Last Updated on October 23, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव
आपके लिए Basic Photography Terms को समझना बहुत ज़रूरी है यदि आप अपनी फोटोग्राफी की शुरुआत कर रहे हैं और यह सोच रहे हैं कि फोटोग्राफी कैसे सीखें?
इन मूलभूत शब्दों को समझे या सीखे बिना आप न ही आगे बढ़ सकते हैं और न ही फोटोग्राफी में करियर बना सकते हैं |
फोटोग्राफी की शुरुआत करने वालों को यह technical terms बहुत ही कठिन लगते हैं क्योंकि इन शब्दों को सुन कर ही दिमाग घूमने लगता है |
इसलिए वह अपनी फोटोग्राफी यात्रा की शुरुआत तो बड़े जोशो-ख़रोश के साथ करते हैं पर कुछ समय बीतने के बाद शब्दों के जंजाल में उलझ कर रह जाते हैं |
वैसे फोटोग्राफी बहुत विशाल है और यहाँ ढेरों तकनीकी शब्द मशहूर हैं पर हम यहाँ पर उन ज़रूरी ‘20 photography technical terms‘ को लाये हैं |
अगर आप जानना चाहते हैं कि फोटोग्राफी कैसे सीखें तब इन तकनीकी शब्दों को जानना बहुत जरूरी है जिससे आप अपने फोटोग्राफी कौशल को एक नई दिशा दे पाएंगे |
इन तकनीकी शब्दों को बहुत ही सरल भाषा में समझाया गया है जिससे फोटोग्राफी की शुरुआत करने वालों को यह बड़ी ही आसानी से समझ आ जाये |
20 Basic Photography Technical Terms for Beginners in Hindi
आइये बेसिक फोटोग्राफी सीखें इन 20 तकनीकी शब्दों को जानकर |
1. अपर्चर | Aperture
यह बहुत ही कंफ्यूज करने वाला photography jargon है |
बहुत ही सरल शब्दों में यदि कहें तो अपर्चर लेंस के भीतर का एक छेद है जिसके माध्यम से प्रकाश कैमरे के भीतर आता है |
आप aperture की तुलना अपनी आँखों से कर सकते हैं |
जैसे हमारे आँख की पुतलियां कम प्रकाश में फैल जाती हैं जिससे अधिक प्रकाश आंख के भीतर जा सके और हम स्पष्ट देख सकें और अधिक प्रकाश में सिकुड़ जाती हैं उसी तरह से लेंस का अपर्चर भी काम करता है |
फोटोग्राफी की भाषा में आँख की पुतली को अपर्चर कह सकते हैं |
2. ऍफ़ स्टॉप | F-Stop
Aperture के खुलने या बंद होने की इकाई को ही F -Stop कहते हैं |
F -Stop = Focal Length / Aperture Diameter
Aperture Diameter मतलब लेंस के छेद का आकार |
लेंस के भीतर diaphragm blade होती हैं जिसके खुलने और बंद होने से छेद का आकार बढ़ता और घटता रहता है और उसी के हिसाब से ही भीतर जाने वाला प्रकाश भी बढ़ता और घटता रहता है |
F -Stop को दर्शाने की विधि
F/1.4, F/1.8, F/2, F/5.6, F/8, F /22 इत्यादि या F1.4, F1.8, F2, F5.6, F8, F22 इत्यादि |
ऊपर दिए गए F -Stop उदहारण में से F/1.4 सबसे बड़ा आकार है और F /22 सबसे छोटा |
3. अपर्चर प्रायोरिटी | Aperture Priority
Aperture priority मोड को एक प्रकार का semi manual mode भी कह सकते हैं |
कैमरे के ऊपरी डायल में इसे ‘A ‘ अथवा ‘Av ‘ (केवल Canon में) दर्शाया जाता है |
जब हम Aperture Priority मोड पर शूट करते हैं, तो हम केवल F -Stop और ISO सेट करते हैं।
कैमरा अपने आप हमारे लिए शटर गति (Shutter Speed) फिक्स करता है जिससे तस्वीर को ठीक से exposure मिल सके |
4. क्रॉप फैक्टर | Crop Factor
Photography Terminology में कैमरा सेंसर और क्रॉप फैक्टर के बारे में जानना बहुत ही ज़रूरी है |
अलग अलग आकार के Sensor का प्रयोग करने पर कैसे Field of View या Focal Length बदलती हैं उसका कारण Crop Factor ही हैं |
पुराने समय में हम सब 35 mm की फ़िल्म रोल का इस्तेमाल करते थे और उन्हें किसी भी SLR में लगा लो तब भी Field of View एक लेंस पर सामान ही आता था|
पर अब डिजिटल ने सब बदल कर रख दिया हैं |
आज के समय में विभिन्न आकार के सेंसर वाले कैमरे बाज़ार में उपलब्ध हैं |
अब हम यहाँ पर 35 mm को एक मानक (Standard) मान लेते हैं और फिर आज कल के सभी सेंसर के आकार की उससे तुलना करते हैं |
जैसे निकोन के क्रॉप सेंसर कैमरे में 1.5 का क्रॉप फैक्टर हैं, मतलब इसके सेंसर का आकार 35 mm से डेढ़ गुना कम होगा |
अब मान लें जब हम इस कैमरे में 50 mm f/1 .8 लेंस का प्रयोग करेंगे तो हमें 50 mm की Focal Length न मिलके 50 x 1 .5 = 75 mm ही मिलेगी |
इसी कारण से जब किसी फुल फ्रेम (35 mm) कैमरा लेंस को हम क्रॉप सेंसर कैमरा में इस्तेमाल करेंगे तो समान फोकल लेंथ पर भी फोटो तनिक ज़ूम होके ही आएगी |
5. मैन्युअल मोड | Manual Mode
किसी भी प्रकार के कैमरे के ऊपरी डायल में इसे ‘M’ से दर्शाया जाता है |
Manual मोड में सभी वस्तुएं जैसे Shutter, Aperture और ISO हमारे कण्ट्रोल में रहते हैं |
हमें किसी भी कंडीशन में जैसी तस्वीर चाहिए हम वैसी ही सेटिंग कर सकते हैं |
6. डेप्थ ऑफ़ फील्ड | Depth of field (DOF)
सरल शब्दों में किसी विषयवस्तु (Subject) के आगे और पीछे तक का कितना हिस्सा पूर्ण फोकस में है डेप्थ ऑफ फील्ड कहलाता है |
किसी लेंस के अपर्चर को नियंत्रित कर के ही हम डेप्थ ऑफ़ फील्ड को बदल सकते हैं |
सभी photography terms में से इसके बारे में जानना बहुत ही जरूरी है |
Large Depth of Field
यह बड़े अपर्चर नंबर जैसे f8, f11, f16 या f22 का प्रयोग से मिलती है |
उदाहरण के लिए – लैंडस्केप फोटोग्राफी, जिसमे सभी कुछ पूर्ण फोकस में चाहिए |
Shallow Depth of Field
यह छोटे अपर्चर नंबर जैसे f1.4, f2.0 या f2.8 का प्रयोग से मिलती है |
उदाहरण के लिए पोर्ट्रेट फोटोग्राफी, जिसमे केवल सब्जेक्ट पूर्ण फोकस में चाहिए और बैकग्राउंड आउट ऑफ फोकस या ब्लर चाहिए |
7. एक्सपोजर कंपनसेशन | Exposure Compensation
कैमरे में Exposure Compensation को EV (Exposure Value ) या +/- से दर्शाया जाता है |
यदि हम -1 , -2 , -3 की ओर जाते हैं तब हमारी फोटो में अँधेरा बढ़ता चला जायेगा (Underexpose) और यदि हम + 1 , +2 , +3 की ओर जायेंगे तब फोटो में प्रकाश की मात्रा बढ़ती जाएगी और वो Overexpose होता जायेगा |
इसके कारण जब हम पूर्ण प्रकाश में कोई तस्वीर लेते हैं तो कैमरे का लाइट मीटर इसके विपरीत संकेत देकर एक्सपोजर को कम कर देता है और कम प्रकाश में इसका उल्टा होता है जिससे ‘Exposure’ बढ़ जाता है |
सामान्य प्रकाश में तो इसका असर ठीक ठाक रहता है परन्तु कठिन परिस्थितियों में लाइट मीटर की गणना विफल हो जाती है और तब फोटो अच्छी नहीं आ पाती है |
ऐसी परिस्थिति में हमें Exposure Compensation का प्रयोग करना पड़ता है |
8. फोकल लेंथ | Focal Length
बहुत ही बुनियादी तौर पर कहें तो फोकल लेंथ हमें बताता है की हमारा लेंस कितना ज़ूम हुआ है |
Focal Length की संख्या जितनी अधिक होगी उतना ही ज़ूम हमें मिलेगा और हमारा फील्ड ऑफ़ व्यू उतना ही छोटा होता जायेगा
फोकल लेंथ जितना छोटा होता जायेगा उतना ही हमारा फील्ड ऑफ़ व्यू चौड़ा (wide) हो जायेगा |
लेंस के भीतर प्रकाश जहाँ आकर मिलता है (Convergence Point ) वहां से कैमरा सेंसर/फ़िल्म की दूरी को ही focal length कहते हैं |
उदाहरण के तौर पर कम focal length जैसे 24mm को वाइड एंगल कहते हैं और अधिक फोकल लेंथ जैसे 100mm को टेलीफ़ोटो कहते हैं |
ये संख्या एक तरह से किसी लेंस का magnification भी बताती है |
9. एचडीआर | HDR
फोटोग्राफी में HDR का मतलब है High Dynamic Range |
जिस प्रकार हमारी आँखें प्रकाशित (Well Exposed) और छाया (Shadows) के बीच अंतर महसूस कर सकती हैं (जैसे भोर से ले कर दोपहर तक का समय) |
इसके विपरीत कैमरे का सेंसर इस लगातार बदलते हुए प्रकाश को समझने में असफल रहता है और तब तस्वीरों में उजाले और अँधेरे के बीच का अंतर समाप्त हो जाता है |
ऊपर दी गई तस्वीर में आसमान का रंग पूरा सफेद ही दिखता यदि एचडीआर मोड चालू नहीं हो |
HDR पहले तो अलग अलग exposure setting के साथ एक ही दृश्य के कई त्वरित शॉट्स ले कर उस प्रकाश (Brightness) की आवश्यक सीमा को कैद करने में मदद करता है |
उसके बाद उन्हें जोड़ कर के अंतिम तस्वीर का रूप देता है जिससे उजाले और अँधेरे के बीच का अंतर हमें स्पष्ट रूप से पता चल सके |
10. हिस्टोग्राम | Histogram
हम जब भी अपनी खींची तस्वीरों को Preview Mode में देखते हैं तब एक ग्राफ जैसा स्क्रीन पर दिखाई देता है उसे ही Histogram कहते हैं |
यह हमारी तस्वीरों में सही exposure को बताता है |
बहुत सारे फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर में भी हमें यह देखने को मिलता है |
ये ग्राफ दर्शाता है कि किसी भी सीन में उजाला (highlights) और छाया (Shadows) कैसे बंट रहे हैं |
उजाले को दाईं ओर, मिड टोन को बीच में और छाया को बाईं ओर रखा जाता है |
यदि कोई तस्वीर का ग्राफ पूरा दाईं ओर जा रहा है मतलब फोटो overexposed है और बाईं ओर underexposed |
असल में ये ग्राफ कहीं मध्य में आना चाहिए जिससे एक्सपोजर बराबर रह सके |
11. लेंस माउंट | Lens Mount
DSLR या Mirrorless कैमरे का वह भाग जहाँ लेंस को लगाया जाता है लेंस माउंट कहलाता है |
इसे कैमरा और लेंस के बीच का एक inter-phase भी कह सकते हैं जो एक दूसरे से Mechanically और Electronically जुड़े हुए रहते हैं |
इन्ही जुड़ाव के माध्यम से ही कैमरा किसी भी प्रकार के लेंस को संकेत दे सकता है |
सभी कैमरे की कम्पनियाँ अपना अपना माउंट बनाती हैं जिससे उन्ही के लेंस उनपर बैठ सकें |
उदहारण के लिए Sony E Mount पर वही लेंस बैठेंगे जो पूरी तरह से E Mount के लिए ही बने हों |
यदि Canon EF, Nikon F या Sony का ही A Mount हमें उपयोग करना हैं तब लेंस एडाप्टर का सहारा लेना पड़ेगा |
यहाँ ध्यान देने वाली बात हैं कि MFT या Micro four thirds Mount के सभी कैमरे आपस में लेंस की अदला बदली कर सकते हैं |
उदहारण के लिए Panasonic के सभी लेंस हम Olympus कैमरे में भी उपयोग कर सकते हैं |
12. लाइव व्यू | Live view
लाइव व्यू को इस्तेमाल कर के हम अपनी Display screen को Viewfinder के समान उपयोग कर सकते हैं |
इसका उपयोग कर हम फोटो लेने से पहले ही Framing और अन्य exposure का सही आकलन कर सकते हैं |
शटर गिरने के बाद फोटो वैसे ही आएगी जैसे Live view screen पर दिखती थी |
ये सभी प्रकार के कैमरा जैसे Mirrorless, Mobile और Point & Shoot में live view या यूँ कहें Electronic Viewfinder होता हैं परन्तु DSLR में optical viewfinder ही मिलता हैं |
DSLR में live view पाने के लिए अलग से मोड आता हैं उसे चालू करना पड़ता हैं|
13. नॉइज़ | Noise
हमने अक्सर देखा होगा कि कम रोशनी, कम Shutter Speed,अधिक ISO Sensitivity से तस्वीरों में जगह जगह सफेद दाने जैसे दिखाई देते हैं |
इन दानेदार सी दिखने वाली चीज़ों के कारण ही फोटो की क्वालिटी पर खासा असर पड़ता है |
इसी दानेदार वस्तु को ही Noise कहते हैं जो कैमरे के सेंसर पर किसी इलेक्ट्रॉनिक अस्थिरता के कारण होती है |
ISO सेंसिटिविटी बढ़ने के साथ ही सेंसर के आउटपुट सिग्नल बहुत अधिक यानि एम्पलीफाई हो जाते हैं जिसके कारण ग्रेन्स या नॉइज़ की समस्या आती है |
मोबाइल फोटोग्राफी के दौरान रात में अक्सर यही समस्या आती है जिसे ISO को कम कर सही किया जा सकता है |
14. ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन | Optical image stabilization
यदि किसी कैमरे में OIS की सुविधा हैं तब कम Shutter Speed में भी हाथों के द्वारा अच्छी फोटो ले सकते हैं |
कैमरे का सेंसर छोटी से छोटी गति का पता लगते ही लेंस को गति के दूसरी दिशा में जाने का संकेत देता हैं जिससे इसका प्रभाव नष्ट हो जाये और तस्वीरें blur नहीं हों |
कम्पनियाँ अपने हिसाब से इनका प्रयोग कैमरे में अथवा लेंस में करती हैं और इन्हें विभिन्न नामों से जाना जाता हैं |
Sony-OIS, Canon- IS, Nikon- VR इत्यादि |
आजकल का सभी अच्छा एंड्राइड स्मार्टफोन OIS फीचर के साथ ही आता है |
15. रॉ | RAW
Raw का मूल अर्थ होता है कच्चा या अनिर्मित |
यह विभिन्न कंपनियों का एक मालिकाना (Proprietary) प्रारूप (File Format) है |
कैमरे के सेंसर से सीधे निकले हुए अविकसित (Unprocessed और Uncompressed) डाटा रॉ प्रारूप में रखे जाते हैं |
इस प्रारूप में आवश्यकता से अधिक डाटा होता है जैसे अधिक ‘Bit Depth (Sharpness/Contrast)’, जिससे फोटो प्रोसेसिंग के बाद Exposure या रंग में हुई गलतियों को सुधारा जा सकता है|
16. जेपीईजी | JPEG
JPEG का मतलब है Joint Photographic Experts Group और यही वह समूह है जिसने यह मानक (Standard) बनाया है |
इसे कैमरे के द्वारा बनाया गया एक संपीडित (Compressed) प्रारूप (Format) भी कह सकते हैं |
Photo Compression के कारण ही तस्वीर में अधिक Details नहीं होती हैं |
यही नहीं इसका अकार भी कम रहता है क्योंकि RAW की अपेक्षा यह लगभग दस गुना छोटा होता है |
17. आईएसओ | ISO
ISO किसी भी सेंसर या फ़िल्म की, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (Sensitivity) को दर्शाती है |
इसे 80, 100, 200, 400 जैसे नंबरों से मापा जाता है और यह सभी photography terms में से एक ज़रूरी सेटिंग है |
आईएसओ जितना कम रहेगा उतनी संवेदनशीलता कम होगी और फोटो में अन्धकार (darkness) बढ़ता जायेगा |
अधिक ISO पर उजाला बढेगा परन्तु फोटो में नॉइज़ भी बढ़ता जायेगा |
18. शटर स्पीड | Shutter Speed
कैमरे के सेंसर के आगे एक पर्दा जैसा होता है उसे शटर कहते हैं |
लेंस के भीतर आती हुई रोशनी इस पर्दे पर आकर रुक जाती है और जब हम शटर या क्लिक बटन दबाते हैं तो यह पर्दा उठ जाता है और प्रकाश कैमरा के सेंसर को एक्सपोज कर देता है जिससे फोटो खिंच जाती है |
अब जितने समय तक शटर खुला रहता है उस समय को Shutter Speed से मापते हैं जो सेकंड्स में होता है |
इसे 1/1000, 1/500 या 1/50 से दर्शाया जाता है, नीचे वाली संख्या जितनी बड़ी होती जाएगी उतनी ही शटर गति तेज़ होती जाएगी |
Slow Shutter Speed
स्लो शटर स्पीड का मतलब है 30, 15, 1, 1/15, 1/30 Sec इत्यादि|
जब भी आप slow shutter speed पर शूट करते हैं तब कैमरे का शटर लम्बे समय तक शटर खुला रहेगा और अधिक प्रकाश भीतर आयेगा |
Night Shots अथवा Long Exposure के लिए यह सही है पर इससे Motion Blur की संभावना बढ़ जाती है |
इसलिए मेरी सलाह यह रहेगी कि जब भी आप शटर गति को कम करें तब एक ट्राईपोड का उपयोग करें |
नीचे दी गयी मेरी तस्वीर देखें जो लॉन्ग एक्सपोज़र फोटोग्राफी का बढ़िया उदहारण है |
Fast Shutter Speed
जैसे 1/500, 1/1000, 1/4000 Sec या इससे ऊपर |
तेज शटर गति के कारण शटर बहुत ही कम समय के लिए खुलता है |
इसी कारण से आप “Fast Action’ फोटो (खेल, रेसिंग, बच्चों की भाग दौड़) खींच सकते हैं और इसमें Motion Blur की संभावना समाप्त हो जाती है |
नीचे दी गई फोटो देखें, इसे मैंने 1/800 सेकंड के तेज शटर स्पीड पर खींचा था जिससे उड़ते हुए पंछियों का मोशन कैद हो गया |
19. शटर प्रायोरिटी | Shutter Priority
शटर प्रायोरिटी को एक प्रकार का semi manual mode भी कह सकते हैं |
कैमरे के ऊपरी डायल में इसे ‘S’ अथवा ‘Tv ‘ (केवल Canon में ) दर्शाया जाता है |
जब हम शटर प्रायोरिटी मोड पर शूट करते हैं, तो हम केवल शटर गति (Shutter Speed) और ISO सेट करते हैं।
कैमरा अपने आप हमारे लिए F -Stop / Aperture नियत करता है जिससे तस्वीर ठीक से उजागर (Expose ) हो।
परन्तु एक बात यहाँ ध्यान दने योग्य है की बहुत से पेशेवर फोटोग्राफर इस मोड पर शूट नहीं करते हैं और केवल Aperture Priority मोड का ही उपयोग करते हैं |
ऐसा इसलिए क्योंकि फोटोग्राफी में असल चीज़ है डेप्थ ऑफ़ फील्ड या अपर्चर और इस पर पूर्ण नियंत्रण ही सबसे आवश्यक है|
20. वाइट बैलेंस | White Balance
हमारी आँखों के लिए सफेद का मतलब सफेद ही होता है चाहे वह सूर्य की रोशनी में हो या फिर LED की रोशनी में |
कैमरे के सेंसर में बस तीन रंग ही होते हैं लाल, हरा और नीला इसलिए डिजिटल कैमरा भीतर ही गणना करके सही रंगों को देने का प्रयास करता है जिससे सफेद वास्तव में सफेद दिखे |
इस प्रक्रिया को white balance Adjustment कहते हैं |
कैमरा इसे ऑटो में सेट करता है पर सही रंगों के लिए मैन्युअल रखना आवश्यक है |
और अंत में …
यह सही बात है कि बिना basic photography technical terms को जाने आप फोटोग्राफी में परफेक्ट नहीं हो सकते |
मैं उम्मीद करता हूँ कि यह बेसिक शब्दावली आपके बहुत काम आयेगी चाहे आप शुरूआती फोटोग्राफर हों या फिर काफी कुछ सीख चुके हों |
Photography के ये common terms बीस से कहीं अधिक हैं जो काफी एडवांस भी हैं जिन्हें मैं समय समय पर अपडेट करता रहूँगा |
अब मैं चाहूँगा कि आप इन बेसिक शब्दों को जानें और फिर अभ्यास करें जिससे आप कुछ बेहतर कर सकें |
हमें कमेंट कर बताएं कि और ऐसे कौन से तकनीकी फोटोग्राफी के शब्द हैं जिनके बारे में आप जानना चाहते हैं ?
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इस आवश्यक जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे सभी लोग इसका लाभ ले सकें |
सर बहुत ही सरल भाषा में पोस्ट लिखे हैं आप आपके पोस्ट पढ़के हम एक बहुत अच्छा फोटोग्राफर बन पाएंगे और हमें कहीं और क्लास ज्वाइन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी बहुत-बहुत धन्यवाद सर
आभार आपका |
बहुत अच्छी जानकारी दी है संक्षिप्त में।
धन्यवाद
Photography ke liye ek best angle kaun sa ho sakta hai is per kuchh basic jankari de sakte hain
आपके कमेंट्स के लिए धन्यवाद |
आप की जानकारी के लिए कोई भी ‘एक’ एंगल बेहतर नहीं हो सकता है |
समय, मूड और सीन की डिमांड के हिसाब से आप को अपना शूटिंग एंगल बदलना पड़ेगा |
कैमरा एंगल के बारे में जानने के लिए आप हमारा यह पोस्ट पढ़ें –
https://yatragraphy.com/camera-angles-hindi/
Like!! Thank you for publishing this awesome article.
फोटोग्राफी शौक रखने वाले साधारण जन के लिए जानकारी बड़ी महत्वपूर्ण इससे जनसाधारण को अच्छा लाभ मिलेगा।
धन्यवाद | विजिट करते रहें