Last Updated on April 7, 2024 by अनुपम श्रीवास्तव
कई बार आपने देखा होगा कि किसी फोटो के पीछे का बैकग्राउंड ब्लर बहुत शानदार है और मुख्य सब्जेक्ट बिलकुल शार्प और फोकस में है |
आपको हैरानी होगी कि ऐसे नेचुरल और बढ़िया फोटो ब्लर पाने के लिए कोई सॉफ्टवेयर या पोस्ट प्रोसेसिंग की नहीं बल्कि एक कैमरा और बढ़िया लेंस की ज़रुरत होती है |
यह धुंधलापन कैमरे और लेंस से सम्बंधित शैलो डेप्थ ऑफ़ फील्ड की वजह से बनता है |
बहुत ही सरल शब्दों में कहा जाये तो बोका किसी फोटो का वह भाग है जो मुख्य सब्जेक्ट को छोड़कर पूरी तरह से फोकस में नहीं है |
अगर आप भी अपनी फोटो में शानदार धुंधला वाला बैकग्राउंड पाना चाहते हैं तब आगे बताये गए 5 प्रैक्टिकल टिप्स को ज़रूर फॉलो करें |
फोटोग्राफी में बैकग्राउंड ब्लर (BOKEH) क्या होता है?
Background Blur जिसे Bokeh (बोका या बोकेह) भी कहा जाता है, एक जापानी शब्द है जिसका मतलब है धुंधलापन या धुंधली पृष्ठभूमि |
यह प्रक्रिया किसी लेंस द्वारा, फोटो के बाहर के फोकस भागों में उत्पादित धुंधलेपन की सौंदर्य गुणवत्ता को दर्शाता है |
अब आप पूछेंगे कि इसमें क्या सुन्दरता की बात है?
धुंधली पृष्ठभूमि के कारण ही कोई फोटो आपकी आँखों को आकर्षक लगता है क्योंकि तब आपका सब्जेक्ट अलग से उभर कर आता है |
Bokeh के बिना मुख्य सब्जेक्ट पर ध्यान देना मुश्किल होता जाता है क्योंकि तब सब्जेक्ट और बैकग्राउंड समान फोकस में रहते हैं |
अच्छा ब्लर फोटो पाने के लिए बड़े अपर्चर वाले लेंस की ज़रुरत होती है (जैसे f1.4) |
एक बढ़िया और नेचुरल bokeh वही है जिसमें धुंधलापन के साथ साथ बैकग्राउंड से आने वाला लाइट एकदम सॉफ्ट और गोलाकार हो जाये |
जैसे मैंने ऊपर दी गयी तस्वीर दिवाली के समय ली थी |
इस समय पीछे से आ रही रंगबिरंगे बल्बों की रौशनी एकदम से धुंधली और गोल गोल नज़र आ रही है|
किसी फोटो में इन गोल गोल धुंधले लाइट बॉल्स को बोके इफ़ेक्ट भी कहते हैं |
Background Blur की Quality कैसी होनी चाहिए?
मान लेते हैं मैंने आपने एक पोर्ट्रेट फोटो ली और उसमें सब्जेक्ट और बैकग्राउंड अलग अलग नहीं बल्कि एक समान फोकस में ही दिख रहें हैं |
इस लिहाज से देखा जाये तब इस फोटो को परफेक्ट पोर्ट्रेट नहीं कही जा सकती है क्योंकि इस फोटो का अच्छा बैकग्राउंड ब्लर नहीं है |
अब मान लेते हैं कि आपके फोटो में धुंधलापन भी हैं और पीछे की लाइट भी गोल हैं पर इन गोलों के किनारे एकदम से हलके और चिकने न होकर तेज और रूखे हैं |
इस स्थिति में भी देखा जाये तो हम कहीं मध्यम स्तर पर हैं |
रूखे किनारों वाले गोले आंखों को कम सुन्दर लगते हैं क्योंकि ये हमारा ध्यान मुख्य सब्जेक्ट से कहीं दूर भटका ले जाते हैं |
क्या आप जानते हैं कि Bokeh का आकार प्रकार लेंस की बनावट पर भी निर्भर करता हैं |
लेंस में प्रयुक्त डायाफ्राम ब्लेडों (aperture) की संख्या ही तरह तरह के आकारों को जन्म देती हैं|
कैसे गोलाकार Bokeh बनते हैं?
कुछ लेंस में 5 या 6 डायाफ्राम ब्लेड होते हैं तो कुछ में 8 या 9 |
अब आप समझ सकते हैं कि कम ब्लेडों वाली संख्या वाले लेंस सस्ते मिलते हैं क्योंकि उनमे उत्पन्न धुंधलेपन का आकार गोलाकार (Circular) न होकर pentagon, hexagon या कुछ अलग ही होगा (नीचे फोटो देखें ) |
अब गोल बोके बनाने के लिए उनमे 7 या उससे अधिक ब्लेड होना चाहिए और पूरा अपर्चर खुला रहना चाहिए |
उदहारण के तौर पर Canon EF-S 18-55mm f/3.5-5.6 IS II में 6 और AF NIKKOR 85mm f/1.4D IF में 9 blades हैं |
फोटो का बैकग्राउंड ब्लर कैसे करें? [5 Practical Tips]
आइये जानते हैं वो पांच बेहतरीन प्रैक्टिकल टिप्स जिनकी मदद से आप अपनी फोटो में अच्छा बैकग्राउंड ब्लर पा सकते हैं |
टिप#1. सही लेंस का का प्रयोग करें [प्राइम लेंस चुनें]
आप कोई भी लेंस जिसे फोटोग्राफी की भाषा में Fast Lens कहते हैं और जिसका aperture f /2.8 से कम हो वह ले सकते हैं |
यहाँ यह समस्या हैं की जैसे जैसे हम fast aperture पर जाते जायेंगे (f/2, f/1.8, f/1.4) वैसे वैसे दाम भी बढ़ता जायेगा |
इसके लिए हम फिक्स्ड फोकल लेंथ मतलब प्राइम लेंस का चुनाव कर सकते हैं |
हम शुरुआत करने के लिए 85mm, 50mm (पोर्ट्रेट लेंस ) या 35mm लेंस को ले सकते हैं |
अब यह देखना होगा कि आप full frame या फिर crop sensor कैमरे का प्रयोग कर रहे हैं क्योंकि लेंस का चुनाव भी उसी तरह से होगा |
यदि आप फुल फ्रेम कैमरे में ऊपर बताये गए लेंस का प्रयोग करेंगे तो फोटो के किनारों पर हल्का सा कालापन जिसे ‘Vignetting’ भी कहते हैं वह आने लगेगा |
हमारे किट लेंस जो 18 -55 mm फोकल लेंथ के होते हैं और इनमे अधिकतम अपर्चर f /4.5 या f /3 .5 तक ही सीमित रहता हैं |
किट लेंस से भी आप इन तरीकों से फोटो को ब्लर कर सकते हैं पर यह साधारण क्वालिटी का ही होगा:-
- लेंस को पूरा ज़ूम करके
- बैकग्राउंड से उचित दूरी बना कर
- सब्जेक्ट के पास जा कर शूट करने पर
कुल मिला कर कहा जाये तो आप फोटो में अच्छा बैकग्राउंड ब्लर पाने के लिए सस्ते 50mm के प्राइम लेंस से शुरुआत कर सकते हैं |
टिप#2. बढ़िया बैकग्राउंड चुनें
पहले बैकग्राउंड यानि पृष्ठभूमि की बात करें तो हम कुछ ऐसा चुने जिसमे कहीं न कहीं से लाइट जुड़ी हुई हो |
जैसे रात में शहर की लाइट्स, ट्रैफिक लाइट्स, सीधा सूर्य की रोशनी न लेके किसी पेड़ से छन कर आती हुई रोशनी, पानी में रोशनी का प्रतिबिम्ब और जैसे कोई मद्धम सा पैटर्न |
अगर हमारा बैकग्राउंड बिलकुल ही प्लेन हैं तब भी बढ़िया बोकेह का आना थोड़ा मुश्किल होगा |
अब मान लेते हैं कि आपको कभी सब्जेक्ट के आगे यानि foreground blur भी चाहिए तब आप क्या करेंगे?
इस प्रकार की फोटोग्राफी के लिए कैमरे का फोकस मुख्य सब्जेक्ट पर रख कर अपर्चर को ऐसा रखना हैं जिससे बैकग्राउंड और फोरग्राउंड दोनों ब्लर हो जाएँ |
कुछ ऐसे –
यदि आपको सब्जेक्ट और कैमरे के बीच आने वाली रिफ्लेक्सन को दूर भागना हो तब आप polarizer filter का प्रयोग कर सकते है
टिप#3. ट्राईपॉड का प्रयोग करें
अच्छा बैकग्राउंड ब्लर पाने के लिए आपको यह देखना हैं कि कैसे आप अपने कैमरे को स्थिर रख सकते हैं?
इसके लिए ट्राईपॉड स्टैंड अथवा किसी समतल भाग का प्रयोग भी कर सकते हैं जैसे किसी मेज की सतह इत्यादि |
यदि हम हाथ से अधिक हिलाये बिना भी पकड़ सकते हैं तो भी काम बन जायेगा |
टिप#4. मैन्युअल मोड में शूट करें
मैन्युअल मोड का मतलब है कैमरे का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लेना |
अपने फोटो में धुंधली पृष्ठभूमि पाने के लिए आप अपर्चर प्रायोरिटी मोड का प्रयोग कर के अपर्चर को खोल सकते हैं (जैसे f/1.8, या /f/1.4) |
अपर्चर प्रायोरिटी मोड में अपर्चर बदलते ही शटर स्पीड और ISO अपने आप ही सेट हो जाता है |
यदि आप कम रोशनी में यह प्रयोग कर रहें हैं तो ध्यान रखें की ISO-600 के ऊपर न जाये नहीं तो फोटो में सफेद दाने (Grains ) आ सकते हैं|
फोटो में उचित एक्सपोजर के लिए आप exposure compensation बटन का भी प्रयोग कर सकते हैं|
पोर्ट्रेट फोटो के लिए आप सिंगल ऑटोफोकस का प्रयोग भी कर सकते हैं पर बेहतर हैं कि हमेशा मैन्युअल फोकस पर ही रहा जाये |
टिप#5. सब्जेक्ट और बैकग्राउंड के बीच उचित दूरी बनायें
अच्छा बैकग्राउंड ब्लर पाने के लिए आपको अपने शॉट्स को लगातार कंपोज़ करते रहना चाहिए |
अपने subject और background में कुछ इस तरह दूरी रखें कि फोटो में अधिक से अधिक Bokeh बने |
पीछे का धुंधलापन देखते हुए दूरी बढ़ाते जाएँ और अपने शॉट्स को लगतार कंपोज़ करते रहें |
यह दूरी लेंस पर भी निर्भर करती हैं कि आप कितने फोकल लेंथ का लेंस प्रयोग में ला रहे हैं |
50mm लेंस प्रयोग कर के आप कम दूरी में भी अच्छा ब्लर पा सकते हैं जबकि 85mm का इस्तेमाल करने के लिए हमें थोड़ा और दूर जाना होगा |
बैकग्राउंड से उचित दूरी बनाने के साथ साथ आप कैमरे और सब्जेक्ट के बीच की दूरी भी इतनी रखें कि बस यही पूरे फोकस में रहे और पीछे का पूरा एरिया ब्लर हो जाये |
इन सब के बीच यह ध्यान रखें कि हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ फोटो में सब्जेक्ट के पिछले हिस्से को पूरी तरह से धुंधला करना नहीं हैं बल्कि उसमे कुछ डिटेल्स भी छोड़ना हैं जिससे उसमे किसी आकार का पता चल सके |
और अंत में …
ऊपर बताये दिए गए पांच प्रैक्टिकल टिप्स को ध्यान में रख कर आप भी बढ़िया background blur वाली तस्वीरें खींच सकते हैं|
फोटो ब्लर करने के लिए आप बस इन बातों का ध्यान दें –
- यदि ऑटो सेटिंग का प्रयोग कर रहे हों तब कैमरे को पोर्ट्रेट मोड पर रखें |
- मैन्युअल मोड पर अपर्चर प्रायोरिटी (A / AV mode) सेट करें और सबसे कम अपर्चर संख्या चुनें |
- जितना अधिक ज़ूम कर सकते हैं उतना करें |
- अपने फ्रेम को करीब 50 -70 % भरने की कोशिश करें |
- अपने सब्जेक्ट और बैकग्राउंड के बीच उचित दूरी रखें |
आप हमें कमेंट करें और बताएं यह बातचीत आपको कैसा लगी और आप इसमें और क्या जानना चाहते हैं ?
हमें यह भी कमेंट कर के बताएं कि आप कौन से लेंस का प्रयोग करते हैं?
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सर कैमरा तो बुक कर दिया था फ्लिपकार्ट पर लेकिन जब डिलीवरी मैन कैमरा लेकर आया तो पैकेट पूरी तरह से खुला हुआ था इसलिए मैंने वापस कर दिया अब पैसा कार्ड में रिफंड आने में करीब 10 दिन लगेगा तब तक सेल खत्म हो जाएगा
मुझे फ्लिपकार्ट अच्छा नहीं लगा
मैंने कैनन शॉप पर पता किया तो d3500 2900r में बता रहे हैं आखिर ऑनलाइन इतना सस्ता क्यों है कहीं ऐसा तो नहीं कि ये यूज किया हुआ सेकंड हैंड कैमरा देते हैं
सुशील जी | आप कैमरा या कोई भी ऑनलाइन वस्तु चुनते समय सेलर की रेटिंग ज़रूर देखे | हो सकता है सेल के दौरान ये लोग खराब सामान भी हमें टिका दें | आपने वापस कर बहुत अच्छा किया | हम तो कहेंगे की आप DSLR छोड़ मिरर लेस पर जाएँ | हो सके तो सोनी A 6000 नहीं तो 5100 लें, भले ही दाम थोडा अधिक लगे | हम 1 साल से सोनी 6300 यूज़ कर रहे हैं जो बेहतरीन है |
हमें मिरर्लेस कैमरा क्यों लेना चाहिए, सोनी चैनल और निकॉन इन तीनों में से किस कंपनी का मिरर्लेस कैमरा लेना चाहिए क्या मिरर्लेस कैमरा भी फुल
फ्रेममें आ रहा है, क्या मिरर्लेस कैमरे में बैटरी खर्च ज्यादा लगता है
अनिरूद्ध जी कमेंट के लिए आपका धन्यवाद |
बताना चाहेंगे कि आने वाले समय में मिररलेस कैमरा ही फोटोग्राफी का भविष्य है |
आप इसके लिए हमारा यह पोस्ट पढ़ें – https://yatragraphy.com/mirrorless-vs-dslr/
कैमरा आप कोई भी लें अपर अपनी ज़रूरतों को ध्यान में रख कर लें | हाँ यह सही है कि आज सोनी के मिरर लेस कैमरे बेहतरीन हैं | मैं खुद भी सोनी का a 6300 प्रयोग कर रहा हूँ |
बताते चलें कि सोनी के बहतरीन फुल फ्रेम बाज़ार में मौजूद हैं जैसे A7 III या A7 और A9 सीरीज | ये बेहतरीन हैं और निकोन …कैनन से कहीं आगे हैं |
यह सही है कि मिररलेस कैमरे बैटरी अधिक खाते हैं पर आप एक स्पेयर बैटरी रख सकते हैं | खैर आने वाले समय में इसकी समस्या भी दूर हो जाएगी |
Sir ky Sony k camera m long exposure photography nahi kar sakte
यहाँ कंपनी से कोई मतलब नहीं है | आप किसी भी कैमरा से लॉन्ग एक्सपोज़र फोटोग्राफी कर सकते हैं जिसमें मैन्युअल मोड हो चाहे वह एक स्मार्टफोन ही क्यों न हो | लॉन्ग एक्सपोज़र के लिए आपको बस स्लो शटर स्पीड करनी होती है |
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सर मेरे से फोटो मे आँखे ब्लूर हो जाती है मे किया करू
टिप्पणी के लिए धन्यवाद | ये समस्या कई लोगों के साथ आती है | असल में फोटो लेते समय आँखें झपकती रहती हैं इसलिए फाइनल फोटो में ब्लर आना स्वाभाविक है | आप इसे इन तरह से दूर कर सकते हैं |
१. अगर मोबाइल से फोटो खींच रहे हैं तब आँखों के आसपास टैप कर के फोकस लॉक कर लें |
२. आप चाहे तो शटर स्पीड थोडा बढ़ा लें जिससे आँखों के पास वाला हिस्सा ब्लर न हो |
३. कैमरा से फोटो लेते समय आप आँखों के पास मैन्युअल फोकस करें और कोशिश करें कि वह हिस्सा शार्प आये |
४. फोटो लेते समय अपने हाथ को स्थिर रखें और ध्यान दें चेहरे के आस पास पर्याप्त लाइट हो |