Last Updated on September 25, 2023 by अनुपम श्रीवास्तव
कैमरा लेंस का फोटोग्राफी में वही महत्त्व है जो सिम कार्ड का मोबाइल से होता है |
जिस प्रकार बिना सिम कार्ड के आप मोबाइल से बात नहीं कर सकते उसी प्रकार बिना लेंस के आप कैमरा से सही फोटो नहीं खींच सकते |
सभी camera lens का एक ही मुख्य कार्य होता है : वे कैमरे के सामने के दृश्य से निकलने वाले प्रकाश को इकट्ठा करते हैं और इसे कैमरे के पीछे रखे डिजिटल सेंसर पर एक इमेज के रूप में प्रोजेक्ट करते हैं |
फोटोग्राफी की दुनियां में ऐसी बहुत सारी चीज़ें हैं जो आपके फोटो की क्वालिटी यानि गुणवत्ता निर्धारित करती हैं और इनमें से सबसे ज़रूरी होता है लेंस |
एक बढ़िया क्वालिटी के लेंस से आप साधारण कैमरे से शानदार तस्वीर खींच सकते हैं और वहीँ साधारण लेंस का उपयोग कर के आप बढ़िया कैमरा से भी अच्छी फोटो नहीं खींच पाएँगे |
इस बातचीत में आज हम जानेंगे कि
- कैमरा लेंस क्या है और कैसे काम करता है?
- लेंस के स्पेसिफिकेशन क्या होते हैं?
- लेंस के प्रकार क्या हैं (types of camera lenses)?
- फोटोग्राफिक कैमरे का अभिदृश्यक लेंस क्या होता है?
- विभिन्न प्रकार की फोटोग्राफी में कौन सा लेंस उपयोग करना है?
तो फिर देर किस बात की, आइये अपनी बातचीत को आगे बढाते हैं |
कैमरा लेंस क्या है | What is Camera Lens in Hindi?
अगर आपसे पूछा जाये कि फोटोग्राफी के लिए आपके डीएसएलआर या मिररलेस कैमरा में सबसे जरूरी भाग क्या है तो आपका उत्तर क्या होगा?
कैमरा बॉडी !!
जी नहीं, बॉडी जरूरी है पर एक हद तक |
यदि आपका उत्तर है लेंस तब आप बिलकुल सही हैं |
अगर आप बिना लेंस के केवल कैमरा बॉडी से फोटोग्राफी करेंगे तब आपको अपनी फोटो में केवल सफ़ेद रौशनी ही दिखाई देगी और कुछ नहीं |
वो कैमरा लेंस ही होता है जो बाहर की लाइट को फोकस कर सेंसर पर केन्द्रित करता है जिससे आपको एक बेहतर तस्वीर मिल सके |
कैमरा लेंस या फोटोग्राफिक लेंस एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग एक निश्चित फोकल बिंदु (फिल्म या सेंसर) पर प्रकाश लाने के लिए किया जाता है| जैसे ही कैमरा सेंसर पर लाइट फोकस होती है तभी फोटो का निर्माण होता है | |
ऊपर दी गयी ग्राफ़िक देखें :-
लेंस से होते हुए लाइट सीधा सेंसर के पास फोकस हो रही है और वहीँ आपको एक शार्प फोटो मिल जाती है |
यदि रौशनी किसी बिंदु पर मिलेगी नहीं तब इसका मतलब है कि आपका फोकस बढ़िया नहीं हो रहा है और इसी कारण से तस्वीर धुंधली आएगी |
लेंस के भीतर प्रकाश जहाँ आकर मिलता है (Convergence Point) वहां से कैमरा सेंसर/फ़िल्म की दूरी को ही फोकल लेंथ (f) कहा जाता है और इसे mm में नापा जाता है |
कैमरा में कौन सा लेंस होता है | Which Lens is Used in Camera?
कैमरा में उत्तल लेंस (Convex Lens) होता है |
नीचे ग्राफिक में उत्तल लेंस या Convex Lens देखें जो किसी सब्जेक्ट से टकरा कर आने वाले प्रकाश को इकठ्ठा करता है और फिर इसे कैमरा सेंसर पर प्रोजेक्ट करता है |
पर यह हमेशा नहीं होता है !
आमतौर पर एक लेंस में ऑप्टिकल त्रुटियां हो सकती हैं जैसे क्रोमेटिक अब्रेसन या रंगों का विस्थापन |
अगर कैमरा लेंस में एक ही लेंस एलिमेंट का उपयोग किया जायेगा तब आने वाली लाल, हरी और नीली (RGB) लाइट अलग अलग पॉइंट पर फोकस करेगी जिसके कारण कुछ रंगों का विस्थापन (इधर उधर होना) हो जायेगा और फोटो खराब हो जाएगी |
लेंस की इन ऑप्टिकल गलतियों को सुधारने के लिए कॉम्बिनेशन या ग्रुप में लेंसों का प्रयोग किया जाता है |
इसीलिए हम कह सकते हैं कि बढ़िया क्वालिटी के लेंसों में उत्तल लेंस (Convex Lens) और अवतल लेंस (Concave Lens) के कॉम्बिनेशन का उपयोग होता है |
अवतल लेंस लगाने के कारण मैग्नीफ़िकेशन भी बढ़ जाता है जिससे ज़ूम करने में भी सहायता होती है इसलिए ज़ूम लेंसों में ख़ास तौर पर इनका इस्तेमाल होता है |
उदहारण के लिए आप नीचे दिए गए विविटार के 70-200mm ज़ूम लेंस को देखें तो पाएंगे कि इनमें उत्तल और अवतल लेंसों का उपयोग किया गया है |

फोटोग्राफिक लेंस के कितने भाग होते हैं | Parts of Camera Lens in Hindi
लेंस के भीतर कई शीशे होते हैं जिनमें से कुछ तो फिक्स होते हैं और बाकी फोकस या ज़ूम करने के दौरान इधर उधर हो सकते हैं |
इतनी सारी चीज़ें भीतर रहने के कारण लेंस को लेंस बैरल भी कहा जाता है |
किसी कैमरा लेंस को अगर आप ऊपर से देखेंगे तब उनमें बहुत सारे कण्ट्रोल दिखेंगे जिसके बारे में आपको ऊपर दी गयी तस्वीर में समझाया गया है |
फोटोग्राफिक लेंस में ये पार्ट्स होते हैं :-
फ़िल्टर थ्रेड | लेंस के ऊपर अलग से फ़िल्टर लगाने के लिए |
ज़ूम रिंग | घुमा कर ज़ूम करने के लिए |
फोकस रिंग | घुमा कर फोकस करने के लिए |
इमेज स्टेबिलाइजेशन कण्ट्रोल | तस्वीर को हिलने से बचने के लिए |
लेंस माउंट | लेंस और कैमरा बॉडी के बीच एक कनेक्शन इंटरफ़ेस |
फोकल लेंथ मार्किंग | फोकल लेंथ की संख्या |
लेंस स्पेसिफिकेशन मार्किंग | लेंस की जानकारी (फोकल लेंथ, अपर्चर, लेंस डायामीटर ) |
अपर्चर मार्किंग | अपर्चर की संख्या |
कैमरा लेंस पर बने Letters और Numbers का क्या मतलब है?
जब भी आप कैमरा लेंस के ऊपर देखते होंगे तो यह जरूर सोचते होंगे कि इन नंबरों और अक्षरों का क्या मतलब होता है |
क्या आप को पता है इन मार्किंग के बारे में जानन आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि :-
- इनकी मदद से आप लेंस के बारे में जान सकते हैं |
- आप पता कर सकते हैं कि अमुक लेंस आपकी फोटोग्राफी शैली के लिए जरूरी है कि नहीं |
- कई लेंस में से अपनी पसंद का लेंस खरीद सकते हैं |
उदहारण के लिए लिए हम ऊपर दिखाए गए लेंस की स्पेसिफिकेशन लेते हैं :-
Canon Zoom lens EF-S 18-55mm 1:3.5-5.6 IS II Ø58mm
हांलाकि लेंस की स्पेसिफिकेशन कंपनी के हिसाब से अलग हो सकती है पर काफी कुछ एक जैसा ही होता है |
18-55mm | यह फोकल लेंथ की रेंज है और यह बताती है कि आपका लेंस एक ज़ूम लेंस है जिसमें 18mm का वाइड एंगल है और 55mm का टेलीफोटो है | अगर आपके लेंस पर केवल एक ही नंबर है जैसे 50mm तब इसका मतलब वह एक प्राइम लेंस है और ज़ूम नहीं हो सकता है | |
1:3.5-5.6 | यह संख्या आपके लेंस के अधिकतर अपर्चर को बताती है जिससे आपको पता चलता है कि आपका लेंस कितना खुल सकता है | जैसे यहाँ पर आपका लेंस का मिनिमम अपर्चर है f/3.5 और अधिकतम f/5.6| जैसे ही आप लेंस को ज़ूम कर 55mm पर पहुचेंगे तब आप f/5.6 से बड़ा अपर्चर नहीं खोल पाएंगे | यहाँ पर आप जो “1 :” देख रहे हैं उसका मतलब है कि एपर्चर संख्या को अनुपात (रेश्यो) के रूप में मापा जाता है | |
Ø58mm | यह आपके लेंस का बाहरी डियामीटर (व्यास) बताता है | इसकी जरूरत आपको लेंस के ऊपर कोई फ़िल्टर या कैप लगाने के लिए होती है | जैसे इस लेंस के लिए आपको 58 mm व्यास वाला फ़िल्टर लेना होगा तभी वह इस लेंस पर फिट बैठेगा | |
IS – कैनन : Image Stabilization VR – निकोन : Vibration Reduction OSS – सोनी : Optical Steady Shot OS – सिग्मा : Optical Stabilization VC – टैमरोन : Vibration Compensation | यह सब अक्षरों का मतलब है इमेज स्टेबिलाइजेशन फीचर का लेंस में होना | आप देख ही रहे होंगे कि अलग अलग कम्पनी में इस फीचर को अलग अलग ढंग से लेंस पर दिखाया जाता है | अक्षर कोई भी हो यदि आपके लेंस में यह है तब इसका मतलब है कुछ हद तक आपको हिलने डुलने से फोटो पर प्रभाव नहीं पड़ेगा | |
II | इस संख्या का मतलब है कि यह लेंस का दूसरा वर्शन है | |
EF-S – कैनन DX – निकोन E /DT – सोनी DC – सिग्मा DI II – टैमरोन | यह सब लेंस माउंट को बतलाते हैं | यह सभी प्रकार के लेंस क्रॉप सेंसर कैमरा के लिए होते हैं | इन लेंसों को अगर आप फुल फ्रेम कैमरा पर लगायेंगे तब आपको छोटा व्यू मिलेगा |
EF – कैनन FX – निकोन FE – सोनी DG – सिग्मा DI – टैमरोन | यह सभी मार्किंग फुल फ्रेम कैमरा लेंस के लिए होती है | इन लेंसों को आप क्रॉप सेंसर कैमरा के लिए भी उपयोग कर सकते हैं | |
कैमरा लेंस के प्रकार क्या हैं | What are the Types of Camera Lenses in Hindi?
कैमरे में अलग अलग प्रकार के लेंसों का उपयोग किया जाता है जिसे अलग अलग प्रकार की फोटोग्राफी के दौरान उपयोग में लाया जाता है |
यदि आप camera lens types बारे में जान जाते हैं तब आप हर तरह की परिस्थितियों में इनका सही इस्तेमाल कर पाएंगे |
यहाँ जानने वाली बात यह कि एक ही सिद्धांत विभिन्न ब्रांडों (कैनन, सोनी या निकोन) और विभिन्न प्रकार के कैमरा बॉडी ( डीएसएलआर या मिररलेस) पर लागू होता है |
कैमरा लेंस के प्रकार | Types of Camera Lenses
- प्राइम लेंस | Prime Lens
- ज़ूम लेंस | Zoom Lens
- वाइड एंगल लेंस | Wide Angle Lens
- टेलीफ़ोटो लेंस | Telephoto Lens
- मैक्रो लेंस | Macro Lens
- फिश ऑय लेंस |Fish Eye Lens
- टिल्ट शिफ्ट लेंस | Tilt Shift Lens
आइये डिटेल में जानते हैं कि फोटोग्राफी की दुनियां में लेंस कितने प्रकार के होते हैं |
1. स्टैण्डर्ड, फिक्स्ड या प्राइम लेंस | Standard, Fixed or Prime Lens
ऐसे लेंस जिनका फोकल लेंथ फिक्स्ड रहता है और जिन्हें आप ज़ूम नहीं कर सकते उन लेंसों को प्राइम लेंस कहा जाता है |
जैसे आपके पास एक 50mm का प्राइम लेंस है तब आप केवल इसी फोकल लेंथ पर ही तस्वीर खींच सकते हैं और ज़ूम करने के लिए आपको आगे या पीछे होना पड़ेगा |
Prime Lenses में बड़े एपर्चर (f2.8 से f1.2 तक) होते हैं और इसीलिए यह ज़ूम लेंस या सामान्य लेंस से बेहतर माने जाते हैं |
क्या आप जानते हैं कि प्राइम लेंस बहुत ही मशहूर हैं और वह सभी प्रकार की फोटोग्राफी में प्रयोग में लाये जाते हैं |
जैसे –
- 24mm / 35mm प्राइम – स्ट्रीट फोटोग्राफी
- 50mm /85mm प्राइम – पोर्ट्रेट फोटोग्राफी
- 200mm / 500mm प्राइम – वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी
निफ्टी फिफ्टी (Nifty-Fifty) लेंस क्या है?
फोटोग्राफी के प्राइम लेंसों की दुनियां में निफ्टी फिफ्टी बड़ा ही मशहूर शब्द है |
50mm प्राइम लेंस को ही निफ्टी फिफ्टी लेंस कहा जाता है क्योंकि यह पोर्ट्रेट फोटोग्राफी के लिए इस्तेमाल होता है और ऐसा माना जाता है कि 50mm वही फोकल लेंथ है जिसपर हमारी आँखें इस दुनियां को देखती हैं |
इसलिए 50mm प्राइम लेंस पोर्ट्रेट के लिए बहुत ही अच्छा लेंस होता है और इससे बहुत ही बढ़िया और डिसटॉर्ट रहित तस्वीर आती है
प्राइम लेंस के फायदे
- अन्य प्रकार के कैमरा लेंस की तुलना में शार्प इमेज क्वालिटी
- बड़ा अपर्चर
- लो लाइट में बेहतर फोटोग्राफी
- वजन में हल्का
- दाम में कम
प्राइम लेंस की सीमायें
- फिक्स्ड फोकल लेंथ और ज़ूम नहीं कर सकते
- विभिन्न प्रकार की फोटोग्राफी के लिए अलग अलग लेंसों की जरूरत
2. ज़ूम लेंस | Zoom Lens
सबसे पहले तो आप यह समझें कि ज़ूम का मतलब होता क्या है?
ज़ूम = दूर की चीज़ को पास लाना = छोटे से बड़े फोकल लेंथ पर जाना
इसका मतलब यदि आप फोटो खींचते हुए 24 mm फोकल लेंथ से 50 mm पर चले गए तब आपने दोगुना ज़ूम कर लिया |
नहीं समझ आया, चलिए बात को और सरल बनाते हैं :
बहुत ही बुनियादी तौर पर कहें तो फोकल लेंथ हमें बताता है की हमारा लेंस कितना ज़ूम हुआ है |
फोकल लेंग्थ की संख्या जितनी अधिक होगी उतना ही ज़ूम हमें मिलेगा और हमारा फील्ड ऑफ़ व्यू उतना ही छोटा होता जायेगा |
तो इस तरह हम कह सकते हैं कि Zoom Lens वह लेंस होते हैं जिनमें आप बिना आगे पीछे किये तरह तरह के फोकल लेंथ पर फोटो खींच सकते हैं |
जूम लेंस का फायदा यह होता है कि आपको बार बार लेंस बदलना नहीं पड़ता है और आप एक ही स्थान पर रहते हुए सभी प्रकार की फोटो खींच पाते हैं |
उदहारण के लिए आप ऊपर फोटो में देखें तो पाएंगे कि 24-105mm ज़ूम लेंस को आप 24mm फोकल लेंथ से लेकर अधिकतम 105mm तक ले जा सकते हैं |
ज़ूम लेंस भी दो प्रकार के होते हैं :-
- कांस्टेंट अपर्चर – इनका अपर्चर पूरे ज़ूम भर में एक जैसा ही रहता है (जैसे 70 -200mm, f/2.8)
- वेरिएबल अपर्चर – इनका अपर्चर ज़ूम करें के साथ ही कम होता रहता है ( जैसे 55-200 mm. f/4-5.6)
Zoom lens के फायदे
- बार बार लेंस बदलने का झंझट नहीं
- तरह तरह के फोकल लेंथ एक ही लेंस में मौजूद
- एक ही स्थान पर रहकर दूर की फोटो ली जा सकती है
- सभी तरह की फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन
Zoom lens की सीमायें
- अपेक्षाकृत भारी
- फुल ज़ूम पर शार्पनेस में कमी
- ज़ूम करने पर अधिकतर ज़ूम लेंस में अपर्चर कम होना
3. वाइड एंगल कैमरा लेंस | Wide Angle Camera Lens
जैसा कि नाम से ही लग रहा है वाइड एंगल लेंस मतलब ऐसे लेंस जो बहुत ही चौड़े शॉट्स ले सके |
कई बार हम लोग कोई ग्रुप फोटो क्लिक करना चाहते हैं और तब देखते हैं कि सभी लोग फ्रेम में फिट नहीं हो पा रहे हैं |
अगर आपके पीछे जाने के लिए जगह है तब तो ठीक पर यदि पीछे की ओर जाने के लिए जगह नहीं है तब आप क्या करेंगे?
इस तरह की परेशानी को आप wide angle lens के साथ सुलझा सकते हैं जिससे सब कुछ आपकी फ्रेम के भीतर ही आ जायेगा |
आम तौर पर एक साधारण कैमरा लेंस का फोकल लेंथ 24mm होता है और जितना यह नंबर कम होता जायेगा उतना ही चौड़ाई बढती जाएगी |
वाइड एंगल लेंस का उपयोग लैंडस्केप और आर्किटेक्चरल फोटोग्राफी के लिए भरपूर किया जाता है जहाँ बहुत ही चौड़े कैनवास को शूट करना होता है |
वाइड एंगल लेंस में आपको प्राइम जैसे 20mm /16mm /12mm और ज़ूम जैसे 10-18mm लेंस भी मिल जायेंगे |
अब एक प्रश्न जो अक्सर आता है कि अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस क्या होता है जो अक्सर आजकल के मोबाइल फोन में भी दिख जाता है?
वाइड एंगल और अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा लेंस में क्या अंतर है?
वाइड एंगल लेंस | Wide Angle Lens
35 से 24mm तक के फोकल लेंथ वाले कैमरा लेंस को वाइड एंगल लेंस कहा जाता है |
वाइड एंगल लेंस का व्यू एंगल 60 से 85 डिग्री तक होता है |
अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस | Ultra Wide Angle Lens
21 से 12mm तक के फोकल लेंथ वाले लेंस को अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस कहा जाता है |
अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस का व्यू एंगल 95 से 118 डिग्री तक होता है |
वाइड एंगल लेंस के फायदे
- फोटो में आगे से पीछे तक बढ़िया डेप्थ और पूरा फोकस
- चौड़ा फील्ड ऑफ़ व्यू
- प्राइम और ज़ूम में उपलब्ध
वाइड एंगल लेंस की सीमायें
- शैलो डेप्थ ऑफ़ फील्ड और बैकग्राउंड ब्लर संभव नहीं
- कुछ सस्ते अल्ट्रा वाइड एंगल लेंसों के कोने पर तिरछापन (डिसटॉर्शन)
4. टेलीफोटो लेंस | Telephoto lens
टेलीफोटो लेंस ऐसे प्रकार के लेंस होते हैं जिनका फोकल लेंथ बहुत अधिक होता है (100mm से अधिक)
ऐसे लेंसों का उपयोग दूरी पे रहकर ही कुछ ख़ास तरह की फोटोग्राफी करने के लिए होता है जैसे स्पोर्ट्स, एस्ट्रो या वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी |
टेलीफोटो लेंस प्राइम और ज़ूम दोनों तरह के हो सकते हैं और यह काफी भारी होते हैं इसलिए इनके इस्तेमाल के लिए ट्राईपोड की जरूरत पड़ती है |
फोकल लेंथ के हिसाब से इन लेंसों को भी टेलीफोटो और सुपर टेलीफोटो में बांटा जा सकता है |
टेलीफोटो और सुपर टेलीफोटो लेंस में क्या अंतर है?
टेलीफोटो लेंस | Telephoto Lens
100mm से लेकर 600mm वाले फोकल लेंथ के लेंस को टेलीफोटो कहते हैं |
कुछ उदहारण हैं – 100-400mm, 300mm, 500mm, 150 – 600mm
सुपर टेलीफोटो लेंस | Super Telephoto Lens
600mm से ऊपर फोकल लेंथ वाले लेंस सुपर टेलीफोटो की श्रेणी में आते हैं |
कुछ उदहारण हैं – 600mm, 800mm, 1000mm, 2000mm
टेलीफोटो लेंस के फायदे
- बहुत दूर से ही शॉट लिया जा सकता है
- शैलो डेप्थ ऑफ़ फील्ड मिलता है
- क्रॉप सेंसर कैमरा में और अधिक ज़ूम मिलता है
- प्राइम और ज़ूम में उपलब्ध
टेलीफोटो लेंस की सीमायें
- काफी भारी होते हैं इसलिए रखरखाव में तनिक परेशानी
- ट्राईपोड की जरूरत ख़ास कर सुपर टेलीफोटो लेंस में
- काफी महंगे मिलते हैं
- कम दूरी पर फोकस नहीं होते हैं
5. मैक्रो लेंस | Macro Lens
कई बार आपने कुछ ऐसी तस्वीरें देखी होंगी जिसमें फूलों के भीतरी भाग को बड़े ही करीब से दिखाया गया होता है या फिर छोटे छोटे कीड़े मकोड़े को बहुत बड़ा सा दिखाया जाता है |
आप सोचते होंगे कि ऐसी तस्वीरें कैसे ली जाती होंगी?
तो इसका जवाब है मैक्रो लेंस के प्रयोग से |
मैक्रो लेंस एक ऐसा लेंस है जिसकी मदद से आप बिलकुल नजदीक जा कर भी पूरे फोकस में तस्वीर खींच सकते हैं जो आम लेंस के साथ संभव नहीं है |
मैक्रो लेंस का मैग्नीफ़िकेशन रेश्यो 1:1 का होता है जिसका मतलब आप इसकी मदद से छोटी से छोटी डिटेल्स को भी ऐसा दिखा सकते हैं जैसा आप अपनी आँखों से देख रहे हों |
यदि आपके मैक्रो लेंस का मैग्नीफ़िकेशन रेश्यो 1:2 है तब इसका मतलब है कि आपको जो फाइनल तस्वीर मिलेगी उस सब्जेक्ट के आकार की आधी होगी उसी तरह 5:1 का मतलब है आप की फोटो सब्जेक्ट के आकार से पांच गुना बड़ी होगी |
इस प्रकार के लेंस आम तौर पर 35 से 200mm तक आते हैं |
35-60mm | इतने फोकल लेंथ के मैक्रो लेंस से आप 6 इंच निकट से भी बढ़िया फोकस पा सकते हैं | निर्जीव वस्तुओं की क्लोज अप फोटोग्राफी के लिए यह बढ़िया हैं | |
90-105mm | इस फोकल लेंथ पर आप कर्रेब एक फुट या उससे दूर पर फोकस कर सकते हैं | ऐसे मैक्रो लेंस फूल, पत्तियां, पौधों और कीड़ों की तस्वीरें खींचने के लिए उपयुक्त हैं | |
150-200mm | यदि आप किसी जीव का क्लोजअप बिना डराए हुए लेना चाहते हैं तब आप इन फोकल लेंथ का उपयोग कर सकते हैं | इन फोकल लेंथ पर आप दूर से ही अपने सब्जेक्ट पर क्लोज फोकस कर सकते हैं | |
मैक्रो लेंस के फायदे
- एक्सट्रीम क्लोजअप शॉट्स जो आम लेंस से संभव नहीं
- छोटे से छोटे आकार को भी बड़ा बना सकता है
- कम दूरी पर बेहतरीन फोकस और शार्प तस्वीर
मैक्रो लेंस की सीमायें
- बहुत ही ख़ास तरह की फोटोग्राफी के लिए
- अपेक्षाकृत महंगे
6. फिश आई कैमरा लेंस | Fish Eye Camera Lens
जैसा नाम वैसा काम |
फिश आई का मतलब है मछली की आँख |
जिस तरह से मछली बहुत ही चौड़ा देख सकती है उसी तरह से फिश आई कैमरा लेंस का फील्ड ऑफ़ व्यू बहुत ही चौड़ा होता है |
अब आप पूछेंगे कि कि भई……. चौड़ा फील्ड ऑफ़ व्यू तो अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस में भी होता है तब इसमें क्या ख़ास है?
माना कि एक अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस काफी चौड़ा फील्ड ऑफ़ व्यू दिखाता है पर फिश आई लेंस से खींची हुई तस्वीर के कोने घुमावदार होते हैं जिसे एज डिसटॉर्शन भी कहते हैं (ऊपर तस्वीर देखें) |
एक अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस में एज डिसटॉर्शन को रोकने के लिए लेंस के भीतर एक स्पेशल लेंस एलिमेंट को लगाया जाता है जिसे अस्फेरिकल लेंस एलिमेंट कहते हैं
फिश आई कैमरा लेंस को बहुत ही ख़ास तरह की फोटोग्राफी में इस्तेमाल किया जाता है जहाँ एक बड़े पैनोरमिक व्यू की आवश्यकता होती है |
ये लेंस 180 डिग्री तक के एंगल के फोटो खींच सकते हैं और इसलिए इनके कोने घुमावदार हो जाते हैं |
यदि आपके पास एक गोप्रो कैमरा है तब भी आप अपने फोटो और वीडियो में फिश आई इफ़ेक्ट पा सकते हैं क्योंकि इन कैमरों का फोकल लेंथ काफी कम होता है |
आम तौर पर 4 – 18 mm फोकल लेंथ के फिश आई लेंस काफी चलन में हैं जिनमें 8mm तो बहुत ही मशहूर है |
फिश आई कैमरा लेंस के फायदे
- बहुत चौड़ा फील्ड ऑफ़ व्यू
- छोटी जगह पर भी सब्जेक्ट पूरे फ्रेम में
- प्राइम और ज़ूम में उपलब्ध
- बड़े अपर्चर में उपलब्ध
फिश आई कैमरा लेंस की सीमायें
- कुछ ख़ास तरह की फोटोग्राफी के लिए ही
- तस्वीर के कोने पर घुमाव (डिसटॉर्शन)
7. टिल्ट शिफ्ट लेंस | Tilt Shift Lens

फोटोग्राफी में अगर हम परिपेक्ष्य यानि पर्सपेक्टिव की बात करें तब साधारण कैमरा लेंस वही दिखाते हैं जो हमारी आँखें वास्तव में देख सकती हैं |
पर क्या हो अगर आपका परिपेक्ष्य ही बदल जाये?
जहाँ साधारण लेंस और कैमरा सेंसर एक ही क्षैतिज एंगल पर होते हैं वहीँ टिल्ट शिफ्ट लेंस सेंसर की पोजीशन से तनिक हट के होता है |
इसका मतलब लेंस और सेंसर एक ही फोकल प्लेन पर नहीं होते हैं जैसा आम लेंसों में होता है |
इसी कारण जैसा हमें साधारण लेंसों से दिखता है उसके बिलकुल विपरीत टिल्ट शिफ्ट लेंस के प्रयोग से आप पा सकते हैं |
लेंस और कैमरे के सेंसर के बीच की सतह के कोण को बदलकर आप फोकस के पैमाने और डेप्थ ऑफ़ फील्ड को बदल सकते हैं |
इन्हीं पैमानों को बदलने से आप वास्तविक दुनियां के शॉट्स को बिलकुल मिनिएचर या लघु रूप में दिखा सकते हैं |
लेंस को झुका (टिल्ट) कर या शिफ्ट कर आप अपने सब्जेक्ट के पीछे के ब्लर को भी एडजस्ट कर सकते हैं |
टिल्ट शिफ्ट लेंस 17mm, 24mm, 35mm, 45mm, 90mm फोकल लेंथ में आते हैं |
यदि आपके मन में यह प्रश्न है कि टिल्ट शिफ्ट लेंस का क्या काम है, तो इसका उत्तर है:-
- टिल्ट शिफ्ट लेंस की मदद से आप तस्वीर में खड़ी रेखाओं को सीधा दिखा सकते हैं जो आम लेंस से नहीं हो सकता |
- यह अधिकतर आर्किटेक्चरल फोटोग्राफी और पैनोरमा में बहुत काम आते हैं जहाँ सभी कोनों और रेखाओं को सीधा दिखाना होता है |
- मिनिएचर फेकिंग यानि असली दृश्य को नकली और छोटे आकार का दिखाने के लिए काम आता है |
- कुछ ख़ास भाग को ब्लर करने के लिए टिल्ट शिफ्ट लेंस का इस्तेमाल होता है |
टिल्ट शिफ्ट लेंस के फायदे
- पर्सपेक्टिव यानि परिपेक्ष्य बदल सकते हैं
- चौड़े फ्रेम में भी तस्वीर के कोने एकदम सीधे रहते हैं |
- कुछ ख़ास भाग पर डेप्थ ऑफ़ फील्ड को कण्ट्रोल कर सकते हैं |
टिल्ट शिफ्ट लेंस की सीमायें
- कुछ ख़ास तरह की फोटोग्राफी के लिए ही
- अपेक्षाकृत भारी
फोटोग्राफी के हिसाब से कैमरा लेंस का इस्तेमाल | Types of Camera Lenses for Different Photography
फोकल लेंथ | कैमरा लेंस के प्रकार | फोटोग्राफी के प्रकार |
4-14 mm | फिश आई लेंस | पैनोरमा, सिटीस्केप, लैंडस्केप, एब्सट्रैक्ट, क्रिएटिव फोटोग्राफी |
12-21 mm | अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस | लैंडस्केप, आर्किटेक्चर और रियल एस्टेट फोटोग्राफी |
24 -35 mm | वाइड एंगल लेंस | इंटीरियर, लैंडस्केप और आर्किटेक्चर फोटोग्राफी |
35- 85 mm | स्टैण्डर्ड लेंस | पोर्ट्रेट, स्ट्रीट, यात्रा और वेडिंग फोटोग्राफी |
50 mm | निफ्टी फिफ्टी लेंस | पोर्ट्रेट फोटोग्राफी |
35, 50, 85, 135 mm | प्राइम लेंस | पोर्ट्रेट, स्ट्रीट, यात्रा और रोजमर्रा की फोटोग्राफी |
55 – 200 mm | ज़ूम लेंस | पोर्ट्रेट, वेडिंग, वाइल्डलाइफ, स्ट्रीट और कैंडिड फोटोग्राफी |
100 – 600 mm | टेलीफोटो लेंस | वाइल्डलाइफ, स्पोर्ट्स और एक्शन फोटोग्राफी |
400 – 2000 mm | सुपर टेलीफोटो लेंस | वाइल्डलाइफ, स्पोर्ट्स और एस्ट्रोफोटोग्राफी |
35 – 200 mm (मैक्रो) | मैक्रो लेंस | क्लोजअप और एक्सट्रीम क्लोजअप फोटोग्राफी |
17 – 90 mm (टिल्ट शिफ्ट) | टिल्ट शिफ्ट लेंस | आर्किटेक्चर, मिनिएचर एब्सट्रैक्ट और क्रिएटिव फोटोग्राफी |
और अंत में…
कैमरा लेंस एक ऐसा विषय है जिसमें अक्सर लोगों को बहुत कनफ्यूजन रहता है ख़ास कर लेंस पर दी गयी मार्किंग में |
हमारे इस विस्तृत कैमरा लेंस गाइड का यह मकसद है कि आपको सरल भाषा में एक ही स्थान पर लेंस से सम्बंधित सभी जानकारी मिल जाये |
फोटोग्राफी में हर परिस्थिति के हिसाब से लेंस हैं और यदि आपने एक कैमरा खरीद लिया है तब लेंस अपनी जरूरत का ही खरीदें |
उदहारण के लिए अगर आपको वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में रुचि है तब आपको बढ़िया टेलीफोटो लेंस में निवेश करना होगा |
हमें कमेंट कर बताएं कि आपको types of camera lenses की यह बातचीत कैसी लगी और आप कौन सा लेंस इस्तेमाल करते हैं |
फोटोग्राफी से जुड़े ऐसे ही पोस्ट को सबसे पहले पढ़ने के लिए यात्राग्राफ़ी को सब्सक्राइब करें |
इस उपयोगी पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे सभी लोग इसका लाभ ले सकें |
Camera Lens [FAQ]
A. Aspherical camera में एक ऐसा लेंस होता है जो गोलाकार नहीं होता है और उसमें non-spherical elements होते हैं | जबकि बाकी लेंसों में spherical elements होते हैं | ये गैर-गोलाकार तत्व लेंस को प्रकाश को बेहतर ढंग से फोकस करने में मदद करते हैं जिससे शार्प तस्वीर आ सके |
A. camera men convex lens hota hai.
A. साधारण कैमरे में उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है जबकि बढ़िया कैमरा लेंस में उत्तल और अवतल लेंस का कॉम्बिनेशन का प्रयोग होता है |
A. टेलीफोटो लेंस ऐसे प्रकार के लेंस होते हैं जिनका फोकल लेंथ बहुत अधिक होता है (100mm से अधिक)
A. MM का मतलब है millimeter और यह focal length नापने के काम आता है |
A. Convex Lens
Dear sir bahut achha laga read karne se
Sir koi esha site ho
आभार आपका | विजिट करते रहे
Yes no doubt it’s easier to understand for them who are from Hindi medium
Thanks and keep visiting