Mirrorless vs DSLR कैमरा | आपके लिए कौन सा बेहतर है?

Last Updated on May 21, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव

Mirrorless vs DSLR Camera – आज के समय में यह एक गर्म मुद्दा है |

भले ही आप एक नौसिखिया, शौकिया या पेशेवर फोटोग्राफर हों पर एक सवाल है जो सभी के दिमाग में आता है : मिररलेस और डीएसएलआर कैमरों में क्या अंतर है और कौन सा बेहतर है?

दुर्भाग्य से कहा जाये तो इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि क्या बेहतर है, क्योंकि दोनों प्रकार के कैमरों के अपने फायदे और नुकसान हैं।

आपकी अंतिम पसंद इस बात पर निर्भर करती है कि फोटोग्राफी में आपकी प्राथमिकता (preference) क्या है?

इसलिए आपको सभी विकल्पों पर विचार करना चाहिए और खरीदने से पहले बढ़िया रिसर्च करना चाहिए|

आपकी इसी परेशानी का हल हम अपनी बातचीत में निकालेंगे और जानेंगे कि मिररलेस और डीएसएलआर कैमरा क्या होते हैं और इनके बीच क्या अंतर है?

तो फिर चलिए इस तुलनात्मक गाइड में हम जानते हैं कि Mirrorless Vs DSLR Camera की जंग में कौन जीतता है ?

विषय-सूची छिपाएं
Mirrorless vs DSLR Camera
  • मिररलेस कैमरा के नाम में ही उसका काम छुपा हुआ है | इस प्रकार के कैमरों में डीएसएलआर की तरह Reflex Mirror और भारीभरकम Pentaprism नहीं रहता है|
  • इसका मतलब यह है कि प्रकाश लेंस से सीधा शटर से होता हुआ इमेज सेंसर पर टकराता है और फोटो खिंच जाती है |

डीएसएलआर कैमरा क्या है | DSLR Camera Meaning in Hindi?

canon dslr camera

सबसे पहले यह जानते हैं कि DSLR का full form क्या है ?

DSLR Camera का full form है Digital Single Lens Reflex |

डीएसएलआर कैमरे में आर (R) अक्षर का अर्थ क्या है?

यहाँ पर R यानि reflex का तात्पर्य reflection मतलब प्रतिबिम्ब से है |

इसलिए DSLR Camera का Hindi Meaning हुआ – एक लेंस वाला डिजिटल प्रतिबिम्ब कैमरा

डीएसएलआर कैमरा पुराने 35mm फिल्म रोल कैमरा का ही डिजिटल रूप है |

फिल्म कैमरा और उसकी कार्यप्रणाली जानने के लिए आप हमारा पोस्ट देखें : कैमरा कैसे काम करता है?

आइये जानते हैं कि एकडीएसएलआर कैमरा कैसे काम करता है?

डीएसएलआर कैमरा कैसे काम करता है | How DSLR Camera Work?

How DSLR Works Animation

 

नीचे दी हुई ग्राफ़िक देखें, हम अपनी फोटोज को कम्पोज़ करने के लिए Viewfinder (8) का इस्तेमाल करते हैं |

प्रकाश लेंस (1) के भीतर से होता हुआ एक Reflex Mirror (एक ऐसा शीशा जो प्रकाश को परावर्तित करता है ) (2) पर टकराता है जो कि कैमरे के भीतर 45 डिग्री पर रहता है |

इसके बाद यही शीशा रोशनी को मोड़कर ऊपर बैठे एक Pentaprism (7) पर ले जाता है |

Pentaprism का काम इस नीचे से आने वाली रोशनी को सीधा कर के बाहर लगे Viewfinder पर ले जाना होता है जिससे हमें सीन को कम्पोज़ करने में सहायता मिल सके |

Mirrorless Vs DSLR
en:User:Cburnett, SLR cross section, part name by yatragraphy, CC BY-SA 3.0

अब जैसे ही हम शटर बटन को दबाते हैं तभी Reflex Mirror (2) और फिर शटर (3) का पर्दा ऊपर की ओर उठ जाते हैं |

जिससे लेंस से आती हुई रोशनी अब सीधा जा कर Image Sensor (4) से टकराती है और फोटो खिंच जाती है |

जब तक शटर उठा रहेगा तब तक सेंसर एक्सपोज होता रहेगा और जैसे ही शटर गिरेगा तब Reflex Mirror वापस अपने स्थान पर आ जायेगा |

DSLR कैमरों में उपयोग होने वाले Viewfinders, Optical किस्म के होते हैं इसलिए इन्हें Optical Viewfinder कहते हैं |

यही ऑप्टिकल व्यूफाइंडर डीएसएलआर को एक मिररलेस कैमरा से अलग करता है |

DSLR कैमरों के कुछ उदाहरण हैं Nikon D850, कैनन EOS 6D मार्क II, Nikon D750, Canon EOS 5D मार्क IV, Nikon D3500 या Canon EOS 4000D|

मिररलेस कैमरा क्या है | What is Mirrorless Camera in Hindi?

sony mirrorless camera
मेरा सोनी मिररलेस कैमरा

मिररलेस कैमरा जिसे MILC भी कहते हैं  इसका मतलब है शीशा/दर्पण रहित |

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, DSLR की अपेक्षा एक मिररलेस या  दर्पण रहित कैमरे में  दर्पण (reflex mirror) नहीं होता है और प्रकाश लेंस से सीधे गुजरकर सेंसर से टकराता है |

MILC का full form होता है Mirrorless Interchangeable Lens Camera |

Mirrorless Camera का Hindi meaning होता है : दर्पण रहित परिवर्तनीय लेंस कैमरा |

आइये जानते हैं कि एक मिररलेस कैमरा कैसे काम करता है |

मिररलेस कैमरा कैसे काम करता है | How Mirrorless Camera Work?

ऊपर दी गई ग्राफ़िक को फिर से देखें तो हम पाएंगे कि मिररलेस कैमरा के नाम में ही उसकी कार्यप्रणाली छिपी हुई है |

मिररलेस कैमरों में Reflex Mirror (2) और भारी  भरकम Pentaprism (7) नहीं रहता है|

इसका मतलब यह है कि प्रकाश लेंस से होता हुआ सीधा शटर के माध्यम से Image Sensor (4) पर टकराता है और फोटो खिंच जाती है |

अब कोई यह सोच सकता हैकि यहाँ पर Viewfinder कहाँ स्थित है |

Mirrorless Camera में Optical Viewfinder न होकर Electronic Viewfinder (EVF) होता है |

EVF एलसीडी स्क्रीन से जुड़ा रहता है और इसका बहुत बड़ा फायदा यह है कि यह Live View दिखाता है |

Mirrorless vs DSLR Camera| दोनों कैमरा में आपके लिए क्या बेहतर है?

आइये हम DSLR vs Mirrorless कैमरा के बीच एक बड़ी तुलना करते हैं (difference between mirrorless camera and DSLR) और देखते हैं कि इन दोनों प्रकार के कैमरा में आपके लिए क्या बेहतर है?

1. व्यूफाइंडर | Viewfinder 

viewfinder of a camera

सभी डीएसएलआर कैमरा में ऑप्टिकल व्यूफाइंडर का प्रयोग किया जाता है जो फोटो कंपोज़ करने में धीमा होता है क्योंकि असली सीन और खींचे हुए फोटो में कुछ अंतर हो जाता है |

इसका मतलब यह है कि जैसा हम व्यूफाइंडर पर देखते हैं फोटो वैसी नहीं आ पाती |

इसके विपरीत मिररलेस कैमरों में इलेक्ट्रॉनिक व्यू फाइंडर (EVF) होता है जिससे फोटो एकदम वैसी ही आती है जैसा हम Viewfinder/LCD स्क्रीन पर देखते हैं |

ऐसा इसलिए क्योंकि EVF का सीधा सम्बन्ध सेंसर से होता है और बीच में Pentaprism या Mirror की ज़रुरत नही पड़ती |

EVF से हम लाइव हिस्टोग्राम देख सकते हैं जो ऑप्टिकल में नहीं हो सकता है |

मिररलेस कैमरा के व्यूफाइंडर से फोटो कंपोज़ करने की सीमा (limitation) यह है कि  कुछ ख़ास मौकों जैसे कम रौशनी या तेज गति के समय यह बढ़िया परिणाम नहीं दे पाता है |

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि EVF सीधा सेंसर से जुड़ा होता है और कम रौशनी में कैमरा को थोड़ा समय लग सकता है आपको स्क्रीन पर तस्वीर दिखाने के लिए |

परिणाम | Result (Mirrorless vs DSLR)

विजेता : ड्रा 

जब तस्वीर को प्रीव्यू और कंपोज़ करने की बात आती है तब DSLR और Mirrorless camera की अपने फायदे और सीमायें हैं | 

2. ऑटोफोकस गति | Autofocus Speed

कई साल पहले से लेकर आज तक डीएसएलआर कैमरा ही ऑटोफोकस स्पीड में बाज़ी मार ले जाते रहे हैं |

डीएसएलआर कैमरा फोकस करने के लिए Phase Detection Autofocus (PDAF) का इस्तेमाल हैं और इनमें भी कैनन का ड्यूल पिक्सल ऑटोफोकस का तो जवाब ही नहीं |

शुरूआती मिररलेस कैमरा में पीडीएएफ की अपेक्षा कंट्रास्ट डिटेक्शन का प्रयोग होता था जिससे फोकस प्राप्त करने में ‘लेंस हंटिंग’ की समस्या आती थी खासकर सब्जेक्ट ट्रैकिंग के दौरान|

ऐसा नहीं था कि फेज डिटेक्शन ऑटोफोकस हमेशा ही बढ़िया रहता हो क्योंकि सही फोकस के लिए कभी कभी कंट्रास्ट डिटेक्ट का भी उपयोग होता है |

डीएसएलआर कैमरा वैसे तो फेज डिटेक्शन ऑटोफोकस का ही प्रयोग करते थे पर लाइव व्यू में ये परिवर्तित हो कर कंट्रास्ट डिटेक्ट हो जाता था जिससे फोकस करना बहुत धीमा हो जाता था |

चूंकि मिररलेस कैमरे सीधा सेंसर से सम्बंधित ऑटोफोकस का प्रयोग करते थे और आज कल इनमे हाइब्रिड फोकस सिस्टम (phase detect और contrast detect) का प्रयोग होने लगा है |

सोनी के कैमरों में तो ऑय ऑटोफोकस तकनीक का तो कोई तोड़ ही नहीं है, हांलाकि आजकल निकोन और कैनन भी इस तकनीक के साथ आ रहे हैं |

कैमरा मॉडल फोकस पॉइंट्स 
Nikon D850 (DSLR) 151
Canon EOS 5D Mark IV (DSLR)61
Panasonic Lumix DC-G9 (Mirrorless)225
Sony Alpha A9 II (Mirrorless)693

परिणाम | Result (Mirrorless vs DSLR)

विजेता : मिररलेस कैमरा 

मिररलेस कैमरा के ऑटोफोकस स्पीड का तो कोई जवाब ही नहीं ख़ास कर वीडियो शूटिंग के दौरान |

3. कंटीन्यूअस शूटिंग गति | Continuous Shooting Speed

मिररलेस कैमरों में कम घूमने वाले पुर्जे रहते हैं और इनका ऑटोफोकस  भी सीधा सेंसर से सम्बंधित होता है |

इसी कारण ये तेज और लगातार शूटिंग में डीएसएलआर कैमरा से मीलों आगे रहते हैं |

मिररलेस कैमरा में मैकेनिकल के अलावा भी इलेक्ट्रॉनिक शटर होता है जिसकी गति बहुत ही तेज होती है |

यदि आप एक ही दाम के डीएसएलआर और मिररलेस कैमरा की बात करें तब कंटीन्यूअस शूटिंग के लिए आपको एक मिररलेस कैमरा में अधिक फ्रेम्स प्रति सेकंड (एफपीएस) मिलेंगे |

तेज कंटीन्यूअस शूटिंग का फायदा हमें वाइल्डलाइफ और एक्शन फोटोग्राफी में मिलता है |

कैमरा मॉडल कंटीन्यूअस शॉट्स 
Nikon D850 (DSLR) 7 FPS
Canon EOS 5D Mark IV (DSLR)7 FPS
Panasonic Lumix DC-G9 (Mirrorless)20 FPS
Sony Alpha A9 II (Mirrorless)20 FPS

परिणाम | Result (Mirrorless vs DSLR)

विजेता : मिररलेस कैमरा 

जटिल मैकेनिकल कलपुर्जों  की कमी से मिररलेस कैमरों की शटर स्पीड तेज होती हैऔर इसीलिए आधिक गति पर आप कंटीन्यूअस शूट कर सकते हैं |

4. वीडियो गुणवत्ता | Video Quality 

इस क्षेत्र में जीत का सेहरा सीधा ही मिररलेस को जाता है क्योंकि आज के समय में भी बहुत से ऐसे डीएसएलआर कैमरा हैं जो वीडियो मोड में कंट्रास्ट डिटेक्ट ऑटोफोकस का प्रयोग करते हैं जो बहुत ही धीमा रहता है |

वीडियो शूटिंग में कंट्रास्ट डिटेक्शन ऑटोफोकस के कारण फोकस हंटिंग की समस्या आती है और इसीलिए अधिकतर डीएसएलआर कैमरा में वीडियो की गुणवत्ता बढ़िया नहीं होती |

हांलाकि कैनन का ड्यूल ऑटोफोकस इसमें अपवाद है और इसकी वीडियो क्वालिटी साधारण डीएसएलआर कैमरा से बेहतर होती है |

मिररलेस कैमरा में स्टेबिलाइजेशन और हाई फ्रेम रेट 4K वीडियो होने के कारण भी बेहतरीन क्वालिटी मिलती है |

GH-5 और GH-5s जैसे मॉडलों के बाद पनासोनिक ने इस तकनीक में अपनी धाक जमा ली है |

इसके अलावा बहुत से पेशेवर, सिनेमेटोग्राफी के क्षेत्र में Sony Alpha A7S II जैसे कैमरे का भी प्रयोग कर रहे हैं |

परिणाम | Result (Mirrorless vs DSLR)

विजेता : मिररलेस कैमरा 

बेहतरीन ऑटोफोकस और हाई रेसोलुशन वीडियो

5. फोटो गुणवत्ता | Picture Quality

कुछ साल पहले तो डीएसएलआर कैमरा ही बेहतरीन था परन्तु आज के समय में तुलना करना थोड़ा मुश्किल है |

जहाँ एक ओर Canon EOS 5DS में 51, Nikon D850 में 45 मेगापिक्सेल का सेंसर है तो वहीं मिररलेस भी कम पीछे नहीं हैं और Sony Alpha a7R IV में 61 मेगापिक्सेल का सेंसर है |

पर यहाँ मेगापिक्सेल ही सब कुछ नहीं है क्योंकि सेंसर का आकार भी बहुत आवश्यक है और दोनों तरह के कैमरों में फुल फ्रेम सेंसर मौजूद है |

कुल मिला कर कहने का तात्पर्य यह है कि आज के मिररलेस कैमरा भी बेहतरीन फोटो खींच सकते हैं |

परिणाम | Result (मिररलेस vs डीएसएलआर)

विजेता : ड्रा

आधुनिक मिररलेस कैमरे की फोटो क्वालिटी डीएसएलआर कैमरों की तरह ही होती है |

6. बैटरी | Battery

अगर आपकी पहली प्राथमिकता बैटरी है तब आपको बिना किसी शक के डीएसएलआर कैमरा के साथ ही जाना चाहिए |

डीएसएलआर कैमरे एक बैटरी चार्ज में लगभग 600 से 1000 शॉट्स तक दे जाते हैं जो किसी ख़ास फोटोग्राफी मौकों जैसे वेडिंग पर बहुत काम आते हैं |

चूंकि मिररलेस कैमरा में EVF और स्क्रीन के लिए लगातार पॉवर की जरूरत पड़ती है इसलिए ये केवल 300 से 400 शॉट्स ही दे पाते हैं |

वैसे नवीनतम सोनी का a7R IV में बढ़िया बैटरी है और यह भी 670 शॉट्स दे सकता है |

यदि आप एक मिररलेस कैमरा के साथ ही जाना चाहते हैं तब आपको अलग से बैटरी पैक ले कर चलना होगा |

मैंने भी अपने सोनी A6300 के लिए Wasabi Power का बैटरी पैक लिया है जो बेहतरीन है |

कैमरा मॉडल बैटरी (शॉट्स की संख्या)
Nikon D850 (DSLR) 1840
Canon EOS 5D Mark IV (DSLR)900
Panasonic Lumix DC-G9 (Mirrorless)400
Sony Alpha A9 II (Mirrorless)690

परिणाम | Result (मिररलेस vs डीएसएलआर)

विजेता : डीएसएलआर कैमरा  

मिररलेस की तुलना में डीएसएलआर कैमरे की बैटरी ज्यादा समय तक चलती है |

7. फोटो और वीडियो प्लेबैक | Image & Video Playback

फोटो और वीडियो शूट करने के बाद अगर प्लेबैक की बात करें तब मिररलेस और डीएसएलआर कैमरे की परफॉरमेंस एक जैसे ही है |

दोनों प्रकार के कैमरे में आजकल कम से कम 3 इंच की एलसीडी स्क्रीन आती है और आप कैमरे में HDMI केबल जोड़ कर इसे टीवी पर भी देख सकते हैं |

वैसे आजकल तो मिररलेस और डीएसएलआर कैमरे वाईफाई फीचर से भी लैस हैं तो आप बिना तार के इसे अपने स्मार्ट टीवी या मोबाइल फोन से कनेक्ट कर सकते हैं |

परिणाम | Result (Mirrorless vs DSLR)

विजेता : ड्रा

आधुनिक मिररलेस और डीएसएलआर कैमरे में बड़ी एलसीडी स्क्रीन और वायरलेस फीचर होते हैं |

8. लेंस और एसेसरी | Lenses & Accessories

camera lenses

अगर आपको फोटोग्राफी के लिए तरह तरह की रेंज वाले लेंस और एसेसरी चाहिए तब आपको बेशक एक डीएसएलआर कैमरा के साथ ही जाना चाहिए |

ऐसी बहुत सारी थर्ड पार्टी कंपनियां हैं जो सस्ते दामों पर तरह तरह के लेंस और एसेसरीज  डीएसएलआर कैमरा के लिए बनाती हैं |

यदि मिररलेस कैमरा की बात करें तो अभी सभी रेंज में लेंस उपलब्ध नहीं हैं और यह महंगे भी हैं  पर कुछ सालों में यह खाई ज़रूर भर जाएगी |

वैसे एडाप्टर का प्रयोग कर आप डीएसएलआर लेंसों को भी मिररलेस कैमरे पर उपयोग कर सकते हैं पर असली लेंस की बात ही कुछ और रहती है |

परिणाम | Result (मिररलेस vs डीएसएलआर)

विजेता : डीएसएलआर कैमरा  

मिररलेस की तुलना में डीएसएलआर कैमरे में विस्तृत लेंस की श्रंखला उपलब्ध है | 

9. इमेज स्टेबिलाइजेशन | Image Stabilization 

आजकल के मिररलेस या डीएसएलआर कैमरा में किसी न किसी तरह का स्टेबिलाइजेशन मौजूद है |

अधिकतर कैमरा में सेंसर शिफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबिलाइजेशन (EIS) इनबिल्ट होता है और कुछ कैमरा केवल लेंस के स्टेबिलाइजेशन पर निर्भर रहते हैं |

इन सब तकनीक में से सेंसर शिफ्ट सबसे कारगर और बढ़िया स्टेबिलाइजेशन तकनीक होती है जिससे बढ़िया फोटो और वीडियो क्वालिटी मिलती है |

अधिकतर डीएसएलआर कैमरा में इनबिल्ट स्टेबिलाइजेशन नहीं होता है और कुछ ही  DSLR इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबिलाइजेशन से लैस होते हैं |

वहीँ अधिकतर मिररलेस कैमरा में आपको सेंसर शिफ्ट तकनीक मिल जाएगी और यह लेंस के ऑप्टिकल स्टेबिलाइजेशन से मिलकर और भी बेहतरीन हो जाती है |

यदि आपके लिए वीडियो शूटिंग प्रमुख है तब आपको बिना कुछ सोचे मिररलेस कैमरा  के साथ ही जाना चाहिए | 

कैमरा मॉडल स्टेबिलाइजेशन तकनीक 
Nikon D850 (DSLR) उपलब्ध नहीं 
Canon EOS 5D Mark IV (DSLR)उपलब्ध नहीं 
Panasonic Lumix DC-G9 (Mirrorless)Sensor Shift, 5 Axis Stabilization
Sony Alpha A9 II (Mirrorless)Sensor Shift, 5 Axis Stabilization

परिणाम | Result (Mirrorless vs DSLR)

विजेता : मिररलेस कैमरा 

मिररलेस कैमरा में सेंसर शिफ्ट स्टेबिलाइजेशन बेहतरीन है |

10.  भार | Weight 

यदि आप ट्रेवल या स्ट्रीट फोटोग्राफी करते हैं या फिर आप चाहते हैं कि आपके पास एक हल्का कैमरा हो तब आपको एक मिररलेस कैमरा ही खरीदना चाहिए |

एक फुल फ्रेम मिररलेस किसी डीएसएलआर कैमरा से लगभग 200 से 500 ग्राम तक हल्का होता है |

यदि आप डीएसएलआर कैमरा के भारी भरकम लेंस भी जोड़ दें तब तो इनका वज़न बहुत ही बढ़ जाता है |

मिररलेस कैमरा के अलावा उसके लेंस भी छोटे और हलके होते हैं और इसलिए उन्हें लम्बे समय तक उठाये रखना आसान होता है |

कैमरा मॉडल वजन (g)
Nikon D850 (DSLR) 1005
Canon EOS 5D Mark IV (DSLR)890
Panasonic Lumix DC-G9 (Mirrorless)658
Sony Alpha A9 II (Mirrorless)678

परिणाम | Result (Mirrorless vs DSLR)

विजेता : मिररलेस कैमरा 

Mirrorless कैमरे DSLR की अपेक्षा हलके और छोटे होते हैं क्योंकि इनमे DSLR वाले बहुत सारे कलपुर्जे नहीं रहते हैं |

Mirrorless Camera vs DSLR : भविष्य में कौन रहेगा आगे?

अब हम आज से 20-25 साल पीछे चलते हैं जब केवल SLR या फिल्म कैमरों का चलन था |

धीरे धीरे फिल्म कैमरे पीछे छूटते गए और डिजिटल (Fixed + Interchangeable लेंस) कैमरे का चलन आ गया |

जो कभी-कभार वाले/शौकिया फोटोग्राफर थे वो ऑटोमैटिक फिल्म कैमरों को छोड़कर पॉइंट एंड शूट से होते हुए अब कैमरा फोन पर आ चुके थे |

आज के समय में इन जैसों के लिए कैमरा फोन ही सबसे बेहतर विकल्प है क्योंकि आज वाकई ये तकनीक बहुत ही विकसित हो चली है |

जो पेशेवर फोटोग्राफर थे वह फिल्म एसएलआर से डीएसएलआर से होते हुए आज कल फुल फ्रेम मिररलेस की ओर जा रहे हैं |

सोनी के सफलतम मॉडलों A7III, A9 II और अब A7R IV ने फोटोग्राफी जगत को हिला कर रख दिया है और Sony A7R IV को अब तक का सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है | 

आप हमें कमेंट कर के अपने विचार बताएं |

और अंत में…

जैसा की मैंने पहले ही कहा था Mirrorless vs DSLR की लड़ाई में कोई सीधा विजेता नहीं होगा क्योंकि दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं।

यदि आप हल्के वजन, अधिक कॉम्पैक्ट आकार, तेज ऑटोफोकस और बढ़िया वीडियो क्वालिटी के साथ जाना चाहते हैं तब आपको  मिररलेस कैमरे के साथ जाना चाहिए |

दूसरी ओर, डीएसएलआर कैमरों के साथ आपको बेहतर ऑप्टिकल व्यूफाइंडर, बढ़िया एर्गोनोमिक्स, विस्तृत लेंस और एससरी का आप्शन और प्रोफेशनल फोटो  गुणवत्ता मिलती है |

इसलिए हर  एक फीचर को ध्यान में रख कर ही कैमरा चुनना बेहतर होगा क्योंकि यह आपका  पर्सनल प्रेफरेंस है कि आपको क्या पसंद है |

इसी कारण से सबका चुनाव भिन्न हो सकता है इसमें कोई दो राय नहीं है |

मेरी व्यक्तिगत सलाह यह है कि आप अपनी ऊर्जा  ‘बेस्ट कैमरा’ की तलाश में अधिक न खर्च करें बल्कि अपने फोटोग्राफी कौशल को बेहतर बनाने पर अधिक ध्यान दें  | 

कैनन और निकॉन के नए मिररलेस कैमरों के साथ ही प्रतिस्पर्धा का दौर अपने चरम पर पहुच गया है |

आने वाले समय में हमें और भी नए नए मॉडल देखने को मिल सकते हैं |

यदि आगे भी ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब डीएसएलआर भी फिल्म कैमरे की तरह इस दुनिया से अलविदा हो जाये|

हमें कमेंट कर बताएं कि आपको यह मुकाबला कैसा लगा और mirrorless DSLR कैमरा में से किसके साथ जाना चाहेंगे |

आने वाले पोस्ट को समय से पढने के लिए यात्राग्राफ़ी को सब्सक्राइब करें !

इस उपयोगी जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे सभी लोग इसका लाभ ले सकें |

शेयर करें!

6 thoughts on “Mirrorless vs DSLR कैमरा | आपके लिए कौन सा बेहतर है?”

  1. I think the admin of this site is actually working hard in favor of his website, since here every stuff is quality based material.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top