Best Camera Phone कैसे चुने | 15 शानदार टिप्स + 1 बोनस टिप

Last Updated on May 29, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव

बाज़ार में उपलब्ध इतने सारे स्मार्टफोन में सबसे अच्छा कैमरा वाला मोबाइल फोन चुनना क्या इतना कठिन है?

जी हाँ, उचित जानकारी के बिना सामान्य व्यक्ति के लिए यह वाकई एक मुश्किल काम है|

जैसे जैसे स्मार्टफोन कम्पनियाँ कैमरे के स्पेसिफिकेशन्स को बढ़ाती जाती हैं वैसे वैसे सभी जानना चाहते हैं कि कौन सा मॉडल बेहतरीन मोबाइल फोटोग्राफी कर सकता है?

यही नहीं, अगर आपसे कोई पूछ ले कि – तुम्हें कौन सा मोबाइल पसंद है, तब भी आप सोच में पड़ जायेंगे कि इसका जवाब क्या होगा ?

पर चिंता की कोई बात नहीं…..

हमारी इस बातचीत के बाद आप बड़ी ही आसानी से अपने लिए best camera phone चुन सकेंगे और यही नहीं अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को कीमती सलाह भी दे सकेंगे |

इस पोस्ट में हम यह भी बात करेंगे कि ऐसे कौन-कौन से फीचर है जो एक मोबाइल कैमरा को और भी बेहतरीन बनाते हैं|

आगे बढ़ने से पहले आप से अनुरोध है कि आप नीचे दिए गए पोल में हिस्सा ज़रूर लें  |

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सबसे अच्छा कैमरा वाला मोबाइल फोन कैसे चुने [15 + 1 टिप्स] | How to Select Best Camera Phone?

सबसे अच्छा कैमरा वाला मोबाइल फोन कैसे चुने [15 + 1 टिप्स] | How to Select Best Camera Phone?

क्या आप जानते हैं कि वह क्या कारण है जिसके कारण मोबाइल कम्पनियाँ हर साल नए -नए प्रोडक्ट्स लांच करती रहती हैं ?

बाकी सब हार्डवेयर में तो अधिक बदलाव देखने को नहीं मिलता पर हाँ वह मोबाइल कैमरे की क्वालिटी ही है जो हर साल अपग्रेड होती जा रही है |

इसका बड़ा कारण सोशल मीडिया जैसे फेसबुक या इंस्टाग्राम है जिसमे अनगिनत फोटोग्राफ्स की भरमार है और यही वह कारण है कि आज एक बहुत बड़ा वर्ग मोबाइल कैमरा और मोबाइल फोटोग्राफी का दीवाना है |

अगर आप सोच रहे है कि बेस्ट कैमरा वाला  मोबाइल कौन सा ले तो आपकी परेशानी का हल निकालते हुए  पेश है ये 15 कीमती टिप्स:

टिप # 1 : मोबाइल कैमरा का सेंसर साइज़ देखें मेगापिक्सल नहीं

बेस्ट कैमरा फोन खरीदने से पहले क्या आप सिर्फ कैमरे का मेगापिक्सल ही देखते हैं?

क्या आपको कोई कैमरा मोबाइल इसलिए पसंद आता है क्योंकि उसमें 12 मेगापिक्सल की बजाय 64 या 108 मेगापिक्सल का कैमरा है? 

हाँ यह बात ठीक है कि किसी फोटो को बड़े साइज़ का बनवाने और एडिटिंग में क्रॉप करने के लिए अधिक मेगापिक्सल का होना बेहतर है पर यह कोई स्टैण्डर्ड नहीं है |

क्या आपको पता हैं कि फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी फोटो अपलोड करने के लिए 3 मेगापिक्सेल से अधिक की आवश्यकता नहीं होती है |

वहीँ A4 आकार के फोटो प्रिंट करने के लिए आपको केवल 9 मेगापिक्सल की ही ज़रुरत होती है |

इसलिए मोबाइल कैमरा में मेगापिक्सेल की संख्या महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल एक बिंदु तक।

कैमरा फोन में सेंसर का क्या काम है?

mobile vs dslr sensor size

जिस प्रकार से एक प्रोसेसर किसी स्मार्टफ़ोन का दिल है ठीक उसी प्रकार सेंसर भी कैमरा का दिल है।

किसी सेंसर का काम होता है लेंस से भीतर आते हुए लाइट को इकठ्ठा कर एक बेहतरीन तस्वीर बनाना |

एक अच्छी तस्वीर के लिए बेहतर लाइट की जरूरत होती है और अगर सेंसर का साइज़ बड़ा है तब वह अधिक रोशनी लेकर बढ़िया फोटो बना सकता है |

किसी डीएसएलआर की अपेक्षा मोबाइल कैमरे का सेंसर आकार बहुत ही छोटा होता है |

इसलिए कैमरा फोन कम रोशनी में अच्छी तस्वीरें नहीं ले सकता और उसका डायनामिक रेंज भी कम होता है |

इस समस्या से निपटने के लिए सभी कंपनियों ने उसी छोटे सेंसर में अनगिनत पिक्सल्स को ठूंसना शुरू कर दिया जिससे मेगापिक्सल तो बढ़ गया पर सेंसर का आकार वही रहा |

यही कारण है कि अक्सर एक छोटे सेंसर का 64 MP का कैमरा, 12 MP के बड़े सेंसर वाले कैमरे से हमेशा पीछे रहता है।

उदहारण के लिए –

  • सैमसंग M23 में 0.25 इंच का सेंसर है|
  • सैमसंग S23 में 0.64 इंच का सेंसर है |
  • Mi नोट 10 प्रो में 0.75 इंच का सेंसर है |
  • iPhone 14 में 0.58 इंच का सेंसर है |

सो, अब आप कैसे पता करें कि आपके स्मार्टफ़ोन का सेंसर साइज़ क्या है?

इसके लिए आप उस मोबाइल कंपनी की वेबसाइट या फिर gsmarena पर जा सकते हैं |

टिप # 2 : ऑटोफोकस तकनीक पर ध्यान दें [PDAF या हाइब्रिड ऑटोफोकस चुनें] 

मोबाइल कैमरा

कुछ सालों पहले तक ऑटोफोकस केवल महंगे स्मार्टफोन कैमरों तक ही सीमित था परन्तु आजकल लगभग सभी कैमरा फोन ऑटोफोकस से लैस हैं |

आप देखेंगे कि कुछ मोबाइल कैमरा तुरंत ही फोकस लॉक कर एक शार्प फोटो दे देते हैं |

वहीँ कुछ ऐसे कैमरा फोन हैं जिनमे फोकस हंटिंग की समस्या रहती है |

इसी कारण ऐसे कैमरा मोबाइल किसी सब्जेक्ट पर पूरी तरह फोकस नहीं कर पाते और आख़िरकार तस्वीरें धुंधली आती हैं |

अपने मोबाइल कैमरा का ऑटोफोकस (AF) टेस्ट कैसे करें?

जब भी आप दुकान पर कैमरा फोन देखने जाएँ तब उसके कैमरा का ऑटोफोकस टेस्ट ऐसे करें:-

1. अपने कैमरा फोन की ऑटोफोकस स्पीड जानने के लिए बस अपने डिवाइस को एक बहुत ही करीबी वस्तु की ओर करें और देखें कि आपका मोबाइल कैमरा इसको सही ढंग से फोकस करने में कितना समय लगाता है।

2. जब फोकस सेट हो जाये तब तुरंत ही एक दूर की वस्तु को फोकस करें और देखें कि आपका स्मार्टफोन इस बदलाव (transition) से कैसे निपटता है ।

3. यदि आपके कैमरा फोन में ऑटोफोकस की गति धीमी है तब आपको धुंधली तस्वीर मिलेगी।

आजकल के सभी आधुनिक मोबाइल कैमरा ऑटोफोकस (AF) फीचर के साथ ही आते हैं, लेकिन बढ़िया रहेगा कि आप इसे डबल चेक कर लें ।

आजका सबसे अच्छा कैमरा वाला मोबाइल फोन इंटेलीजेंट फोकस सिस्टम जैसे face priority autofocus, smile detect autofocus और eye autofocus जैसे फीचर के साथ आ रहा जिसका चुनाव बेहतर रहेगा |

टिप # 3 : अपने कैमरा मोबाइल में रॉ (RAW) सपोर्ट ज़रूर देखें 

raw vs jpeg

आज लगभग सभी फ्लैगशिप कैमरा फोन रॉ सपोर्ट के साथ ही आ रहे हैं पर बात यह आती है कि यह रॉ वाकई में है क्या |

RAW का Hindi meaning होता है कच्चा या अनिर्मित |

RAW format विभिन्न कंपनियों का एक मालिकाना (Proprietary) फॉर्मेट है, जैसे .DNG (digital negative) एडोबी सिस्टम का फॉर्मेट है |

कैमरे के सेंसर से सीधे निकले हुए अविकसित (Unprocessed और Uncompressed) डाटा RAW फॉर्मेट में रखे जाते हैं इसलिए यह क्वालिटी में बेहतर होते हैं |

इस फॉर्मेट में ज़रुरत से अधिक डाटा होता है जैसे अधिक Bit Depth (Sharpness/Contrast) जिससे फोटो प्रोसेसिंग के बाद एक्सपोजर या रंग में हुई गलतियों को सुधारा जा सकता है|

यदि आप एडिटिंग में अच्छे हैं तब रॉ फॉर्मेट में खींची हुई तस्वीरों को आप सॉफ्टवेयर (जैसे एडोबी फोटोशॉप या लाइट रूम) के माध्यम से ‘कलर करेक्ट’ कर और बेहतरीन कर सकते हैं |

ज़्यादातर उपयोग होने वाली फोटो फॉर्मेट JPEG (जो एक कंप्रेस्ड फॉर्मेट है) से रॉ फॉर्मेट बहुत अधिक डाटा रखता है |

इसलिए रॉ में फोटो लेना हमेशा अच्छा माना जाता है खासकर यदि आपके पास DSLR कैमरा हो तब |

ध्यान दें, यदि आप फोटोग्राफी केवल सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए कर रहे हैं तब आपको अपने कैमरा फोन में रॉ सपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं होगी |

इसके अलावा रॉ  फॉर्मेट में  खींची हुई फोटो jpeg से लगभग 5–10 गुना अधिक मेमोरी खाती हैं ।

इसलिए अगर आपके फोन में मेमोरी की कोई समस्या है तब रॉ सपोर्ट का चुनाव ज़रूरी नहीं होगा |

टिप # 4 : मोबाइल कैमरा लेंस के फोकल लेंथ पर ध्यान दें [केवल कैमरा नंबर पर न जाएँ]

3 कैमरा वाला मोबाइल फोन

अगर आपसे कोई पूछे कि तुम्हें कौन सा मोबाइल पसंद है या फिर सबसे अच्छा कैमरा किस मोबाइल का है, तब आप क्या कहेंगे?

अरे ! यह तो बेस्ट कैमरा मोबाइल फोन होगा क्योंकि इसमें 4 कैमरा है |

क्या कैमरा फोन चुनते समय आप मल्टीप्ल कैमरा वाले मोबाइल को अधिक बेहतर मानते हैं ?

क्या आप अक्सर यही सोचते हैं कि फोन में जितना अधिक कैमरा होगा उतनी बढ़िया फोटो आयेगी |

काफी हद तक यह सही है पर पूरी तरह से नहीं |

कैसे?

आजकल सभी मोबाइल कैमरा चाहे वह साधारण ही क्यों न हों ड्यूल और ट्रिपल लेंस के साथ आ रहे हैं |

हमें पहले यह देखना होगा कि हम किस प्रकार की फोटोग्राफी करते हैं जैसे Portrait, Landscape, Long  Exposure, architecture इत्यादि |

फोटोग्राफी के हिसाब से ही फोकल लेंथ को देखते हुए बेस्ट कैमरा फोन का चुनाव करें |

यहाँ पर समस्या flagship smartphones (जैसे – iPhone 13/14, Samsung S22/23 आदि) के साथ नहीं है |

लेकिन कुछ औसत दर्जे के ऐसे स्मार्टफोन हैं जो अति साधारण ड्यूल या ट्रिपल कैमरा सेटअप तो चुनते हैं पर ज़रुरत से अधिक महंगे दिखाई देते हैं। 

ऐसा इसलिए क्योंकि केवल अधिक कैमरे जोड़ने से ही तस्वीर की क्वालिटी नहीं बढ़ती है |

टिप # 5 : मोबाइल कैमरे का अपर्चर (f) भी ध्यान में रखें 

मोबाइल कैमरा

बहुत ही सरल शब्दों में यदि कहें तो अपर्चर लेंस के भीतर का एक छेद है जिसके माध्यम से प्रकाश कैमरे के भीतर आता है |

आप इसकी तुलना अपनी आँखों से कर सकते हैं |

आजकल सब जगह यही सुनने को मिलता है कि मोबाइल कैमरा में जितना बड़ा अपर्चर या कम f नंबर हो वह उतना ही अच्छा वाला कैमरा फोन होता है |

ऐसा इसलिए क्योंकि अपर्चर बड़ा होने से अधिक रौशनी भीतर जाएगी और कम प्रकाश में भी बढ़िया तस्वीर मिलेगी |

इसके अलावा अपर्चर बड़ा होने के कारण पोर्ट्रेट्स में shallow depth of field भी मिलेगी जिसे बढ़िया बैकग्राउंड ब्लर आयेगा |

इसीलिए आजकल लगभग सभी स्मार्टफोन कम्पनियाँ अपने कैमरा फोन में f1.5 तक का अपर्चर दे रही हैं |

यदि मैं कहूं कि किसी भी DSLR या Mirrorless कैमरा लेंस के जैसे इन कैमरा फ़ोन लेंसों का अपर्चर वेरिएबल न होकर फिक्स्ड ही होता है तब आप क्या कहेंगे |

इसका मतलब यह हुआ कि ज़रुरत के हिसाब से आप अपर्चर को घटा बढ़ा नहीं सकते |

कम रौशनी के लिए बड़ा अपर्चर तो ठीक है पर समस्या यह है कि अधिक रोशनी में फोटो Overexposed  हो जाएगी और कम f नंबर  के कारण Sharpness  भी बढ़िया नहीं आयेगी  |

effect of f number on exposure

इसके लिए आप अलग अलग लेंस पर अलग अलग अपर्चर जरूर देखें |

टिप # 6 : Best Camera Phone के लिए फ़्लैश की क्वालिटी देखें [Dual Led या Xenon फ़्लैश अच्छे हैं] 

camera phone flash

सबसे अच्छा कैमरा वाला मोबाइल फोन चुनने के लिए फ़्लैश बहुत ही आवश्यक फीचर है |

इसका उपयोग हम कम रोशनी के साथ साथ अधिक चमकीली रोशनी में कर सकते हैं जब हमारा सब्जेक्ट अंडरएक्सपोज्ड हो |

हालांकि आजकल सभी कैमरा फोन कम से कम एक एल.ई.डी (लाइट एमिटिंग डायोड) फ़्लैश के साथ ही आते हैं |

पर इनकी परेशानी यह है कि पर्याप्त प्रकाश न फेंकने के कारण तस्वीरों में स्वाभाविक स्किन टोन बिगड़ जाता है और साथ ही रेड ऑय (red eye) की भी समस्या आती है |

इससे निपटने के लिए कुछ स्मार्टफोन कैमरा में ड्यूल एल.ई.डी (dual LED) फ़्लैश और उससे भी बेहतरीन ज़ेनॉन (Xenon) फ़्लैश का उपयोग होता है |

ज़ेनॉन फ़्लैश एक बेहतरीन विकल्प है पर एल.ई.डी फ़्लैश की अपेक्षा इसमें बैटरी की खपत ज़्यादा है |

मेरे हिसाब से फ़्लैश चाहे किसी भी प्रकार का हो पर इनका उपयोग बहुत ही सीमित रखें और अधिक से अधिक अपने आस पास की नेचुरल लाइट का ही उपयोग करें |

फ़्लैश की गुणवत्ता और दाम इस प्रकार रहेंगे – Xenon Flash > Dual LED Flash > Single LED Flash

टिप # 7 : Best Camera Phone लेने के लिए HDR फीचर जरूर देखें 

यहाँ HDR का full form है – High Dynamic Range |

जिस तरह से  हमारी आँखें एक्सपोज्ड और शैडो के बीच अंतर महसूस कर सकती हैं उसके उलट कैमरे का सेंसर इस बदलते हुए एक्सपोज़र को समझ नहीं पाता है |

इसी कारण से तस्वीरों में उजाले और अँधेरे के बीच का अंतर ख़त्म हो जाता है |

ऐसी दशा में या तो तस्वीर ओवरएक्सपोज्ड या फिर अंडरएक्सपोज्ड हो जाती हैं |

ऊपर दी गई तस्वीर में आसमान का रंग देखें जब एचडीआर मोड चालू नहीं है |

एचडीआर पहले  तो अलग अलग एक्सपोज़र सेटिंग के साथ एक ही सीन के कई  शॉट्स ले कर उस प्रकाश (Brightness) की आवश्यक सीमा को कैद करने में मदद करता है |

उसके बाद उन्हें इकठ्ठा कर के अंतिम तस्वीर का रूप देता है जिससे उजाले और अँधेरे के बीच का अंतर हमें स्पष्ट रूप से पता चल सके | 

लैंडस्केप फोटोग्राफी करने वालों के लिए कैमरा मोबाइल में एचडीआर फीचर का होना बहुत ज़रूरी है |

टिप # 8 : बेस्ट कैमरा फोन के लिए ऑप्टिकल जूम फीचर चुनें 

क्या आपको पता है कि ऑप्टिकल जूम और डिजिटल जूम मोबाइल फोन के साथ क्या करने में आपकी मदद करते हैं?

ज़ूम चाहे ऑप्टिकल हो या डिजिटल, यह तकनीक दूर की चीज़ों को आपके मोबाइल स्क्रीन पर पास लाकर दिखाता है |

पर क्या आप जानते हैं कि अधिकतर साधारण और मध्यम रेंज वाले मोबाइल कैमरा में हमें केवल डिजिटल ज़ूम ही मिलता है |

चूँकि साधारण मोबाइल कैमरे में ऑप्टिकल जूम न होकर सिर्फ डिजिटल जूम ही रहता है इसलिए ज़ूम करने से पिक्सल कम हो जाते हैं और फोटो अच्छी नहीं आती है |

जैसे नीचे वाली फोटो में देखें, यहाँ मैंने गुलाब के फूल को डिजिटल ज़ूम कर लिया है जिससे उसके पिक्सल दिखने लगे हैं |

rose flower

इसलिए डिजिटल ज़ूम की अपेक्षा ऑप्टिकल ज़ूम वाला कैमरा फोन चुनना बेहतर है |

आजकल अधिकतर कैमरा ऑप्टिकल ज़ूम फीचर के साथ आ रहे हैं तो आप इन्हें ही चुने | 

टिप# 9 :  मोबाइल कैमरा सेटिंग पर ध्यान दें [मैन्युअल मोड फीचर देखें] 

mobile camera manual setting

अधिकतर फोटो लेने के लिए हम ऑटो मोड का ही प्रयोग करते हैं पर शार्प फोटो के लिए मैन्युअल मोड बहुत ही उपयोगी है |

इसमें आप रौशनी के हिसाब से शटर, अपर्चर, ISO, वाइट बैलेंस या एक्सपोज़र से खेलकर एक बेहतर तस्वीर ले सकते हैं |

हांलाकि आज के अधिकतर कैमरा फोन वाकई इतने स्मार्ट हो चुके हैं कि इनमें तो AI (artificial intelligence) की मदद से ऑटो मोड में भी बढ़िया तस्वीरें आती हैं |

पर देखा जाये तो हर परिस्थिति के हिसाब से मैन्युअल मोड ही बेहतर है|

यदि आप मोबाइल फोटोग्राफी में थोड़ा भी सीरियस हैं तब आपको इस फीचर पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए |

टिप# 10 : इमेज स्टेबिलाइजेशन फीचर देखें [ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन (OIS) चुनें]

कई बार हमने देखा होगा कि कम लाइट में फोटो या वीडियो लेते समय तनिक धुंधलापन (blur) सा आ जाता है |

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कम रौशनी में कैमरा अपनी शटर स्पीड बहुत कम कर देता है जिससे भीतर अधिक लाइट आ सके और फ़ोटो अंडरएक्सपोज्ड न हो |

यदि इस दशा में हम tripod का उपयोग न कर केवल हाथों से ही फोटो खींच रहें हैं तब ज़रा सा भी हिलने से तस्वीरें धुंधली हो जाएँगी |

मोबाइल कैमरा में इमेज स्टेबिलाइजेशन
Dave.Hulick-Wikimedia

इसका समाधान है OIS (optical image stabilization) या EIS (electronic image stabilization) |

OIS लेंस से सम्बंधित है और यह कैमरे के सेंसर को छोटी से छोटी गति का पता लगते ही लेंस को गति के दूसरी दिशा में जाने का संकेत देता हैं जिससे इसका प्रभाव नष्ट हो जाये और तस्वीरें धुंधली नहीं हों |

यह लेंस से सम्बंधित है और बिना किसी काट छांट के स्मूथ फ़ोटो/विडियो देता है | 

आजकल काफी सारे फ्लैगशिप फोन मॉडल में इनका उपयोग होता है |

EIS का इस्तेमाल वीडियो में होता है और हिलने डुलने वाले प्रभाव को ख़त्म करने के लिए यह 10-25 % तक वीडियो को क्रॉप कर देता है जिससे फील्ड ऑफ़ व्यू छोटा हो जाता है |

इसका इस्तेमाल मध्यम रेंज के मोबाइल कैमरा फोन में किया जाता है |

स्टेबिलाइजेशन किसी भी प्रकार का हो पर यह ऐसा फीचर है जो एक अच्छा वाला कैमरा फोन लेने के लिए अति आवश्यक है |

टिप # 11 : कैमरा फोन के मैक्रो फोकस पर भी ध्यान दें 

कैमरा फोन चुनते समय हम ऑटोफोकस पर तो ध्यान देते हैं पर एक फीचर जिसपर हमारा ध्यान बिलकुल नहीं जाता वह है मैक्रो फोकस |

मैक्रो का मतलब है कि आप कितने पास से किसी सब्जेक्ट को फोकस कर सकते हैं और वह भी बिलकुल साफ़ ढंग से |

आम डीएसएलआर लेंसों के जैसे फ़ोन कैमरे पर इसकी कोई भी संख्या भी नहीं दी जाती है |

इसलिए आपको खुद ही चेक कर के देखना होगा कि हमारा स्मार्टफोन कैमरा कितने पास से फोकस कर सकता है |

यदि आप क्लोज अप फोटो खींचने में रूचि रखते हैं तब इस फीचर को नज़रंदाज़ न करें |

हांलाकि बाज़ार में आजकल कई थर्ड पार्टी मैक्रो लेंस भी मौजूद हैं जिनका प्रयोग किया जा  सकता है|

टिप # 12 : अपने स्मार्टफोन कैमरा में 360 डिग्री पैनोरमा फीचर देखें 

panorama in camera phone

आजके लगभग सभी सबसे अच्छे कैमरा वाले मोबाइल फोन पैनोरमा फीचर के साथ आ रहे हैं पर 360 डिग्री पैनोरमा इन सबसे कुछ अलग है |

आने वाला भविष्य है 360 डिग्री पैनोरमा का जिसमे ऐसी तस्वीरें होती हैं जो आपको एक ही स्थिति से किसी भी दिशा में चारों ओर देखने देती हैं (जैसे गूगल स्ट्रीट व्यू)।

iOS की अपेक्षा एंड्राइड इस फीचर में एक कदम आगे है क्योंकि गूगल के पिक्सेल और सैमसंग के कुछ हाई एंड स्मार्टफोन में यह इनबिल्ट है |

इसके अलावा बाकी एंड्राइड फ़ोन में इसे एक एप्प इनस्टॉल कर के पाया जा सकता है |

टिप #13 : 4K वीडियो रिकॉर्डिंग वाला मोबाइल कैमरा चुनें 

video resolution

फुल HD या 1080P अब गुजरे जमाने की बात हो गयी है और आज का वीडियो स्टैण्डर्ड है 4K या अल्ट्रा HD (UHD) |

जैसा कि नाम से पता चलता है, 4K में HD वीडियो की तुलना में काफी अधिक रिज़ॉल्यूशन होता है।

4K रिज़ॉल्यूशन में 3840 x 2160 पिक्सल होते है, जबकि फुल  HD में 1920 x 1080 पिक्सल |

इसका मतलब 4K वीडियो में अधिक डिटेल्स और बेहतरीन क्वालिटी होती है |

साधारण स्मार्टफोन कैमरा HD (720 P) या फिर फुल HD (1080 P) के साथ आते हैं जो ठीक है पर हो सके तो कम से कम फुल HD अवश्य चुनें |

वैसे रेड्मी नोट 7 प्रो/ सैमसंग M31 जैसे कई मध्यम रेंज के फोन भी 4K फीचर से लैस हैं |

पर आज के सैमसंग S22/23 और MI10 अल्ट्रा  जैसे कई स्मार्टफोन में 8K वीडियो भी आ चुका है जो 4K से भी ऊपर है |

टिप # 14 : बेहतर वीडियो फ्रेम रेट देखें, कम से कम  60 fps, 1080P चुनें

यदि आप मोबाइल वीडियोग्राफी के शौकीन हैं तब यह फीचर आपके लिए बहुत ही उपयोगी है |

फ्रेम रेट जिसे हम frame per seconds (fps)  के नाम से भी जानते हैं एक ऐसी आवृति (frequency) है  जिस पर किसी स्क्रीन पर अलग अलग तस्वीरें दिखाई जाती हैं |

सभी कैमरा फोन 30 fps पर विडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं जिसकी सेटिंग ‘बाई डिफ़ॉल्ट’ दी जाती है |

पर क्या आप जानते हैं कि 24 fps पर वीडियो शूट करने से एक बहुत ही अच्छा सिनेमेटिक लुक मिलता है |

फ्रेम रेट
Cburnett-wikimedia

24 fps वही फ्रेम रेट है जिससे हम इस दुनियां को देखते हैं |

इसलिए अधिकतर सिनेमा इसी फ्रेम रेट पर शूट किये जाते हैं और इसे सिनेमैटिक फ्रेम रेट कहा जाता है |

जब बहुत अधिक डिटेल की आवश्यकता होती है जैसे कोई खेल की शूटिंग, तब अधिक फ्रेम रेट (जैसे 60 fps) पर लेना बेहतर है |

सैमसंग S22/23 के सुपर स्लो मोशन 720P, 960 fps का तो जवाब ही नहीं है |

आजकल के स्मार्टफोन कैमरा 60 एफपीएस 4K से लेकर 240 एफपीएस FHD वीडियो शूट कर सकते हैं |

इसलिए हमारे पास अपनी कलाकारी दिखाने के मौके बहुतायत हैं |

टिप # 15 : अपना बजट फिक्स करें और उसके हिसाब से प्रोडक्ट रिव्यु  देखें

सबकी यही इच्छा होती है कि उसके पास सबसे अच्छा कैमरा वाला मोबाइल फोन हो जो सभी फीचर से लैस है |

इसके लिए हम नए से नया और महंगे से महंगा फोन खरीदने की होड़ में लगे रहते हैं |

यह जानते हुए कि यह तकनीक अगले साल ही पुरानी हो जाने वाली है |

अगर आपको लगता है कि आप पर्याप्त खर्च कर सकते हैं, तो आपके पास रुकने का कोई कारण नहीं है |

पर मुझसे पूछें तब मैं EMI पर एक महंगा फोन खरीदने का पक्षधर नहीं हूँ |

यहाँ पर आप स्मार्ट शॉपर बनें, उन फीचर पर क्यों पैसा ज़ाया करें जिनकी आपको कोई ज़रुरत नहीं |

आप पहले यह तयं करें की आपकी आवश्यकता क्या है और आप किस प्रकार की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी में रूचि रखते हैं |

यह हम सभी जानते हैं कि आज का फ्लैगशिप स्मार्टफोन छः महीने या उसका एक नया मॉडल आने के बाद काफी कम दाम में मिल जायेगा इसलिए ऐसा ही मॉडल चुनें |

ऐसा करने पर फीचर में बहुत बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा और कम दाम में हमारा काम भी  हो जायेगा |

camera phone कैसे चुने

अधिकतर लोगो को  बस फोटो क्लिक कर सोशल मीडिया पर अपलोड करना होता है |

इसके लिए बहुत हाई एंड फोन की आवश्यकता नहीं है और मध्यम रेंज के फोन से भी काम चल सकता है |

भारत में आजकल रेड्मी, रियल मी, ओप्पो, वीवो या हुआवे के फोन काफी अच्छे, फीचर से भरे हुए और सस्ते हैं |

अब जब आपको यह पता चल गया कि अच्छा वाला मोबाइल कैमरा चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना है पर आप अब भी कन्फ्यूज्ड हैं कि कौन सा मॉडल चुनें तब इसके लिए आपको असली समीक्षाओं यानि कि प्रोडक्ट रिव्यु को देखना या पढना पड़ेगा |

कई बार फ़ोन निर्माता असली कमियों को छिपा ले जाते हैं जिसका पता हमें प्रोडक्ट रिव्यु में मिल जाता है |

आप इन्टरनेट पर या फिर यू ट्यूब में  इसके बारे में देख सकते हैं और शो रूम पर जा कर भी पता कर सकते हैं |

टिप # 16 – मोबाइल कैमरे के बेहतरीन इस्तेमाल के लिए अच्छा हार्डवेयर चुने (बोनस टिप)

एक बढ़िया एंड यूज़र एक्सपीरियंस के लिए मोबाइल कैमरे को बेहतर कार्य करना होगा जिसके लिए बढ़िया हार्डवेयर भी चाहिए |

आइये इसके लिए कुछ बातों का ध्यान देते हैं  |

मोबाइल प्रोसेसर (Smartphone Processor)

मोबाइल प्रोसेसर

यह स्मार्टफोन का दिल है और कैमरे की बेहतर कार्यकुशलता के लिए इसका ठीक ढंग से कार्य करना ज़रूरी है |

इमेज प्रोसेसिंग में प्रोसेसर का बहुत बड़ा योगदान है और यदि यह बढ़िया कार्य नहीं करता तो इसका सीधा असर कैमरे की परफॉरमेंस पर पड़ेगा |

प्रोसेसर से ही यह निर्धारित होता है कि हमारा कैमरा कितना रेसोलुशन को सपोर्ट करता है |

आज के हिसाब से एप्पल A 15/16 बायोनिक (iPhone), स्नैपड्रैगन 8 Gen 1/2 (सैमसंग S22/23),  हाई एंड स्मार्टफोन के लिए बेहतरीन प्रोसेसर हैं |

स्नैपड्रैगन 750G/765G, Helio G99, Dimensity 820 मध्यम रेंज स्मार्टफोन के लिए अच्छा है |

मेमोरी और स्टोरेज 

एप्लिकेशन, ऑडियो, फोटो, वीडियो और अन्य फ़ाइलों की कुल संख्या आपके कैमरा स्मार्टफोन की मेमोरी क्षमता पर निर्भर करती है।

आज के साधारण स्मार्टफोन भी कम से कम 4-6 GB  रैम और 64 GB इंटरनल मेमोरी के साथ आ रहे हैं जिसे आप अलग से मेमोरी कार्ड लगा कर बढ़ा भी सकते हैं  |

अभी के लिए 6-8 GB रैम और 128-256 GB इंटरनल मेमोरी वाला स्मार्टफोन एक बेहतर विकल्प हो सकता है |

बैटरी 

अगर आप चाहते हैं कि आपके लम्बे समय तक मोबाइल फोटोग्राफी करते रहें तब आपको बैटरी पर ज़रूर ध्यान देना होगा |

मल्टी कैमरा, 4K वीडियो, बड़ी स्क्रीन  और अधिक प्रोसेसिंग पॉवर के कारण आपके फोन की बैटरी जल्दी ख़तम होने लगती है |

इस बात को ध्यान में रखते हुए आप 5000 mAh या इससे ऊपर की बैटरी का चुनाव करें तो बेहतर रहेगा |

और अंत में …

कुल मिला कर देखा जाये तब यह हमारी आवश्यकताओं पर ही निर्भर करेगा कि हमें किस प्रकार का मोबाइल कैमरा लेना चाहिए |

सबसे अच्छा कैमरा वाला मोबाइल फोन चुनने के लिए हमें अपने आप से ही कुछ प्रश्न पूछने होंगे जैसे  :-

  • क्या मैं सेल्फी का शौकीन हूँ?
  • मुझे कहीं वीडियो शूटिंग तो पसंद नहीं?
  • क्या मुझे लैंडस्केप फोटोग्राफी पसंद है या फिर पोर्ट्रेट?
  • कहीं मुझे फोटो बड़े आकार में प्रिंट कराने हैं या फिर फिर मैं उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर के ही खुश हूँ ?
  • मेरा बजट कहाँ तक है ?
  • मैं फोटोग्राफी के लिए कहाँ तक सीरियस हूँ ?

यही सब सवाल आपको आपने आप से पूछने होंगे और वो भी कोई कैमरा फोन चुनने से पहले |

इसी प्रकार से आप बेस्ट कैमरा फोन बड़ी सफलता से चुन पाएंगे |

हमें कमेंट कर के बताएं कि आपको यह लेख (How to select the best camera phone) कैसा लगा और आप मोबाइल कैमरा के बारे में और क्या जानकारी चाहेंगे?

इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे सभी इसका लाभ ले सकें |

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16 thoughts on “Best Camera Phone कैसे चुने | 15 शानदार टिप्स + 1 बोनस टिप”

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      सही कहा आपने | यह मेगापिक्सेल के कारण सस्ता या महंगा नहीं होता है | मेगापिक्सेल से कैमरे की क्वालिटी पर ख़ास असर नहीं होता | हम आगामी पोस्ट में इसके बारे में चर्चा करेंगे |

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  5. Quickbooks 2019

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    1. अनुपम श्रीवास्तव

      रामप्रसाद जी हमारे और आपके ब्लॉग निच अलग अलग हैं | ऐसे बैकलिंक का कोई फायदा नहीं है | आभार विजिट करने के लिए

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