़ फील्ड | Large Depth of Field
लार्ज डेप्थ ऑफ़ फील्ड का मतलब है आपके सब्जेक्ट का आगे और पीछे का हिस्सा पूरा फोकस में है |
इसका का प्रयोग अधिकतर लैंडस्केप या आर्किटेक्चर फोटोग्राफी प्रकार में होता है जिसमे बैकग्राउंड से लेकर फोरग्राउंड तक सब कुछ फोकस में चाहिए |
सब कुछ फोकस में रखने के लिए लेंस का अपर्चर छोटा ( F number बड़ा ) होना चाहिए |
उदहारण के लिए f8, f11 या f16 |
आप यह फोटो देखें जो मैंने f11 पर ली थी और इसमें सब कुछ पूरा फोकस में है |
c. शार्पनेस | Sharpness
जी हाँ अपने सही सुना, शार्पनेस का मतलब है आपकी तस्वीर पूरे फोकस में हैं जहाँ उसकी ज़रुरत है |
फोटो में बढ़िया Sharpness पाने के लिए आपको aperture छोटा रखना होगा |
जैसे बच्चों का भागना दौड़ना, एक्शन स्पोर्ट्स, दूरी वाले सब्जेक्ट या बर्ड फोटोग्राफी में आपको शार्प फोटो पाने के लिए F number बड़ा रखना होगा |
अब ऐसा नहीं है कि आप हमेशा F number को बढाते जाएँ और फोटो की शार्पनेस बढती जाये |
एक फिक्स्ड वैल्यू के बाद यदि आप एपर्चर कम करते जायेंगे (F16 से कम ) तब आपकी फोटो में शार्पनेस कम होने लगेगी जिसे diffraction कहते हैं |
हर एक लेंस के लिए शार्पनेस के मानक अलग अलग रहते हैं इसलिए आप पहले यह देख लें कि आपका लेंस कितने F stop के बीच बढ़िया शार्पनेस देता है |
कैमरे में एपर्चर की सेटिंग कैसे करें?
अधिकतर प्रकार के कैमरा में अपर्चर बदलने की सेटिंग ऑटोमैटिक ही रहती है जिसमे आपको कुछ करना नहीं होता है |
जैसा मैंने आपको पहले बताया कि आप स्मार्टफोन में f नंबर को बदल नहीं सकते हैं क्योंकि ये फिक्स ही रहता है |
अगर आप क्रिएटिविटी के लिए F number को बदलना ही चाहते हैं तो आपको इन दो मोड का इस्तेमाल करना होगा |
1. मैन्युअल मोड | Manual Mode (M)
जब भी आप कैमरा को मैन्युअल मोड में डालेंगें तब आप अपने हिसाब से शटर, अपर्चर और ISO तीनो को अपने हिसाब से सेट कर पाएँगे |
मैन्युअल मोड के लिए आपको थोड़ा एडवांस फोटोग्राफी का ज्ञान होना आवश्यक है |
आप हमारे बेसिक फोटोग्राफी कोर्स के साथ जुड़ कर आपनी जानकारी को बेसिक से एडवांस लेवल तक ले जा सकते हैं |
2. अपर्चर प्रायोरिटी | Aperture Priority ( A/Av)
अपर्चर प्रायोरिटी को एक प्रकार का सेमी मैन्युअल मोड भी कह सकते हैं |
कैमरे के ऊपरी डायल में इसे A (Nikon/Sony) अथवा Av (Canon) के नाम से जाना जाता है |
जब हम एपर्चर प्रायोरिटी मोड पर शूट करते हैं, तो हम केवल F number और ISO ही सेट कर सकते हैं।
कैमरा अपने आप हमारे लिए शटर स्पीड सेट कर लेता है जिससे तस्वीर ठीक से एक्सपोज्ड हो जाये।
मैं अपनी अधिकतर तस्वीरें अपर्चर प्रायोरिटी में ही शूट करता हूँ जिसमें कैमरा शटर स्पीड को अपने हिसाब से एडजस्ट कर लेता है |
Aperture Setting Cheat Sheet डाउनलोड करें
बेहतरीन F number की सेटिंग हरदम अपने साथ रखें |
आज ही aperture Setting Cheat Sheet Guide को डाउनलोड करें |
इस चीट शीट की मदद से आप बड़ी ही आसानी से यह जान पाएंगे कि अलग अलग सीन के लिए आपको कौन सा अपर्चर रखना है |
और अंत में…
अपर्चर एक्सपोज़र ट्रायंगल के तीन कोनो में से एक है जिसके बारे में जानना आपके लिए बहुत आवश्यक है |
उम्मीद करता हूँ आपको यह बात-चीत ज़रूर पसंद आई होगी और आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिला होगा |
यह बात ध्यान रखें कि एक सीन की ज़रुरत के हिसाब से ही अपर्चर को एडजस्ट करें और अधिकतर अपर्चर प्रायोरिटी का प्रयोग करें |
यह आपके ऊपर ही है कि आप अपनी तस्वीर में background blur चाहते हैं या full focus |
इसलिए सबसे ज़रूरी यह है कि आप f number को समझें और जाने कि इसे कैसे कण्ट्रोल किया जाता है |
आगे हम ISO के बारे में बहुत विस्तार से चर्चा करेंगे जिसे आपके लिए समझना बहुत ज़रूरी है |
आप हमें कमेंट करें और बताएं कि यह बेसिक फोटोग्राफी सेशन आपको कैसा लग रहा है और आप इसमें और क्या जानना चाहते हैं |
आने वाले पोस्ट को समय से पढने के लिए यात्राग्राफ़ी को सब्सक्राइब करें !
इस मुफ्त फोटोग्राफी सीरीज को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे सभी लोग इसका लाभ ले सकें |
<- शटर स्पीड क्या है? | होम : बेसिक फोटोग्राफी | ISO क्या है -> |