Last Updated on May 22, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव
Multi camera Smartphone का मतलब है ऐसे स्मार्टफोन जिनमें एक से ज्यादा कैमरा हों जैसे ड्यूल, ट्रिपल या क्वाड कैमरा फोन |
क्या आप कुछ ऐसा ही स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे हैं पर कन्फ्यूज्ड हैं कि इतने कैमरे में से मेरे काम का कौन सा है?
आप कहीं यह तो नहीं सोच रहे कि मेगापिक्सल के जैसे किसी फोन में जितना अधिक कैमरा होगा वह उतना ही बढ़िया फोटो खींच पाएगा |
मोबाइल कैमरा की दुनियाँ में कुछ सालों पहले तक जो मेगापिक्सल की लड़ाई थी वह आज आकर एक से अधिक या यूँ कहें multi camera पर आ कर सिमट गयी है |
यह जानते हुए भी कि मेगापिक्सल बढ़ने से फोटो की क्वालिटी पर असर नहीं पड़ता है (यदि हमें बहुत बड़े प्रिंट न लेने हों) मोबाइल कम्पनियाँ सालों तक इस शब्द को भुनाती रहीं और इसमें सफलता भी पायी |
आज की हलचल या यूँ कहें बज़ वर्ड है “बैकग्राउंड ब्लर” जिसके पीछे सभी भाग रहे हैं और ऐसा मान चुके हैं कि यदि ड्यूल, ट्रिपल या अधिक कैमरा वाला मोबाइल हमारे पास है तो हम भी किसी डीएसएलआर की तरह ही फोटो खींच सकते हैं |
पर क्या यह वाकई सही है?
क्या हमने कभी सोचा कि ड्यूल, ट्रिपल या क्वाड लेंस सेटअप से हमारी तस्वीरों में क्या-क्या अंतर आ सकता है?
क्या हमने कभी विचार किया कि अलग से एक, दो या तीन लेंस जोड़ने पर हमारे फोटो एक लेंस वाले कैमरे से और कितने बेहतर हो सकते हैं ?
यहाँ हम किसी विशेष स्मार्टफोन ब्रांड की सिफारिश न करते हुए इनका उपयोग सिर्फ उदहारण के तौर पर ही करेंगे और जानेंगे कि मल्टी कैमरा फोन में एक से अधिक कैमरे का क्या काम होता है?
Multi Camera स्मार्टफोन का इतिहास?
एक से अधिक कैमरा वाले स्मार्टफोन ने आज के समय में एक गहरी पैठ बना ली है |
ऐसा नहीं है कि यह तकनीक बिलकुल नई है क्योंकि बीते सालों कि बात करें तो 2011 में HTC EVO 3D में हमें दो लेंस वाला कैमरा देखने को मिला था |
हांलाकि इसमें दूसरे कैमरे का उपयोग केवल 3D फ़ोटो खींचने के लिए ही था |
इसके बाद 2014 में HTC ने ही One M8 नाम का स्मार्टफ़ोन Dual lens के साथ बाजार में उतारा |
इसमें 4 मेगापिक्सेल के दो कैमरे थे और दूसरा कैमरा डेप्थ सेंसिंग का काम करता था |
12 और 16 मेगापिक्सेल के ज़माने में 4 मेगापिक्सेल वाला UltraPixel concept (27mm, 1/3″ सेंसर, 2µm के pixel – बड़ा पिक्सेल आकार मतलब कम नॉइज़ और बेहतर डायनामिक रेंज) अधिकतर लोगों को समझ नहीं आया |
लेकिन तब तक ड्यूल कैमरा मोबाइल मशहूर हो चुका था और आने वाले कुछ सालों में कैमरे की संख्या बढती ही रही |
आज इन कंपनियों ने सबको यही सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जितना ज़्यादा कैमरा उतना ही बेहतर मोबाइल फोटोग्राफी |
एक से अधिक कैमरों के लिए कम्पनियाँ प्रीमियम दाम भी लेती हैं पर यहाँ हमें यह देखना होगा कि बिना कुछ सोचे समझे हम भी इस अंधी दौड़ में शामिल हो जाएँ या नहीं |
यह सही है कि जहाँ एक ओर multi camera मोबाइल फोन एक बढ़िया रिजल्ट दे सकते हैं, वहीं पिक्सल साइज़, सेंसर साइज़ , अपर्चर और यहां तक की पोस्ट प्रोसेसिंग जैसे कई अन्य फैक्टर भी अंतिम परिणाम में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। |
मोबाइल कैमरा कितने प्रकार के होते हैं | Type of Smartphone Camera?
मल्टी कैमरा स्मार्टफोन में पहला एक मुख्य, प्राइमरी या रियर और बाकी सेकेंडरी कैमरा/कैमरे होते हैं |
- Rear camera meaning in Hindi – मोबाइल के पीछे वाला कैमरा
- Primary camera meaning in Hindi – मुख्य कैमरा जो बढ़िया क्वालिटी का होता है और मोबाइल के पीछे दिया जाता है |
- Multi camera meaning in Hindi – एक से अधिक कैमरा
सभी कैमरा फोन में मुख्य या स्टैण्डर्ड कैमरा ही ऐसा है जो वाइड एंगल है और बिना ज़ूम किये बढ़िया तस्वीर ले सकता है |
सेकेंडरी कैमरा का उपयोग हम अलग अलग कामों और अलग अलग प्रकार की फोटोग्राफी के लिए कर सकते हैं |
प्राइमरी और सेकेंडरी कैमरा मिलकर कोई स्मार्टफोन ड्यूल, ट्रिपल या क्वाड कैमरा स्मार्टफोन कहलाता है |
- Dual camera means in Hindi – दो कैमरा वाला स्मार्टफोन
- Triple camera means in Hindi – तीन कैमरा वाला मोबाइल फोन
- Quad camera meaning in Hindi – चार कैमरा वाला स्मार्टफोन
मल्टी कैमरा फोन में सेकेंडरी कैमरा इस प्रकार के होते हैं :–
1. टेलीफोटो (जिसे हम ज़ूम भी कहते हैं)
2. डेप्थ सेंसर
3. अल्ट्रा वाइड
4. मोनोक्रोम (ब्लैक एंड वाइट)
5. मैक्रो
6. टीओऍफ (TOF)
7. पेरिस्कोप
8. AI /AR कैमरा
अधिकतर क्वाड कैमरा मोबाइल फोन में सभी तरह की फोटोग्राफी के लिए अलग अलग प्रकार के कैमरा दिए जाते हैं जैसे वाइड एंगल, टेलीफोटो (ज़ूम), अल्ट्रा वाइड एंगल और मैक्रो कैमरा| |
Multi Camera स्मार्टफोन में सभी कैमरों का काम क्या है?
आइये जानते हैं कि एक मल्टी कैमरा मोबाइल फोन में सभी प्रकार के कैमरों का क्या काम होता है ?
टेलीफोटो कैमरा क्या होता है | What is a Telephoto Camera in Mobile Phone?
मोबाइल फोन के रियर यानि पीछे दिए गए टेलीफोटो कैमरा में टेली (Tele) का मतलब दूरी से होता है |
- Telephoto Camera meaning in Hindi – दूर की फोटो लेने वाला कैमरा
सामान्य बोलचाल की भाषा में टेलीफोटो को ज़ूम भी कहते हैं यानि अगर आपके फोन में यह कैमरा है तब आप बैठे बैठे ज़ूम भी कर सकते हैं |
टेलीफोटो कैमरा की कुछ खूबियाँ | Pros Of Telephoto Mobile Camera
आइये जानते हैं टेलीफ़ोटो कैमरा लेंस की कुछ खूबियों के बारे में ;
1. दूर की फोटो लेने की सुविधा
सामान्य डिजिटल कैमरा में तो ऑप्टिकल ज़ूम की सुविधा होती है जिससे हम दूर की फ़ोटो भी बिना किसी क्वालिटी खोये खींच सकते हैं |
पर अब तक यह सुविधा स्मार्टफोन में नहीं थी और दूर की फ़ोटो लेने के लिए हमें डिजिटल ज़ूम करना पड़ता था जिससे फोटो क्वालिटी पर असर पड़ता था |
आजकल बहुत सारे ऐसे कैमरा फोन हैं जिनमें सेकेंडरी टेलीफोटो लेंस प्राइमरी लेंस से लगभग दोगुने, तिगुने या अधिक फोकल लेंथ का होता है |
इसी के कारण ही हमें 2X, 3X या 5X जैसा ऑप्टिकल ज़ूम मिल जाता है और बिना क्वालिटी खोये हम बढ़िया फोटो खींच सकते हैं |
उदहारण के लिए iPhone 12 प्रो (क्वाड कैमरा सेटअप) को लें जिसमे सेकेंडरी लेंस प्राइमरी लेंस से लगभग दोगुने फोकल लेंथ का होता है जिससे 2X ऑप्टिकल ज़ूम बढ़िया क्वालिटी का मिलता है |
iPhone 12 प्रो – 12 MP, f/1.4, 26mm (वाइड)
12 MP, f/2, 52mm (टेलीफोटो)
2. बढ़िया पोर्ट्रेट और बैकग्राउंड ब्लर
ज़ूम के अलावा भी टेलीफ़ोटो कैमरा बेहतर पोर्ट्रेट भी लेता है |
पोर्ट्रेट मोड पर टेलीफोटो कैमरा हरकत में आ जाता है और लम्बी फोकल लेंथ के कारण बहुत अच्छी डेप्थ ऑफ़ फील्ड मिलती है |
इससे बढ़िया बैकग्राउंड ब्लर भी होता है और फोटो बेहतर आती है |
टेलीफोटो कैमरा की कुछ कमियां | Cons Of Telephoto Mobile Camera
आइये जानते हैं टेलीफ़ोटो कैमरा लेंस की कुछ कमियों के बारे में ;
1. टेलीफोटो लेंस का कम अपर्चर
टेलीफ़ोटो लेंस का अपर्चर, मुख्य लेंस के अपर्चर से कम होता है जैसे ऊपर देखें, iPhone 12 प्रो में यही f/2 है |
इसका मतलब ज़ूम करने पर कम रोशनी भीतर जाएगी जिससे फोटो में अँधेरा आयेगा |
नीचे iPhone X से खींची तस्वीर देखें, 2X ज़ूम पर कम रोशनी भीतर जाने के कारण फोटो तनिक अंडरएक्सपोज हो गयी है |
कुछ स्मार्टफोन तो कम प्रकाश में टेलीफोटो कैमरा का प्रयोग ही नहीं करते और प्राइमरी लेंस का ही उपयोग डिजिटल ज़ूम में करते हैं जिससे फोटो में नॉइज़ की समस्या आ जाती है |
2. टेलीफोटो लेंस में OIS का न होना
बहुत से स्मार्टफोन में ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन (OIS) की खूबी सेकेंडरी लेंस (टेलीफोटो) में नहीं होती है |
इसी कारण से अगर हम ज़ूम करते हैं तो थोड़ा भी हिलने की वजह से फोटो धुंधली हो जाएगी |
यह तो ठीक भी है पर Redmi Note 8/9 Pro जैसे स्मार्टफोन में किसी भी लेंस में OIS नहीं है और कुछ स्मार्टफोन जैसे iPhone 12/13, Samsung S21/22 के दोनों लेंसों में OIS मौजूद है |
डेप्थ सेंसर कैमरा क्या होता है | What is a Depth Camera in Mobile?
कुछ फ्लैगशिप फोन जैसे एप्पल या सैमसंग को छोड़कर अधिकतर स्मार्टफोन आज कल डेप्थ सेंसर कैमरा सेटअप के साथ आ रहे हैं और कम दाम में भी उपलब्ध हैं |
Depth camera का मुख्य काम सब्जेक्ट और बैकग्राउंड के बीच के डेप्थ ऑफ फील्ड को नापकर उसे आउट ऑफ़ फोकस करना होता होता है |
- Depth Sensor camera meaning in Hindi – ऐसा कैमरा जो डेप्थ ऑफ़ फील्ड यानि सब्जेक्ट और बैकग्राउंड के बीच फर्क कर सके और बैकग्राउंड ब्लर करने में सहायता करे |
अधिकतर डेप्थ सेंसर कैमरा को पोर्ट्रेट मोड में उपयोग किया जाता है और यह प्राइमरी कैमरा से कम मेगापिक्सल का होता है |
डेप्थ कैमरा की कुछ खूबियाँ | Pros Of Depth Camera in Mobile
आइये जानते हैं depth camera की कुछ खूबियों के बारे में ;
1. फोटो के बैकग्राउंड और फोरग्राउंड में अंतर
जब आप फोटो खींचते हैं तब एक समय में ही प्राइमरी और सेकेंडरी डेप्थ सेंसर कैमरा हरकत में आ जाते हैं |
तब सब्जेक्ट के बैकग्राउंड और फोरग्राउंड की दूरी को तंय कर सॉफ्टवेयर द्वारा यह पता लगाया जाता है की कौन सा हिस्सा फोकस में रखना है और कौन सा ब्लर करना है |
डेप्थ सेंसिंग कैमरा फ़ोन आज के मानक बन चुके हैं |
Xiaomi Redmi Note 8 – 2 MP, f/2.4, depth sensor
डेप्थ कैमरा की कुछ कमियां | Cons Of Depth Camera in Mobile
आइये जानते हैं depth camera की कुछ कमियों के बारे में ;
1. साधारण डेप्थ सेंसर कैमरा से बैकग्राउंड ब्लर बेहतर नहीं
बेहतर पोर्ट्रेट (जैसा कि सभी प्रचार करते हैं) के लिए पीछे का हिस्सा ब्लर होना चाहिए सो डेप्थ सेंसर कैमरा सेटअप में सॉफ्टवेयर की मदद से सब्जेक्ट के पिछले हिस्से को धुंधला कर दिया जाता है |
चूँकि यह काम सॉफ्टवेयर से होता है इसलिए यह काफी नक़ली जैसा ही लगता है |
नीचे दी गयी तस्वीरों में Huawei 7X ( ड्यूल लेंस) और Samsung S7 Edge (सिंगल लेंस) के बीच का अंतर देखें |
दोनों तस्वीरें पोर्ट्रेट मोड में ली गयीं हैं, हांलाकि Samsung S7 Edge का बैकग्राउंड ब्लर थोड़ा हल्का है पर असली जैसा लगता है |
अपेक्षाकृत Huawei 7X के जिसमे अधिकतर हिस्सा आउट ऑफ़ फोकस और धुंधला हो गया है |
हांलाकि आज की तकनीक इतनी आगे बढ़ गयी है कि साधारण multi camera स्मार्टफोन को छोड़कर फ्लैगशिप कैमरा फोन बिना डेप्थ सेंसर के ही बढ़िया बैकग्राउंड ब्लर देते हैं |
2. डेप्थ सेंसर कैमरा का कोई विशेष उपयोग नहीं
चूँकि आजकर ड्यूल, ट्रिपल, क्वाड या उससे अधिक कैमरा वाले मोबाइल कैमरा चलन में है इसलिए कम दाम वाले स्मार्टफोन इनका बहुतायत में प्रयोग कर रहे है और कायदे से देखा जाये तो इनका कुछ भी उपयोग नहीं है |
सिर्फ पोर्ट्रेट छोड़कर यह डेप्थ सेंसिंग कैमरा न तो ज़ूम हो सकते हैं और न ही वाइड एंगल शॉट्स ले सकते हैं |
कुछ कम दाम वाले स्मार्टफोन में तो दूसरा लेंस सिर्फ दिखावे के लिए ही लगाया जाता है और उनका कुछ भी काम नहीं रहता है |
कम बजट वाले कैमरा फोन में ड्यूल, ट्रिपल और क्वाड लेंस का प्रयोग आजकल आम हो चुका है |यहाँ पर समस्या किसी फ्लैगशिप ब्रांड के साथ नहीं है, लेकिन ऐसे बहुत से औसत दर्जे के मोबाइल हैं जो बहुत ही साधारण multi camera सेटअप दिखावे के लिए तो चुनते हैं पर ज़रुरत से ज्यादा महंगे दिखाई देते है | |
अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा क्या होता है | What is Ultra Wide Camera in Mobile?
सालों से सारे स्मार्टफोन 24 से 28 mm कैमरा लेंस के साथ आते थे जिसे नार्मल वाइड एंगल कैमरा लेंस भी कहते हैं |
पर बीते कुछ समय से ऐसे स्मार्टफोन भी आ रहे हैं जो अल्ट्रा वाइड एंगल का प्रयोग करते हैं|
- Ultra Wide camera meaning in Hindi – ऐसा कैमरा जो साधारण से अधिक चौड़ी फोटो ले सकता है
अल्ट्रा वाइड कैमरा की कुछ खूबियाँ | Pros Of Ultra Wide in Mobile
अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा से अत्यधिक चौड़ी फोटो खींची जा सकती है जो आम कैमरे से संभव नहीं |
ऐसे कैमरे की मदद से आप लैंडस्केप, ग्रुप फोटो, आर्किटेक्चर फोटो इत्यादि खींच सकते हैं और आपका सब्जेक्ट बिना कटे पूरे फ्रेम में आयेगा |
सन 2016 में LG ने G5 स्मार्टफोन बाज़ार में उतारा जिसमे 9 mm का अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस और 135 डिग्री का फील्ड ऑफ़ व्यू था |
हांलाकि G5 में तस्वीर वाइड एंगल पर तनिक खिंची हुई सी लगती थी और उसके कोने भी थोड़े गोल से लगते थे जिससे फिश ऑय इफ़ेक्ट कहते हैं |
पर इसके बाद 2017 के बाद में आये स्मार्टफोन में ये समस्या बहुत हद तक दूर कर दी गयी |
यह एक नया प्रयोग है और आपकी फोटोग्राफी को एक नया आयाम देता है जिसे आपको ज़रूर ट्राई करना चाहिए |
इस प्रकार के कैमरों के कुछ और उदहारण हैं –
अल्ट्रा वाइड कैमरा की कुछ कमियां | Cons Of Ultra Wide Camera in Mobile
आइये जानते हैं Ultra wide angle camera की कुछ कमियों के बारे में ;
1. सेकेंडरी सेंसर का कम रेसोलुशन /अपर्चर
अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा वाले साधारण स्मार्टफोन में सेकेंडरी सेंसर का रेसोलुशन/मेगापिक्सल प्राइमरी से कम होता है जिससे तस्वीरें अच्छी नहीं आतीं ख़ास कर कम रौशनी में |
अगर फ्लैगशिप स्मार्टफोन की बात करें तो LG V30 या एप्पल के अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा मेगापिक्सल में बहुत अधिक अंतर नहीं है इसलिए इसका परिणाम काफी अच्छा है |
इसके अलावा सेकेंडरी सेंसर का अपर्चर भी कम होता है जिससे कम प्रकाश ही भीतर जा पाता है |
2. वाइड एंगल लेंस का उपयोग सिर्फ ख़ास तरह की फोटोग्राफी के लिए
जैसे मैंने पहले बताया हमें पहले यह देखना होगा कि हम किस प्रकार की फोटोग्राफी करते हैं जैसे पोर्ट्रेट, लैंडस्केप, आर्किटेक्चर इत्यादि उसी हिसाब से ही स्मार्टफोन का चुनाव करें |
इस प्रकार के कैमरे से बहुत वाइड शॉट्स लिए जा सकते हैं जो लैंडस्केप या ग्रुप शॉट्स फोटोग्राफी के लिए बेहतर हैं |
अगर आप पोर्ट्रेट शूट करते हैं तब कोई दूसरा मोबाइल कैमरा तलाशना होगा |
3. तस्वीरों के कोने में घुमाव
घुमाव या distortion की समस्या अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा में बहुतायत में पायी जाती है |
हांलाकि एक बेहतर फ्लैगशिप कैमरा फोन इस समस्या से काफी हद तक निज़ात दिला सकता है |
Multi camera स्मार्टफोन में मोनोक्रोम लेंस क्या होता है | Monochrome Lens Camera in Mobile?
मोनोक्रोम कैमरा एक ऐसा कैमरा होता है जो केवल ब्लैक एंड वाइट ही शूट कर सकता है |
फोन का प्राइमरी कैमरा सेंसर जो एक RGB सेंसर है रंगीन चित्र लेता है और फिर कैमरा सॉफ्टवेयर इन दो चित्रों (रंगीन और ब्लैक एंड वाइट) को जोड़कर एक बेहतर तस्वीर बनता है |
2016 में Huawei ने P9 में इस प्रकार के लेंस की शुरुआत Leica के साथ मिल का की थी पर आजकल इसका उपयोग न के बराबर होता है |
मोनोक्रोम कैमरा लेंस में कलर फ़िल्टर न होने की वजह से यह अधिक प्रकाश कैप्चर कर सकता है जिससे तस्वीरों में कम रोशनी में भी नॉइज़ की समस्या नहीं रहती है |
इन कैमरों में ब्लैक एंड वाइट फोटो बहुत ही अच्छे आते हैं |
कुछ उदहारण हैं –
Huawei P10 – 20 MP B/W, f/1.8
Huawei P20 Pro – 20 MP B/W, f/1.6, 27mm
मैक्रो कैमरा क्या होता है | What is Macro Camera in Mobile?
बहुत ही साधारण शब्दों में कहें तब मैक्रो का अर्थ है – बिलकुल ही निकट से फोटोग्राफी या एक्सट्रीम क्लोज़ अप |
इसके लिए कुछ ख़ास लेंस होते हैं जिन्हें मैक्रो लेंस कहा जाता है और यह आजकल मोबाइल के लिए भी आते हैं |
- Macro camera meaning in Hindi – ऐसा कैमरा जो बहुत पास की साफ़ तस्वीर ले सके |
मैक्रो फ़ोटोग्राफ़ी छोटे -छोटे विषयों जैसे कीड़े मकोड़े, फूल इत्यादि की क्लोज-अप फ़ोटोग्राफ़ी होती है जो फ़ोटो खींचने के बाद बहुत बड़े से दिखते हैं |
चूँकि इस प्रकार का कैमरा बहुत पास से फोटो लेने के लिए काम मे आता है इसलिए मैक्रो कैमरा कमाल का है और आपके स्मार्टफोन में यह फीचर होना जरूरी है |
जैसे ऊपर की फोटो देखें जिसमें मैंने मैक्रो लेंस से एक संतरे की फोटो ली है जिसमें आप साफ साफ़ उसमें भरे उसे रस को देख सकते हैं |
टीओऍफ कैमरा क्या होता है | What is a TOF Camera in Mobile Phone?
TOF का फुल फॉर्म होता है टाइम ऑफ़ फ्लाइट और यह नई तकनीक आजकल के फ्लैगशिप स्मार्टफोन में दो जा रही है |
जैसा मैंने ऊपर डेप्थ सेंसर कैमरा के बारे में बताया था जो सब्जेक्ट से बैकग्राउंड की दूरी कैलकुलेट करता है ठीक उसी प्रकार से और अधिक एडवांस ढंग से TOF कैमरा काम करता है |
टीओऍफ (TOF) कैमरा न दिखने वाली इन्फ्रारेड किरणें छोड़कर यह देखता है कि सब्जेक्ट से उसे वापस आने में कितना समय लगता है |
फिर इसका सॉफ्टवेयर यह कैलकुलेट करता है कि कि डेप्थ ऑफ़ फील्ड कितना रखना है जिससे आपके सब्जेक्ट का बैकग्राउंड बढ़िया ढंग से ब्लर हो |
यह एक एडवांस तकनीक है जिसका रिजल्ट डेप्थ सेंसर से अधिक बढ़िया मिलता है |
TOF कैमरा सेंसर का उपयोग डेप्थ सेंसिंग के अलावा ऑब्जेक्ट स्कैनिंग, पहचान, ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग, नेविगेशन और अल्टीमीटर के लिए भी किया जा सकता है|
Multi Camera स्मार्टफोन में पेरिस्कोप कैमरा क्या होता है | What is a Periscopic camera?
Periscope meaning in hindi – परिदर्शी मतलब जिसकी मदद से चारों ओर देखा जा सके |
पेरिस्कोप कैमरा एक शानदार नयी तकनीक है जिसका उपयोग बड़े और फ्लैगशिप फोन में किया जा रहा है |
पेरिस्कोप कैमरा में एक प्रिज्म की मदद से और बड़ा ज़ूम जैसे 4X, 6X या 10X पाया जा सकता है जो टेलीफोटो लेंस से संभव नहीं है |
यदि बड़े ज़ूम के लिए बड़ा फोकल लेंथ का उपयोग करेंगे तब लेंस का आकार बढ़ाना पड़ेगा जो एक स्मार्टफोन के लिए संभव नहीं इसलिए पेरिस्कोप डिजाईन में छोटे लेंस में ही काम चल जाता है |
जैसे सैमसंग S20 अल्ट्रा और हुअवेइ P40 प्रो का यह कैमरा स्पेसिफिकेशन देखें –
48 MP, f/3.5, 103mm (पेरिस्कोप टेलीफोटो), 4x ऑप्टिकल ज़ूम
12 MP, f/3.4, 125mm (पेरिस्कोप टेलीफोटो), 5x ऑप्टिकल ज़ूम
AI कैमरा क्या होता है | What is an AI/AR Camera in Smartphone?
AI का मतलब है आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स या कृत्रिम बुद्धिमत्ता
AR का मतलब है ऑगमेंटेड रियलिटी यानि संवर्धित वास्तविकता
- AI camera meaning in Hindi – आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स या कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त कैमरा जो अधिकतर निर्णय परिस्थिति के हिसाब से खुद ले सके
आजकल सभी मोबाइल कैमरे AI तकनीक के साथ ही आ रहे हैं जो फेस डिटेक्शन, पोर्ट्रेट में कोनों को पहचानना, प्रोफाइल में रंग सुधारना, त्वचा को स्मूथ बनाना, इमेज बैलेंस, कलर डेप्थ, एक्सपोजर करेक्शन और अन्य कई तरह के काम करते हैं |
एआई कैमरा आमतौर पर सामने वाले सब्जेक्ट का पता लगाता है और फिर सॉफ्टवेयर एल्गोरिथम और मशीन लर्निंग के द्वारा बेहतरीन फोटो की रचना करता है |
साधारण कैमरा फोन में भी AI कैमरा होता है पर वह बहुत ही साधारण कार्य करता है वहीँ एक फ्लैगशिप फोन जैसे एप्पल या सैमसंग में यह तकनीक बहुत ही एडवांस होती है |
AI कैमरा तस्वीरों के अलावा भी वीडियो में भी काम करता है और सॉफ्टवेयर की मदद से यह वीडियो के बैकग्राउंड को भी ब्लर करता है |
Multi camera Smartphone खरीदने से पहले क्या देखें?
1. फोटोग्राफी भी अनेकों प्रकार की होती है जैसे पोर्ट्रेट, लैंडस्केप, स्ट्रीट, नाईट, स्पोर्ट्स, वाइल्डलाइफ, मैक्रो इत्यादि |
आपको सबसे पहले यह देखना है कि आपकी रूचि किसमे है और कैमरे के कौन से फ़ीचर की ज़रुरत है |
रोज़मर्रा की साधारण फ़ोटोग्राफ़ी के लिए एक ठीक-ठाक ड्यूल लेंस वाला कैमरा ही काफी है |
2. शोरूम में जाकर कैमरे का प्रदर्शन देखें। सभी शूटिंग मोड्स का प्रयोग करें | जब पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएँ तभी निर्णय लें |
3. यदि आप ऑनलाइन ऐसा कोई स्मार्टफ़ोन खरीद रहे हैं, तो इसे खरीदने से पहले फ़ोन के बारे में समीक्षा ज़रूर पढ़ें।
यदि आपके किसी मित्र के पास यही फ़ोन है तो पहले उसका उपयोग कर के देख लें |
4. यदि कैमरे से जुडी हुई किसी भी तकनीक या भाषा को समझने में समस्या हो रही हो किसी ऐसे व्यक्ति से पूछें जो यह तकनीक जानता हो या फिर खरीदने से पहले इन्टरनेट पर सर्च करें |
5. विश्वसनीय निर्माताओं और कंपनियों से ही खरीदें। ऐसे फ़ोन तनिक महंगे हो सकते हैं पर इनके कैमरे बिना नाम वाले सस्ते फ़ोन कैमरों से कहीं बेहतर हैं |
पहले समीक्षकों और अन्य भरोसेमंद स्रोतों द्वारा इनकी समीक्षा हो जाने की प्रतीक्षा करें, खासकर अगर ब्रांड की अनदेखी की गई हो तब |
7. चूँकि आजकल लगभग हर एक स्मार्टफोन multi camera सेटअप के साथ ही आ रहे हैं और यदि उनमे सेकेंडरी कैमरा डेप्थ सेंसर है तब खरीदने से पहले कैमरे को चालू करें और सेकेंडरी लेंस को हाथ से ढँक कर एक फोटो ले कर देखें |
यदि आपकी तस्वीरों में अभी भी बैकग्राउंड ब्लर आ रहा है तब इसका मतलब है कि डेप्थ सेंसर लेंस का कोई उपयोग नहीं है |
वैसे कुछ एंड्राइड सॉफ्टवेयर जैसे “DSLR Blur” बेहतर रिजल्ट्स दे सकते हैं |
अंतिम शब्द…
Multi camera सेटअप जो आजकल बहुत सामान्य सी बात हो गयी है एक समय में सिर्फ हाई एंड स्मार्टफ़ोन में ही मिलता था |
ये बात तो सही है कि एक अच्छा ड्यूल, ट्रिपल या क्वाड कैमरा सेटअप जो एक बेहतर सेंसर के साथ आता है स्मार्टफोन फोटोग्राफी में एक नया आयाम जोड़ता है जो हमें पहले नहीं मिलता था |
यहाँ अधिक से अधिक कैमरे जोड़ना ही हमेशा बेहतर नहीं है बल्कि आज की ज़रुरत है बड़े सेंसर, बेहतर AI, और कैमरा सॉफ्टवेयर अल्गोरिथम पर काम करने की जिससे तस्वीरें बेहतर से बेहतरीन हो सकें |
यहाँ पर समस्या फ्लैगशिप स्मार्टफोन (जैसे – iPhone, Samsung आदि ) के साथ नहीं है, लेकिन कुछ औसत दर्जे के स्मार्टफोन हैं जो अति साधारण multi camera सेटअप तो चुनते हैं पर ज़रुरत से अधिक महंगे दिखाई देते हैं।
उम्मीद करता हूँ आपको multi camera मोबाइल फोन पर की गयी यह बात चीत ज़रूर पसंद आई होगी और आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिला होगा |
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