एक्सपोजर क्या होता है | What is Exposure in Camera?

Last Updated on April 15, 2022 by अनुपम श्रीवास्तव

फोटोग्राफी के दौरान आपने एक्सपोजर (Exposure) के बारे में ज़रूर सुना होगा?

आपने महसूस किया होगा कभी आपके कैमरे से निकली हुई तस्वीर बिलकुल ब्राइट हो जाती है तो कभी सब कुछ डार्क हो जाता है?

इन सब का कारण है तस्वीरों में सही एक्सपोजर का न होना जो फोटोग्राफी में बहुत ही आवश्यक है |

चूँकि फोटोग्राफी केवल लाइट का ही खेल है इसलिए हम सबसे पहले इसे ही कण्ट्रोल करना सीखेंगे जिससे आप की फोटो साधारण से बढ़िया हो जाये |

Learn Basic Photography in Hindi सीरीज के भाग # 4 में आपका स्वागत है |

आज हम जानेंगे कि फोटोग्राफी में exposure का क्या महत्त्व है ?

इसके अलावा हम यह भी सीखेंगे कि किसी फोटो को बेहतर बनाने के लिए Exposure Triangle का क्या काम होता है ?

तो बने रहिये हमारे साथ इस बेसिक फोटोग्राफी ट्यूटोरियल पर जहाँ बड़ी ही आसानी से आप फोटोग्राफी सीख सकते हैं |

 

एक्सपोजर क्या है | What is Exposure in Camera?

अक्सर हम लोग अपने कैमरा से ऑटो मोड में शूट करते हैं पर क्या हर समय इस मोड में फोटो बढ़िया ही आती है |

जी, कई बार आ जाती है पर अधिकतर बार नहीं क्योंकि अब आप एक कंप्यूटर चिप के भरोसे हैं |

उदहारण के लिए आप यह फोटो देखें और खुद ही अंतर समझें |

exposure difference in photography

क्या समझे आप ?

पहली  फोटो ऑटोमैटिक मोड और दूसरी/तीसरी  फोटो मैन्युअल मोड पर ली गयी है |

अगर एक्सपोज़र की बात करें तब – पहली फोटो का एक्सपोजर सही है और दूसरी फोटो जरूरत से ज्यादा exposed है |

इसलिए अब एक्सपोजर को इस तरह जान सकते हैं |

Exposure – एक फोटो को बनाने के लिए किसी फोटोग्राफिक फिल्म/कैमरा सेंसर ने कितनी रौशनी को रिकॉर्ड किया उसे एक्सपोजर कहा जाता है |

आप इस फोटोग्राफी सीरीज के भाग#2 (कैमरा क्या है) में देखेंगे तो पाएंगे कि कैमरा सेंसर हमेशा अँधेरे में रहता है |

जैसे ही शटर उठता है वैसे ही रौशनी लेंस से होती हुई भीतर आती है और सेंसर को एक्सपोज कर देती है |

जितने अधिक समय के लिए आप फिल्म/ कैमरा सेंसर पर लाइट डालेंगे आपकी फोटो उतनी ही ब्राइट होती जाएगी और कम रोशनी में आपकी फोटो उतनी ही डार्क होती जाएगी |

अब आप समझ चुके होंगे कि एक फोटो को बेहतर बनाने या बिगाड़ने के लिए रौशनी यानि एक्सपोज़र कितना ज़रूरी है |

तकनीकी तौर पर देखें तब एक्सपोजर यह बतलाता है कि आपके कैमरे से खींची गयी फोटो में कितने लाइट और डार्क टोन हैं |

Exposure Meaning in Hindi

Exposure का Hindi meaning होता है:-

  • खुलासा 
  • प्रदर्शन 
  • दिखावा 
  • रहस्य से पर्दा उठाना 

फोटोग्राफी में भी एक्सपोजर का मतलब (exposure meaning in photography) कुछ ऐसा ही होता है – फिल्म/सेंसर को लाइट के सामने प्रदर्शित करना |

एक्सपोजर कितने प्रकार का होता है | Types of Exposure in Camera?

1. ओवर एक्सपोजर | OverExposure

ऊपर दी गयी तस्वीर में पहली देखें, आप पाएंगे कि इसमें ऑटो मोड पर कैमरे ने मंदिर को मुख्य सब्जेक्ट मान कर ठीक से एक्सपोज़ करने की कोशिश की |

अब इसमें कैमरा भी गलत नहीं है, यह तो पूरी तरह हमारे ऊपर है कि हम क्या ब्राइट और क्या डार्क दिखाने की सोच रहे हैं |

जब भी कैमरा सेंसर पर ज़रुरत से अधिक लाइट पड़ती है तब फोटो ओवर एक्सपोज्ड हो जाती है और इस प्रक्रिया को OverExposure कहा जाता है |

इस कारण से तस्वीर में हाइलाइट्स चली जाती हैं और इसके चमकीले या ब्राइट भाग एकदम से धुले धुले या सफेद हो जाते हैं |

2. अंडर एक्सपोजर | UnderExposure

जब भी कैमरा सेंसर या फिल्म पर जरूरत से कम लाइट पड़ती है तब फोटो अंडर एक्सपोज्ड हो जाती है |

ऊपर वाली तीसरी तस्वीर देखें, आप पाएंगे कि फोटो में शैडो यानि छाया की डिटेल ख़त्म हो गयी है और अँधेरे वाले भाग बिलकुल ही काले हो गए हैं |

इस प्रक्रिया को underexposure कहा जाता है |

एक बार अंडर एक्सपोज्ड फोटो से डिटेल को वापस लाया जा सकता है यदि उसे RAW में शूट किया गया हो तब|

पर अगर आपकी फोटो ओवर एक्सपोज्ड है तब यह बहुत ही मुश्किल होगा |

देखना न भूलें!

3. नार्मल एक्सपोजर | Normal Exposure

यह पूरी तरह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हमें किस प्रकार का एक्सपोज़र पसंद है |

कई बार जान बूझ कर फोटो को under expose किया जाता है जिससे एक ड्रामा क्रिएट हो सके |

मेरे हिसाब से ऊपर दी गयी दूसरी फोटो नार्मल एक्सपोज्ड है |

4. लॉन्ग एक्सपोजर | Long Exposure

लॉन्ग एक्सपोजर एक प्रकार की फोटोग्राफी तकनीक है जिसमे लम्बे समय (1 मिनट से कई घंटे) तक सेंसर को एक्सपोज़ किया जाता है |

इस तकनीक के बारे हम आगे बात करेंगे पर अभी आप यह जान लें कि इसमें लाइट को भीतर आने के लिए कैमरा के शटर को जान बूझ कर खुला रखा जाता है |

शटर के लम्बे समय तक खुले रहने के कारण आपकी फोटो में एक मोशन ब्लर आ जाता है 

वैसे आप मेरी यह तस्वीर देखें जिसे लॉन्ग एक्सपोज़र कहा जा सकता है |

इस फोटो में 5 सेकंड का exposure time लिया गया है और इस दौरान झरने का मोशन ब्लर आप देख सकते हैं |

लॉन्ग एक्सपोजर फोटो

एक्सपोज़र मीटर क्या है | What is Exposure Meter in Photography?

कैमरे के अन्दर स्थित  एक्सपोजर मीटर, जिसे लाइट मीटर भी कहते हैं एक ऐसा उपकरण होता है जो लाइट की इंटेंसिटी (तीव्रता) को नापता है और सही एक्सपोजर बनाने की कोशिश करता है |

आपने देखा होगा कि जब भी ऑटो मोड में आप कोई फोटो खींचते हैं तब कैमरा अपने हिसाब से एक एक्सपोजर बनाता है |

क्या आपने कभी सोचा है कि कोई कैमरा यह कैसे तय करता होगा कि किसी सीन के लिए कितना exposure रखना है ?

आइये आपको बताते हैं इसके बारे में,

क्या आपने कभी मिडिल ग्रे या 18% ग्रे के बारे में सुना है ?

नहीं !!

किसी कैमरा के लाइट मीटर (Exposure meter) को इस तरह बनाया जाता है जिससे वह  18% ग्रे को ही एक्सपोज़ कर सके |

फोटोग्राफी एक्सपोजर रेंज

पर क्या हो अगर आप बिलकुल सफेद चीज़ पर फोकस करेंगे जैसे बर्फ या कोई सफेद कपड़ा |

इस दशा में  कैमरे का लाइट मीटर उस एक्सपोजर को 18% ग्रे बनाने के लिए फोटो को अंडर एक्सपोज कर देगा |

अब माने लें आपने कैमरा को किसी गहरे रंग वाली वस्तु पर फोकस किया तब कैमरा उसे ओवर एक्सपोज कर देगा |

कुल मिला कर कैमरा कैसे भी कर के 18% ग्रे एक्सपोजर बनाने की कोशिश करेगा, यही फोटोग्राफी का नियम है  |

चलिए आपको एक उदहारण से समझाते हैं |

जब भी आप भरी दोपहरी में (यानि बहुत अधिक रौशनी में) तस्वीर लेते हैं तब कैमरे का लाइट मीटर आपके सब्जेक्ट को अंडर एक्सपोज़ कर देगा और वह डार्क हो जायेगा |

सही exposure में शूट करने के लिए आपको मैन्युअल मोड का सहारा लेना होगा और इसके लिए अब बारी आती है exposure triangle की |

फोटोग्राफी में एक्सपोजर ट्रायंगल क्या होता है | What is Exposure Triangle in Photography?

अब तक आप ने एक्सपोजर की ज़रुरत को समझ लिया होगा पर इसे कण्ट्रोल कैसे किया जाता है यह एक बड़ा प्रश्न है |

जब भी मैंने exposure या लाइट की बात की तब यह बताया कि लेंस से होती हुई लाइट कैमरे के अन्दर आती है और शटर पर रूक जाती है |

फिर जैसे ही शटर बटन दबाया जाता है और जितने देर तक शटर खुला रहता है उतनी देर तक लाइट सेंसर पर पड़ती है और एक्सपोजर बनता है |

इसके अलावा कैमरे का सेंसर रौशनी के लिए  कितना सेंसिटिव यानि संवेदनशील है, फोटो का बनना इसपर भी निर्भर करता है |

तब हमने क्या सीखा:-

Exposure Triangle = Shutter, Aperture और ISO (Sensor Sensitivity)

एक्सपोजर ट्रायंगल

शटर, अपर्चर और ISO एक दूसरे से जुड़ कर एक ट्रायंगल (त्रिभुज) बनाते हैं और इनका यूज़ करके आप एक बढ़िया एक्सपोज्ड फोटो खींच सकते हैं |

जब भी आप इनमें से किसी एक को बदलेंगे तब बढ़िया एक्सपोजर पाने के लिए आपको  बाकी बचे दोनों में से किसी को भी एडजस्ट करना पड़ेगा |

वैसे आगे हम लोग शटर, अपर्चर और ISO की चर्चा विस्तार से करेंगे पर शुरुआत करने के लिए आप यह जान लें |

ध्यान दें !

शटर और अपर्चर सीधे लाइट को कण्ट्रोल कर सकते हैं :-

  • अगर आपके कैमरा की शटर स्पीड बहुत अधिक है, मतलब वह कुछ ही समय के लिए खुला रहेगा और इसलिए कम लाइट ही सेंसर तक जा पायेगी |
  • शटर स्पीड कम होने का मतलब शटर देर तक खुला रहेगा और अधिक लाइट सेंसर तक पहुचेगी |
  • अगर आप लेंस के अपर्चर (छेद) को खोलेंगे तो अधिक मात्रा में रौशनी भीतर जाएगी |
  • यदि लेंस के अपर्चर को कम किया जाये तब कम रौशनी ही अन्दर तक जा सकेगी |

ISO इन दोनों से अलग है और इसे बढाते ही कैमरा सेंसर का इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल एम्पलीफाई यानि बढ़ जाता है जिससे सेंसर लाइट के प्रति और अधिक सेंसिटिव हो जाता है |

कुल मिला कर कहा जाये तो आपके फोटो के exposure को पूरी तरह से कण्ट्रोल करने के लिए exposure triangle की जानकारी बहुत ज़रूरी है |

कैमरा में हमेशा सही एक्सपोजर कैसे चेक करें | How to Check Correct Exposure Setting in Camera?

चलिए मान लेते हैं कि अभी तब आपको एक्सपोजर ट्रायंगल का बेसिक आईडिया तो हो गया होगा |

अब आप किसी बढ़िया सीन के पास खड़े हैं और अपना कैमरा एडजस्ट करते हैं, पर अभी तक यह समझ नहीं आ रहा है कि फोटो में एक्सपोजर आखिर रखना कितना है?

इसके लिए आपको अपने कैमरे का हिस्टोग्राम जांचना है बस ?

फोटोग्राफी में हिस्टोग्राम के महत्त्व के ऊपर मैंने एक विस्तृत लेख लिखा है जिसे आप पढ़ सकते हैं |

हिस्टोग्राम के उपयोग से आप जान पाएंगे कि अपनी तस्वीरों में हर बार सही एक्सपोजर कैसे पायें |

एक्सपोजर कंपनसेशन क्या होता है | What is Exposure Compensation in Photography?

एक्सपोज़र कंपनसेशन

जब भी आप सेमी मैन्युअल यानि प्रोग्राम ऑटो, शटर या अपर्चर प्रायोरिटी मोड पर शूट करते हैं तब कभी कभी फोटो के कुछ हिस्सों में हमें सही एक्सपोजर नहीं मिल पता है |

इसका मतलब फोटो में कुछ हिस्से डार्क और कुछ बहुत ब्राइट आ रहे हों तब आपको क्या करना चाहिए ?

इसके लिए या तो आप मैन्युअल मोड चुने जिससे एक्सपोज़र ट्रायंगल के बाकी हिस्सों को भी आप कण्ट्रोल कर सकें |

अगर आप के पास समय की कमी है तब आप Exposure Compensation का प्रयोग कर सकते हैं |

आपके कैमरा में Exposure Compensation (±EV) डायल दिया होगा जिसको घुमा कर आप अपनी फोटो को ज़रुरत के हिसाब से ओवर या अंडर एक्सपोज़ कर सकते हैं |

ऊपर फोटो में देखें, अधिकतर कैमरा में एक्सपोजर कंपनसेशन -2 से लेकर +2 ही दिया रहता है पर कुछ एडवांस कैमरे में यह -5 से +5 तक दी जाती है |

कुछ ऐसे :

-2 . . 1 . . 0 . . + 1 . . +2

ध्यान दें –

सेमी ऑटो मोड पर आप अगर 0 से ऊपर जायेंगे (+) तब एक्सपोजर बढ़ता जायेगा और फोटो में ब्राइटनेस बढती जाएगी |

यदि आप 0 से नीचे जायेंगे (-) तब एक्सपोजर घटता जायेगा और फोटो में डार्कनेस बढती जाएगी |

अब आप पूछेंगे कि क्या मोबाइल फोटोग्राफी में भी एक्सपोजर बदला जा सकता है ?

जी बिलकुल,

इसके लिए आपको एक बार बस स्क्रीन पर टैप करना है, आपके पास एक स्लाइडर आ जायेगा (फोटो में देखें) |

मोबाइल कैमरा में एक्सपोज़र बढाने के लिए स्लाइडर को ऊपर (+) ले जाना है और घटाने के लिए स्लाइडर को नीचे (-) ले जाना है |

कुल मिलाकर…

एक्सपोजर फोटोग्राफी के दिल की धड़कन है और ज़ाहिर है इसीलिए इसे जानना बहुत ही ज़रूरी है |

उम्मीद करता हूँ आपको camera exposure पर यह बात-चीत ज़रूर पसंद आई होगी और आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिला होगा |

यह बात ध्यान रखें कि एक कैमरा कभी भी आपके दिमाग की कलात्मकता को नहीं समझ सकता और इसलिए कोई भी एक्सपोज़र परफेक्ट नहीं होता है |

यह आपके ऊपर ही है कि आप एक सूर्यास्त को और भी अंडर एक्सपोज़ कर अधिक ड्रामेटिक बनाना चाहते हैं या एक झरने के मोशन को ब्लर करना चाहते हैं, कैमरा यह नहीं जानता |

इसलिए सबसे ज़रूरी यह है कि आप एक्सपोजर ट्रायंगल को समझें और जाने कि इसे कैसे कण्ट्रोल किया जाता है |

फोटोग्राफी में यदि आपने बस यही सीख लिया तब तो आधी जंग आप वैसे ही जीत जायेंगे |

आगे हम शटर, अपर्चर और ISO के बारे में एक एक कर बहुत विस्तार से चर्चा करेंगे जिसे आपके लिए समझना बहुत ज़रूरी है |

आप हमें कमेंट करें और बताएं कि यह बेसिक फोटोग्राफी सेशन आपको कैसा लग रहा है और आप इसमें और क्या जानना चाहते हैं |

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